चेन्नई डूबी. वेनिस डूब रहा है. रॉटरडम, बैंकॉक और न्यूयॉर्क भी डूब रहे हैं. समंदर धीरे-धीरे इन शहरों को निगल रहा है. इनकी जमीन धंसती जा रही है. इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता पिछले 25 साल में 16 फीट धंस चुका है. कुछ हिस्से तो इतनी तेजी से पाताल में जा रहे हैं कि उन्हें बचाने का प्रयास भी मुश्किल है. पर लोग बचाना चाहते हैं. अब देखना ये है कि क्या सच में इस शहर को बचा पाएंगे.
इंडोनेशिया के अरबपति एंथनी सलीम जकार्ता को डूबने से बचाने के लिए नई योजना लेकर आए हैं. वो एक नूडल बनाने वाली कंपनी के मालिक हैं. उन्हें पता है कि दुनिया में सबसे तेज समंदर में डूबने वाला शहर जकार्ता है. जकार्ता को बचाने के लिए सिर्फ सात साल हैं. नहीं तो यह खूबसूरत शहर जावा सागर में डूब जाएगा. या इसका बड़ा इलाका जलमग्न होगा.
एंथनी सलीम की कंपनी को सरकार की तरफ से 1.10 करोड़ लोगों के लिए पीने लायक पानी की पाइपलाइन बिछाने का काम भी मिला है. इस समय जकार्ता के तीन में एक नागरिक को पीने का पानी नहीं मिल रहा है. पानी की कमी के चलते जकार्ता में कई अवैध कुएं खुले हैं. पूरे शहर में ये कुएं हैं. इससे भूजल (Underground Water) खत्म हो गया है.
भूजल खत्म होने से धंस रही है जमीन
भूजल खत्म होने से ऊपरी जमीन कमजोर होती जा रही है. इसी वजह से जमीन धंसती है. या समंदर में कट-कट कर गिर जाती है. अगर सलीम ने जकार्ता के हर घर में पीने के पानी का पाइपलाइन पहुंचा दिया, तो कुओं की जरूरत नहीं पड़ेगी. इससे भूजल का इस्तेमाल नहीं होगा. धीरे-धीरे जमीन की मजबूती वापस आएगी. भूधंसाव रुकेगा. शहर डूबेगा नहीं.
सलीम फेल हुए तो मचेगी अफरा-तफरी
डट वॉटर रिसर्च इंस्टीट्यूट डेल्टारेस के फ्लड एक्सपर्ट जनजाप ब्रिंकमैन ने कहा कि अगर एंथनी सलीम इस काम में फेल होते हैं तो दुनिया के दूसरे सबसे बड़े शहर में अफरा-तफरी मच जाएगी. पूरा शहर धंसेगा. समंदर का पानी शहर में घुस जाएगा. इसके ऊपर बड़ी समस्या है समुद्री तूफानों का आना. समुद्री जलस्तर का बढ़ना. तेज जलवायु परिवर्तन.
इस प्रोजेक्ट पर कोई हाथ नहीं डाल रहा था
ब्रिंकमैन ने कहा कि अगर जकार्ता की जमीन धंसी तो समंदर को शहर में घुसने का मौका मिल जाएगा. जो कि इस पूरे शहर के लिए बेहद खतरनाक होगा. एंथनी सलीम के लिए पानी की पाइपलाइन का प्रोजेक्ट व्यक्तिगत तौर पर बहुत जरूरी है. वो खुद इसके जरिए जकार्ता को समंदर में डूबने से बचाना चाहते हैं. क्योंकि सरकार ने जब इस प्रोजेक्ट के लिए पूछा तो सिर्फ एक-दो कंपनियों ने ही इसमें रुचि दिखाई. फिर यह प्रोजेक्ट सलीम को दिया गया.
बड़ी जिम्मेदारी है सलीम पर
सलीम के पास शहर के पांच बड़े वाटर ट्रीटमेंट प्लांट भी हैं. उन्हें वहीं चला रहे हैं. जिसका आधे से ज्यादा पानी 2048 तक बेचना शुरू किया जाएगा. साथ ही इन ट्रीटमेंट प्लांट्स की संख्या को दोगुना करने की जिम्मेदारी भी सलीम के पास है. साथ ही इस दशक के अंत तक पानी के पाइपलाइन कनेक्शन को भी दोगुना करना है.