Japan में 1 जनवरी 2024 को 7.6 तीव्रता के भूकंप ने तटों का नक्शा बदल दिया है. नोटो प्रायद्वीप (Noto Peninsula) के 90 किलोमीटर लंबे तट कई जगहों पर 13 फीट ऊपर उठ गए हैं. तो कई जगहों पर तटों से पानी 800 फीट से ज्यादा पीछे खिसक गया है. कुल मिलाकर चार वर्ग किलोमीटर का इलाका जो समंदर के अंदर था, वो बाहर आ चुका है.
इस स्टोरी में नीचे दिए गए तस्वीरों के तीन कॉम्बीनेशन में आपको ये बात स्पष्ट तौर पर दिख जाएगी... कि इतनी तीव्रता का भूकंप क्या-क्या कर सकता है. इन तस्वीरों नाहेल बेलघेर्ज (Nahel Belgherze) ने अपने X हैंडल पर शेयर किया है.
अगर आप चार वर्ग किलोमीटर का इलाका समझना चाहते हैं तो इसे न्यूयॉर्क के सेंट्रल पार्क की लंबाई से नाप सकते हैं. यह इलाका 3.4 वर्ग किलोमीटर का है. किसी देश के हिसाब से 4 वर्ग किलोमीटर का इलाका बहुत बड़ी बात नहीं है. लेकिन जब यह किसी छोटे से राज्य यानी परफेक्चर के लिए कही जाती है, तो ये बहुत ज्यादा बड़ी बात होती है.
जापान में कुल मिलाकर 47 परफेक्चर हैं. ये वर्गीकरण क्षेत्रफल के अनुसार किया गया है. नोटो प्रायद्वीप पर सबसे बड़ा परफेक्चर इशिकावा (Ishikawa) का है. यहीं पर चार वर्ग किलोमीटर का इलाका बढ़ा है. नीचे दिए गए ग्राफ में इसकी डिटेल जानकारी है कि कैसे द्वीप चार मीटर ऊपर उठा (Vertical Displacement) है. जबकि 2 मीटर फैला है यानी Horizontal Diplacement.
कुछ जगहों पर तो जमीन ही पूरी की पूरी पश्चिम दिशा की तरफ खिसक गई है. वह भी दो मीटर या उससे ज्यादा. इशिकावा के वाजिमा में भूकंप की वजह से तट 250 मीटर खिसक गया है. प्रायद्वीप के उत्तर में मौजूद बंदरगाहों से समंदर का पानी खिसकर कर पीछे चल गया है. पूरा का पूरा पोर्ट खाली हो चुका है. जहां कई फीट गहराई थी, अब वहां सूखा पड़ा है.
जापानी मीडिया संस्थान अशाई शिम्भून के मुताबिक इशिकावा परफेक्टर के 15 फिशिंग तट भूकंप के बाद ऊपर उठ चुके हैं. भूकंप की वजह से कई तट सूख से गए हैं. अब तटों पर नावों का पहुंचना मुश्कल हो गया है.
टोक्यो यूनिवर्सिटी के के शोधकर्ताओं ने कहा है कि भूकंप के बाद नोटो प्रायद्वीप में काइसो से आकासाकी तक दस जगहों पर तटीय जमीन ऊपर उठी है. यानी तट से समंदर की दूरी बढ़ गई है. इसे कोसीस्मिक कोस्टल अपलिफ्ट कहते हैं. आकासाकी बंदरगाह पर 14 फीट ऊंची सुनामी लहरें आई थीं. यह पता चला है वहां की इमारतों की दीवारों पर पड़े निशान से. जापानी स्पेस एजेंसी JAXA के ALOS-2 सैटेलाइट ने भी कोस्टल अपलिफ्ट को दर्ज किया है.