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Japan's Slim Moon Mission: पांच महीने की यात्रा पूरी, आज रात चांद पर लैंड करेगा Japan का मून मिशन...

Japan का SLIM मून मिशन आज रात करीब 8:50 बजे के आसपास चांद की सतह पर लैंडिंग करेगा. सफलता मिली तो सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला 5वां देश बन जाएगा. इसी के साथ स्लिम स्पेसक्राफ्ट की पांच महीने की यात्रा पूरी हो जाएगी. जानिए कहां देख सकते हैं आप इसे Live...

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ये है Japan का SLIM Moon Mission, जो आज रात चांद की सतह पर लैंडिंग करेगा. (फोटोः JAXA)
ये है Japan का SLIM Moon Mission, जो आज रात चांद की सतह पर लैंडिंग करेगा. (फोटोः JAXA)

जापान ने 6 सितंबर 2023 को अपने मून मिशन SLIM को चांद की ओर भेजा था. पांच महीने बाद 19 जनवरी 2024 की रात 8:50 के आसपास यह सॉफ्ट लैंडिंग करेगा. अगर उसे सफलता मिलती है तो जापान चांद की सतह पर उतरने वाला पांचवा देश बन जाएगा. ये जानकारी जापानी स्पेस एजेंसी JAXA ने दी है. 

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जापान का SLIM यानी स्मार्ट लैंडर फॉर इन्वेस्टिगेटिंग मून मिशन की लैंडिंग के लिए 600x4000 km का इलाका खोजा है. ये इलाका चांद के ध्रुवीय इलाके में स्थित है. जापान को उम्मीद है कि जो चांद की सतह पर लैंडिंग का जो टारगेट है, उससे 100 मीटर आसपास ही ये यान उतरेगा. 

Japan Slim Moon Mission

लैंडिंग साइट है शियोली क्रेटर (Shioli Crater). इससे पहले रूस ने जल्दबाजी दिखाई तो उसका Luna-25 मून मिशन चांद पर क्रैश हो गया. भारत के Chandrayaan-3 ने सफल लैंडिंग की. जिसकी तारीफ पूरी दुनिया में हुई. जापान ने भी 06 सितंबर 2023 की सुबह मून मिशन तांगेशिमा स्पेस सेंटर के योशीनोबू लॉन्च कॉम्प्लेक्स से लॉन्च किया. स्लिम के साथ एक्स-रे इमेजिंग एंड स्पेक्ट्रोस्कोपी मिशन (XRISM) भी गया है. 

नीचे दिए गए वीडियो लिंक पर देख सकते हैं Live लैंडिंग

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तय स्थान पर लैंडिंग की वजह से कह रहे हैं मून स्नाइपर

SLIM एक हल्का रोबोटिक लैंडर है. जिसे तय स्थान पर ही उतारा जाएगा. उसकी जगह में कोई बदलाव नहीं होगा. ताकि सटीक सॉफ्ट लैंडिंग का प्रदर्शन हो सके. इस मिशन को मून स्नाइपर (Moon Sniper) भी कहा जा रहा है. यह मिशन 831 करोड़ रुपए से ज्यादा का है. 

स्लिम को आराम से करनी थी चांद तक पहुंचने की यात्रा... 

जापानी स्पेस एजेंसी के प्रेसिडेंट हिरोशी यामाकावा ने कहा कि स्लिम को इस हिसाब से भेजा जा रहा है, उसके ईंधन को ज्यादा से ज्यादा बचाया जा सके. मकसद सटीकता वाली लैंडिंग है. यानी जहां चाहते हैं, वहीं पर लैंड हो. जापान का SLIM लैंडर चांद के नीयर साइड यानी उस हिस्से में उतरेगा जो हमें अपनी आंखों से दिखाई देता है. 

Japan Slim Moon Mission

संभावित लैंडिंग साइट मेयर नेक्टारिस (Mare Nectaris) है. जिसे चांद का समुद्र कहा जाता है. लेकिन अभी इसमें शियोली क्रेटर के आसपास लैंडिंग की संभावना भी है. यह चांद पर सबसे ज्यादा अंधेरे वाला धब्बा कहा जाता है. स्लिम में एडवांस्ड ऑप्टिकल और इमेज प्रोसेसिंग टेक्नोलॉजी लगी है. 

लैंडिंग के बाद चांद के खास पत्थरों की जांच करेगा स्लिम

लैंडिंग के बाद स्लिम चांद की सतह पर मौजूद ओलिवीन पत्थरों की जांच करेगा, ताकि चांद की उत्पत्ति का पता चल सके. इसके साथ किसी तरह का रोवर नहीं भेजा गया है. इसके साथ XRISM सैटेलाइट भेजा गया है. जो चांद के चारों तरफ चक्कर लगाएगा. इसे जापान, नासा और यूरोपियन स्पेस एजेंसी ने मिलकर बनाया है. यह चांद पर बहने वाले प्लाज्मा हवाओं की जांच करेगा. ताकि ब्रह्मांड में तारों और आकाशगंगाओं की उत्पत्ति का पता चल सके. 

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स्लिम की लॉन्चिंग H-IIA रॉकेट की 47वीं उड़ान थी

Japan Slim Moon Mission

H-IIA जापान का सबसे भरोसेमंद रॉकेट है. यह उसकी 47वीं उड़ान थी. इसे मित्शुबिशी हैवी इंड्स्ट्रीज ने बनाया है. इसकी सफलता दर 98% है. जापान ने इस मून मिशन की लॉन्चिंग कई महीनों तक टाली थी, ताकि वह मीडियम लिफ्ट H3 रॉकेट के फेल होने की जांच कर रहा था. इस मिशन के बाद जापान 2024 में हाकुतो-2 और 2025 में हाकुतो-3 मिशन भेजेगा. यह एक लैंडर और ऑर्बिटर मिशन होगा.

जापान के पुराने प्रयास हुए थे फेल

जापान ने पिछले साल भी चांद पर लैंडर भेजा था. लेकिन उसके हाथ विफलता लगी. जापान का अपने मून लैंडर ओमोतेनाशी से संपर्क टूट गया था. जिसे पिछले साल नवंबर में लैंड होना था. इसके बाद अप्रैल महीने में हाकूतो-आर मिशन लैंडर को चांद पर भेजा गया. लेकिन यह चांद पर जाकर क्रैश हो गया. इससे पहले अक्टूबर 2022 में एप्सिलॉन रॉकेट में लॉन्च के समय विस्फोट हो गया था. 

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