scorecardresearch
 

दुनिया के फ्लड जोन... क्या बाढ़ सिर्फ इंडिया में ही आती है? चीन-वियतनाम समेत ये देश हर साल झेलते हैं बड़ी तबाही

बाढ़ सिर्फ भारत में नहीं आती. पूरी दुनिया में 181 करोड़ लोग बाढ़ से आने वाले खतरों का सामना करते हैं. ये बाढ़ नदियों से आए. बारिश से आए या फिर समंदर की लहरों से. बर्दाश्त करना होता है. नुकसान भी होता है. आइए जानते हैं कि वो कौन से देश हैं, जो सबसे ज्यादा बाढ़ के खतरे का सामना करते हैं. भविष्य में क्या होने वाला है?

Advertisement
X
बलूचिस्तान के जाफराबाद जिले में भारी मॉनसूनी बारिश के बाद बाढ़ वाले इलाके में बच्चों को ले जाने के लिए जुगाड़ करते लोग. (फाइल फोटोः AFP)
बलूचिस्तान के जाफराबाद जिले में भारी मॉनसूनी बारिश के बाद बाढ़ वाले इलाके में बच्चों को ले जाने के लिए जुगाड़ करते लोग. (फाइल फोटोः AFP)

थोड़ी तेज बारिश हुई, शहर डूबने लगे. ग्लेशियल लेक टूटा. पहाड़ों से आपदा बहकर नीचे चली आई. चक्रवाती तूफान आया. समंदर की लहरों ने तटीय इलाकों को डूबा दिया. हर जगह कहर बरपा रहा है जीवन देने वाला पानी. बाढ़ बनकर मौत का तांडव करता है पानी. इसलिए दुनियाभर में बाढ़ को लोग गंभीरता से लेते हैं. इससे बचते हैं. 

Advertisement

दुनिया में सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि कई दर्जनों ऐसे देश हैं, जहां पर बाढ़ एक बड़ी प्राकृतिक आपदा है. अक्सर आती है. हर साल आती है. अब तो बिना मौसम के भी आ जाती है. रीसेंट का मामला गुजरात, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना का है. उससे पहले मुंबई और दिल्ली डूबे. बाढ़ का रिस्क सिर्फ भारत में ही नहीं है. बल्कि आसपास के देशों से लेकर अमेरिका, अफ्रीका, यूरोप, दक्षिण एशिया, नॉर्डिक देश... हर जगह है. 

यह भी पढ़ें: अभी बारिश खत्म नहीं... एक डिप्रेशन ने डुबोया गुजरात, दूसरे ने आंध्र-तेलंगाना को, अगले हफ्ते नई मुसीबत

Flood, Weather, World Flood Map
बांग्लादेश में आई बाढ़ से लाखों लोग प्रभावित है. ढाका में पानी से बचने के लिए रिक्शे पर जाते लोग. (फोटोः रॉयटर्स)

बाढ़ से कितनी आबादी होती है प्रभावित, टॉप पांच देश

चीन... कुल आबादी 140 करोड़ के पार है. यहां पर बाढ़ आने पर 39.5 करोड़ लोग प्रभावित होते हैं. 
भारत... कुल आबादी 140 करोड़ के पार. यहां बाढ़ आने पर 39 करोड़ लोग प्रभावित होते हैं. 
बांग्लादेश... 16.4 करोड़ से ज्यादा आबादी. बाढ़ आने पर 9.4 करोड़ लोग प्रभावित होते हैं. यानी आधी आबादी.
इंडोनेशिया... 28 करोड़ से ज्यादा की आबादी. बाढ़ आई तो 7.6 करोड़ लोग प्रभावित होते हैं. 
पाकिस्तान... 23.1 करोड़ से ज्यादा की आबादी. बाढ़ में 7.2 करोड़ लोग परेशान होते हैं. 

Advertisement

जून 2022 में पाकिस्तान में आई बाढ़ से 3.3 करोड़ लोग प्रभावित हुए थे. 1400 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी. पाकिस्तान का एक तिहाई इलाका पानी में डूबा हुआ था. इसका असर अफगानिस्तान में भी देखने को मिला था. 

यह भी पढ़ें: बदल गया है India का फ्लड मैप? पहले बिहार-यूपी में होती थी तबाही, अब इन राज्यों में 'जलप्रलय'

Flood, Weather, World Flood Map
इस कॉम्बो फोटो नजारा पाकिस्तान का है. ऊपर कराची और नीचे लाहौर का. (फोटोः AFP/AP)

वो पांच देश, जिनकी आबादी का आधा हिस्सा पानी में... 

बाढ़ सबसे ज्यादा कहां आती है. जहां बड़े तट होंगे. नदियों का सिस्टम होगा. मैदानी इलाका होगा. ऐसी जगहों पर आबादी का ज्यादातर हिस्सा बाढ़ की समस्या से जूझेगा. पूरी दुनिया में सिर्फ नीदरलैंड्स और बांग्लादेश ही दो ऐसे देश हैं, जिनकी पूरी आबादी का आधे से ज्यादा हिस्सा बाढ़ से प्रभावित होता है. भारत की कुल आबादी का करीब 28 फीसदी हिस्सा यानी 38.98 करोड़ लोग बाढ़ की समस्या का सामना करते हैं. 

नीदरलैंड्स ... कुल आबादी का 58.7 फीसदी हिस्सा बाढ़ से परेशान होता है. यानी करीब 1.01 करोड़. 
बांग्लादेश... कुल आबादी का 57.5 फीसदी हिस्सा बाढ़ से जूझता है. यानी 9.44 करोड़ से ज्यादा. 
वियतनाम... कुल आबादी का 46 फीसदी डूबता है. यानी 4.55 करोड़ से ज्यादा लोग प्रभावित होते हैं. 
मिस्र... कुल आबादी का 40.5 फीसदी हिस्सा. यानी 3.88 करोड़ से ज्यादा लोग प्रभावित होते हैं. 
म्यांमार... कुल आबादी का 39.9 फीसदी हिस्सा. यानी 1.91 करोड़ से ज्यादा लोग प्रभावित होते हैं. 

Advertisement

यह भी पढ़ें: महाभूकंप... जापान का सबसे बड़ा डर, क्या समंदर की घाटी दोहराने वाली है 2011 का जलप्रलय

Flood, Weather, World Flood Map
वियतनाम में ताइफून यागी के बाद का नजारा. (फोटोः एपी)

पाकिस्तान जैसे देशों को बाढ़ कैसे करता है प्रभावित

पाकिस्तान में जून 2022 में आई बाढ़ ने पूरे देश और सरकार को हिला दिया. देश के पूरे क्षेत्रफल का एक तिहाई हिस्सा पानी में डूब गया. पाकिस्तान की करीब 31 फीसदी आबादी यानी करीब 7.2 करोड़ से ज्यादा लोग बाढ़ की समस्या से जूझते हैं. हिमालय के पश्चिमी इलाके से चली बाढ़ ने पाकिस्तान के निचले इलाकों को डूबा दिया था. 

जहां सूखा पड़ता था, अब वहां बाढ़ आ रही है 

अब तो दुनिया ही बदल रही है. दुबई जैसे रेगिस्तानी शहर में बाढ़ आ जाती है. भारत के राजस्थान में सूखा पड़ता था. अब वहां भयानक बारिश हो रही है. बिहार पश्चिमी चंपारण में बाढ़ आती थी. इस बार वहां बारिश न के बराबर हुई है. IPE Global और ESRI-India की रिपोर्ट के मुताबिक गुजरात के 80 फीसदी जिलों में पिछले दो दशकों में बारिश की मात्रा और तीव्रता दोनों ही बढ़े हैं.

यह भी पढ़ें: 2100 AD तक हिमालय की सुनामी से हिंद महासागर के जलप्रलय तक... देश के इन इलाकों को है सबसे बड़ा खतरा!

Advertisement
Flood, Weather, World Flood Map
चीन का क्विनयांग प्रांत बाढ़ के बाद ऐसी हो जाती है स्थिति. (फोटोः AFP)

इस साल सौराष्ट्र में आई बाढ़ ने कहानी बयां कर दी है. देश में पहले 110 जिले थे, जो सूखे से बाढ़ की तरफ गए थे. लेकिन अब सूखे से ज्यादा बाढ़ झेलने वाले 149 जिले हैं. बिहार, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, गुजरात, राजस्थान, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और असम के 60 फीसदी जिले साल में एक बार जरूर चरम मौसमी आपदा (Extreme Weather Events) का सामना करते हैं. 2036 तक ऐसी आपदाओं से देश के 147 करोड़ से ज्यादा लोग प्रभावित होंगे. 

ऐसा मौसम जिसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल है

1973 से 2023 तक होने वाली सभी चरम आपदाओं की स्टडी इस नई रिपोर्ट में की गई है. हैरानी इस बात की है दिल्ली, गुजरात, तेलंगाना, राजस्थान की बाढ़ हो. वायनाड में भूस्खलन हो. या फिर इस बार पड़ी चमड़ी गलाने वाली गर्मी हो. वैज्ञानिक और एक्सपर्ट इनके होने का अंदाजा नहीं लगा सकते. क्योंकि इनकी तीव्रता, मात्रा अचानक बढ़ जाती है. असम का 90 फीसदी जिले, बिहार 87 फीसदी जिले, ओडिशा के 75 फीसदी जिले और आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के 93 फीसदी जिले चरम बाढ़ (Extreme Floods) की स्थिति से कभी भी परेशान हो सकते हैं.  

Live TV

Advertisement
Advertisement