फलों पर बैठने वाली मक्खियों (Fruit flies) के बारे में एक अनोखी जानकारी मिली है. ये मक्खी जब संबंध बनाती है, तो नर मक्खी उसके शरीर में एक ऐसा रसायन छोड़ती है, जिससे मादा मक्खी को नींद आ जाती है. और इस वजह से वह और किसी नर मक्खी के साथ संबंध नहीं बना पाती. शोधकर्ताओं का कहना है कि ये नर मक्खियों की रणनीति है.
अर्जेंटीना में नेशनल साइंटिफिक एंड टेक्निकल रिसर्च काउंसिल (CONICET) की लोरेना फ्रेंको ( Lorena Franco ) का कहना है कि नर के यौन अंग से स्पर्म के ज़रिए यह 'सेक्स पेप्टाइड' (Sex peptide), मादा मक्खी के शरीर में जाता है. लेकिन एक नए शोध से पता चलता है कि ये मादा मक्खी की बायोलॉजिकल क्लॉक मेकैनिज़्म को भी प्रभावित करता है.
आमतौर पर ये मक्खियां सूरज उगने से पहले जग जाती हैं. यही वह समय होता है जब ये मक्खियां मेटिंग करती हैं. लेकिन इस पेप्टाइड की वजह से, मक्खियों को सुबह का बोध नहीं होता और वो सोती रह जाती हैं. जबकि, इस समय नर ज्यादा सक्रिय होते हैं.
पहले किए गए शोध बताते हैं कि ये मक्खियां (Drosophila melanogaster) आमतौर पर सूरज उगने से एक या दो घंटे पहले उठती हैं. लेकिन फ्रेंको और उनके सहयोगियों का मानना है कि वे शोध नर मक्खियों पर ही फोकस्ड थे. अक्सर शोधों में मादा मक्खियों की अनदेखी की जाती है इसलिए इस टीम ने चार दिनों के लिए अपनी लाइट कंट्रोल़्ड लैब में, मादा मक्खियों पर वेबकैम के ज़रिए नज़र रखी. इस लैब में वर्जिन और हाल ही में संबंध स्थापित करने वाली मादा मक्खियों की निगरानी की गई. उन्होंने तुलना करने के लिए नर मक्खियों के एक ग्रुप की भी स्टडी की.
शोधकर्ताओं ने पाया कि जो मक्खियां सुबह उठीं वे वर्जिन मक्खियां थीं. जबकि, संबंध बनाने वाली मादा मक्खियां तब तक सोती रहीं, जब तक कि सूरज की रोशनी उनपर नहीं पड़ी. उनमें सुबह का बोध पूरी तरह से खत्म हो गया था. शोधकर्ताओं को संदेह था कि इसका कारण सेक्स पेप्टाइड हो सकता है, इसलिए उन्होंने मादा मक्खियों के प्रजनन क्षेत्रों में सेक्स पेप्टाइड रिसेप्टर्स से कुछ न्यूरॉन्स समूहों को हटा दिया. ऐसा करने पर, उन मादा मक्खियों ने सूर्योदय से पहले उठने की क्षमता हासिल कर ली.
During sex, male fruit flies transfer a chemical that makes females sleep later, missing the chance to mate with other males https://t.co/mkU2J4rBXh
— New Scientist (@newscientist) December 27, 2022
शोधकर्ताओं का कहना है कि मादा मक्खियां कई नरों के साथ मेटिंग कर सकती हैं और उनके स्पर्म अपने शरीर के अंदर जमा कर सकती हैं. नर मक्खियों के लिए व्यवहार बदल सकने वाले कैमिकल का उत्पादन करना, अपने शुक्राणुओं के सफल होने की संभावनाओं को बेहतर बनाने का एक तरीका है. यह नर मक्खियों की एक रणनीति है, ताकि वह मादा के अंदर किसी दूसरे शुक्राणु को अपने शुक्राणु से प्रतिस्पर्धा करने से रोक सके.