शोधकर्ताओं का एक 11,000 साल पुरानी कलाकृति मिली है, जिसमें तेंदुओं से घिरे और अपना लिंग पकड़े एक व्यक्ति को दिखाया गया है. इस नक्काशी को कथा नक्काशी का सबसे पुराना उदाहरण माना गया है.
पुरातत्वविदों ने उरफा क्षेत्र में एक नवपाषाण (Neolithic) युग की इमारत के अंदर बनी बेंचों पर अनोखी नक्काशियों की खोज की. ये करीब 2.5 से 3 फीट ऊंची और 12 फीट लंबी है. नए खोजे गए रॉक-कट रिलीफ में दो तेंदुए, एक बैल और दो आदमी दिखाई देते हैं. इसमें एक व्यक्ति ने अपने लिंग को पकड़े हुए है और दूसरा एक सांप को पकड़े हुए है.
एंटीक्विटी (Antiquity) जर्नल में प्रकाशित शोध को मुताबिक, जिसने भी वन्य जीवों की ये नक्काशी की है उसने इन जानवरों के खतरनाक नुकीले हिस्सों, जैसे तेंदुए के दांत और बैलों के सींगों पर खास जोर दिया था. लेकिन असल में यह कहानी क्या बयां कर रही थी, वह समय के साथ ही खो गया.
पुरातत्वविदों को ये नक्काशी यूफ्रेट्स नदी (Euphrates River) से करीब 56 किलोमीटर पूर्व और सीरियाई सीमा के 32 किमी उत्तर में, नवपाषाण युग की साइट सायबर्क (Sayburç) में मिली. यह जगह नौवीं सहस्राब्दी ईसा पूर्व की है, और इस समय शिकारी खेती और बस्तियों की तरफ रुख कर रहे थे.
साइट पर खुदाई 2021 में शुरू हुई थी और जल्दी से 36 फीट व्यास की एक इमारत के खंडहर का पता चला. नक्काशी चूना पत्थर पर की गई थी. इस्तांबुल यूनिवर्सिटी के पुरातत्वविद् और शोध की लेखक आइलम ओज़डोगन (Eylem Özdoğan) के मुताबिक, कलाकृति नक्काशीदार बेंचों में से एक पर पाई गई थी.
ओज़डोगन के शोध के मुताबिक, दो अलग-अलग दृश्य हैं जिन्हें कथा के तौर पर एक साथ पढ़ा जाना चाहिए. बाईं ओर एक बैल और एक आदमी एक दूसरे का सामना कर रहें. आदमी के एक हाथ में उसका लिंग है और उसका दूसरा हाथ खाली है, जिसमें छह उंगलियां नजर आ रही हैं. जबकि दाईं और खड़े आदमी के हाथ में सांप है. दूसरे दृश्य में दो तेंदुए हैं, जिनके मुंह खुले हुए हैं और दांत दिखाई दे रहे हैं. उनकी लंबी पूंछ शरीर की तरफ मुड़ी हुई है. ये तेंदुए एक आदमी के सामने हैं जिसे 3D में उकेरा गया है. वह अगल-बगल देखने के बजाय सामने कमरे की तरफ देख रहा है और अपने दाहिने हाथ से अपने लिंग को पकड़े हुए है.
This is the oldest narrative carving on record, but the depiction is still relevant today https://t.co/g1YK3BpiMC
— Live Science (@LiveScience) January 9, 2023
ओज़डोगन का कहना है कि सायबर्क जैसी जगह में, एक मर्दाना दुनिया और उससे मिलती जुलती चीजें ही दिखती हैं. जर्मन आर्कियोलॉजिकल इंस्टिट्यूट के एक नवपाषाण पुरातत्वविद जेन्स नॉट्रॉफ़ (Jens Notroff) ने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि यह पुरुषत्व को दर्शाने के लिए ही थी.