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ऑस्ट्रेलिया में मिला पहला म्यूटेंट मेंढक, स्किन का रंग नीला... वैज्ञानिक हैरान

ऑस्ट्रेलिया के एक जंगल में म्यूटेंट मेंढक मिला है. ये अन्य मेंढकों की तुलना में अलग रंग का है. इसका रंग नीला है. इसके सिर पर हरे रंग का जहर से भरा ग्लैंड है. वैज्ञानिकों के अनुसार नीले रंग का मेंढक उन्होंने पहली बार देखा है. आइए जानते हैं इसके बारे में...

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ये है वो नीले रंग का पहली बार देखा गया म्यूटेंट मेंढक. (फोटोः जेक बार्कर/ऑस्ट्रेलियन वाइल्डलाइफ कंजरवेंसी)
ये है वो नीले रंग का पहली बार देखा गया म्यूटेंट मेंढक. (फोटोः जेक बार्कर/ऑस्ट्रेलियन वाइल्डलाइफ कंजरवेंसी)

ऑस्ट्रेलिया में एक अद्भुत मेंढक मिला है. पेड़ों पर रहने वाला ये मेंढक म्यूटेंट है. खास बात ये है कि इसकी त्वचा नीले रंग की है. इसे खास तरह के जेनेटिक म्यूटेशन है, जिसे एक्सेनथिज्म (Axanthism) कहते हैं. इस म्यूटेशन में पीले रंग की कमी हो जाती है. जबकि आम हरे रंग के मेंढकों में पीले रंग के पिगमेंट पाए जाते हैं. म्यूटेंट का मतलब होता है किसी जीव के जीन में होने वाला ऐसा अचानक स्थाई परिवर्तन जिसकी वजह से वह अपने प्रकार के अन्य जीवों से अलग हो जाता है. 

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इसके सिर पर अजीबोगरीब हरा रंग मौजूद है. इन मेंढक का नीला रंग उसे जेनेटिक म्यूटेशन की वजह से मिला है. पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के किंबरले में मौजूद वाइल्डलाइफ सैंक्चुरी में यह म्यूटेंट मेंढक मिला. हैरानी इस बात की है कि ये मेंढक खुद कूदकर वैज्ञानिकों की लैब में चल रहे वर्कशॉप में आ गया. तुरंत इसकी जांच शुरू कर दी गई. 

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Mutant Frog, Australia, Blue Color Frog

पता चला यह एक पेड़ पर रहने वाला मेंढक है. जिसे लिटोरिया स्पलेंडिडा (Litoria splendida) कहते हैं. इस सैंक्चुरी के कर्मचारियों ने इसकी फोटो लेकर जेक बार्कर को भेजा. जेक ऑस्ट्रेलियन वाइल्डलाइफ कंजरवेंसी में काम करते हैं. जेक ने कहा कि जब मैंने फोटो देखी तो हैरान रह गया. नीले रंग का मेंढक पहली बार देख रहा था. 

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जेक ने बताया कि आमतौर पर पेड़ों पर रहने वाले मेंढकों के शरीर हरे रंग के होते हैं. जिसपर सफेद रंग के छींटे होते हैं. लेकिन ये म्यूटेंट मेंढक चार इंच तक बढ़ सकता है. इसके सिर पर हरे रंग का हिस्सा जो दिख रहा है, वो जहर से भरी ग्रंथि यानी ग्लैंड है. ये जहर बेहद तीखा होता है. इसका शिकार करने वाले को परेशान कर देता है. 

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यह म्यूटेंट मेंढक अधिकतम 20 साल तक जी सकता है. यह कम बारिश वाले इलाके में ही पाया जाता है. खासतौर से किंबरले में ही. ये पहली बार है जब शोधकर्ताओं ने इस नीली त्वचा वाले मेंढक को देखा है. इसके शरीर पर कुछ सफेद छीटें हैं. इसके पैरों का रंग पीला है. 

ऑस्ट्रेलियन म्यूजियम की हरपेटोलॉजिस्ट जोडी रॉली ने कहा कि यह प्रकृति का डराने वाला जीव है. कोई भी इंसान कभी भी मेंढक को नीले रंग में देखने की उम्मीद ही नहीं कर सकता. यह मेंढक करीब 4.7 इंच का है. यह अपने तय आकार से काफी बड़ा हो चुका है. यानी इसकी कुछ तो उम्र भी होगी. 

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