scorecardresearch
 

Namibia Fairy Circles: वैज्ञानिकों ने खोला नामीबिया के 'जादुई गोलों' का रहस्य, शोध में किया खुलासा 

नामीबिया के रेगिस्तानी इलाकों में एक अजीब तरह का पैटर्न नजर आता है. यहां घास बड़े रहस्यमयी तरह से उगती है. दूर दूर तक गोले या घेरे नजर आते हैं जिनके चारों तरफ घास होती है और अंदर सूखी ज़मीन. ये कालीन की तरह नजर आती है. अब एक नए शोध से इन गोलों का रहस्य सामने आ गया है.

Advertisement
X
नामीबिया में कुछ इस तरह दिखती है ज़मीन (Photo: Getty)
नामीबिया में कुछ इस तरह दिखती है ज़मीन (Photo: Getty)

नामीब रेगिस्तान (Namib Desert) के आसपास इलाकों में बहुत कम बारिश होती है, फिरभी यहां बेहद अजीब और ऊबड़-खाबड़ घास फैली हुई है. यहां का वातावरण काफी कठोर है, ऐसे में इतनी घास का उगना हैरान करता है. लेकिन हैरानी के साथ ये घास खुद में रहस्य भी समेटे है. 

Advertisement

घास के इस मैदान में लाखों अजीब तरह के घेरे हैं, इन घेरों में किसी भी तरह की घास या दूसरा कोई पेड़-पौधा नहीं है. दूर से देखने पर ये पोल्का डॉट पैटर्न की तरह नजर आते हैं. इन्हें फेयरी सर्कल्स (Fairy Circles) कहा जाता है.

Fairy Circles of Namibia
कालीन की तरह उभार नजर आते हैं (Photo: Getty)

यह जगह नामीबिया के तट से 80 से 140 किलोमीटर की दूरी पर है. घास के मैदान में ये गोले या घेरे, कई मील दूर से दिखने लगते हैं. एक सामान्य फेयरी सर्कल 2 से 10 मीटर तक बड़ा हो सकता है और बाकी घेरों से इसकी दूरी 10 मीटर होती है. 

वैज्ञानिक नामीबिया के इन अजीब घेरों की गुत्थी सुलझाने के लिए काफी समय से मेहनत कर रहे हैं. जिसमें दो थ्योरी अहम हैं. एक थ्योरी कहती है कि ये घेरे जड़ें खाने वाली दीमक की वजह से होते हैं, जबकि दूसरी थ्योरी के मुताबिक, ये घास पानी की उपलब्धता बढ़ाने के लिए खुद को व्यवस्थित करती है.

Advertisement
Fairy Circles of Namibia
ये घेरे 2 से 10 मीटर बड़े हैं (Photo: Getty)

इन दोनों ही थ्योरी से वैज्ञानिक आश्वस्त तो थे, लेकिन 2016 में ऑस्ट्रेलिया में भी इसी तरह के गोले देखे गए, जहां दीमक का नामोमिशान तक नहीं था. जिसके बाद इन थ्योरी पर भरोसा करना ज़रा मुश्किल हो गया. अब हाल ही में की गई एक रिसर्च ने दूसरी थ्योरी को मज़बूती दी है. जिसमें घास, कम बारिश का ज्यादा से ज्यादा फायदा पाने के लिए इस तरह के सर्कल बनाती है.  

2020 में, जर्मनी की गोएटिंगेन यूनिवर्सिटी में ईकोसिस्टम मॉडलिंग डिपार्टमेंट के स्टीफ़न गेटज़िन ( Stephan Getzin) ने यह शोध किया. यह शोध पर्सपेक्टिव्स इन प्लांट इकोलॉजी, इवोल्यूशन एंड सिस्टेमैटिक्स (Perspectives in Plant Ecology, Evolution and Systematics) में प्रकाशित हुआ है, जो पानी की कमी वाले परिदृश्य का समर्थन करता है. शोधकर्ताओं ने इसे ट्यूरिंग पैटर्न (Turing pattern) का एक उदाहरण कहा है.

Fairy Circles of Namibia
चारों तरफ घास है, लेकिन घेरों के अंदर नहीं (Photo: Getty)

अपने नए शोध के लिए और भी सबूत जुटाने के लिए गेटज़िन और उनकी टीम नामीबिया आई. यहां उन्होंने नामीब रेगिस्तान में 10 इलाकों में फेयरी सर्कल की जांच की.

शोधकर्ताओं के मुताबिक, इस इलाके में बहुत कम बारिश होती है. कभी-कभी बारिश के ठीक बाद फेयरी सर्कल के अंदर घास दिखाई देती है, लेकिन वे आम तौर पर जल्द ही मर जाती है, लेकिन किनारों की घास जीवित रहती है. शोधकर्ताओं ने यहां होने वाली बारिश को ट्रैक किया, घास, उनकी जड़ों और अंकुरों की जांच की. साथ ही, दीमक द्वारा खराब की गई जड़ों की जांच की. बारिश के बाद घास किस परिस्थितियों में मरती है, इसकी जांच की. उन्होंने 2020 के शुष्क मौसम से 2022 की बरसात के अंत तक, हर आधे घंटे का डेटा रिकॉर्ड करने के लिए गोलों के अंदर और उसके आसपास मिट्टी की नमी मापने वाले सेंसर (Soil moisture sensor) लगाए.

Advertisement

शोध में पाया गया कि बारिश के दस दिन बाद, फेयरी सर्कल के अंदर बहुत कम घास आई और जो नई घास उग आई थी, वह मर रही थी. बारिश के बीस दिन बाद, सर्कल के अंदर उगी सारी घास मर गई थी, जबकि आसपास की घास हरी और मुलायम थी. गोले के अंदर मरी हुई घास की जड़ें, बाहर वाली घास की तुलना में लंबी थीं. क्योंकि वे पानी की तलाश के लिए मेहनत कर रही थीं. हालांकि शोधकर्ताओं को जड़ों पर दीमक लगने के सबूत नहीं मिले.

 

सॉइल सेंसर से पता चला कि शुरुआती बारिश के बाद सर्कल के अंदर और बाहर मिट्टी की नमी कम हुई थी.
आसपास की घास मजबूत हो गई थी, लेकिन हर तरफ नमी खत्म हो गई थी. गेटज़िन कहते हैं कि नामिब में तेज़ गर्मी से घास स्थायी रूप से वाष्पित हो रही है और उनका पानी खत्म हो रहा है. इसलिए, वे अपनी जड़ों के चारों ओर नम मिट्टी के वैक्यूम या खाली जगह बनाती हैं और पानी उस तरफ खींचा जाता है.

शोधकर्ताओं के मुताबिक, यह पारिस्थितिकीय प्रतिक्रिया (Ecohydrological feedback) का एक असाधारण उदाहरण है, जिसमें बंजर घेरे जलाशय बन जाते हैं और किनारों पर घास को बनाए रखने में मदद करते हैं.

Advertisement

 

Advertisement
Advertisement