कुछ हफ्ते पहले तक ऐसी संभावना जताई जा रही थी कि साल 2032 में एक विशाल क्षुद्रग्रह 2024 YR4 पृथ्वी से टकराएगा. इसे लेकर वैज्ञानिक बेहद चिंतित थे लेकिन अब अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने कहा है कि इसके पृथ्वी से टकराने की संभावना लगभग शून्य है.
नासा के हालिया अपडेट के अनुसार, क्षुद्रग्रह 2024 YR4 के पृथ्वी से टकराने का जोखिम लगभग शून्य यानी मात्र 0.004% है. शुरू में जब इस क्षुद्रग्रह की खोज की गई थी तब खगोलविदों ने कहा था कि यह 2032 में पृथ्वी से टकरा सकता है.
हालांकि, नासा की जेट प्रोपल्शन लैब (जेपीएल) ने क्षुद्रग्रह के सटीक रास्ते की गणना के आधार पर कहा है कि यह खतरा कम से कम अगली सदी के लिए टल गया है.
2024 YR4 पर अधिक डेटा जमा करने और उसका विश्लेषण करने के बाद नासा के सेंटर फॉर नियर-अर्थ ऑब्जेक्ट स्टडीज (CNEOS) के विशेषज्ञों ने इसके भविष्य के मार्ग का पता लगाया है. नई गणना से पता चला है कि 22 दिसंबर, 2032 को, क्षुद्रग्रह की स्थिति पृथ्वी से पहले की अपेक्षा अधिक दूर होगी.
पृथ्वी सुरक्षित लेकिन चंद्रमा से टकरा सकता है क्षुद्रग्रह़
हालांकि, पृथ्वी सुरक्षित है, फिर भी 1.7% संभावना है कि क्षुद्रग्रह उसी दिन चंद्रमा से टकरा सकता है. 2024 YR4 से अब पृथ्वी को कोई खतरा नहीं है लेकिन नासा इसकी निगरानी जारी रखेगा.
इसके अतिरिक्त, जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST) के जरिए मार्च में क्षुद्रग्रह का निरीक्षण भी किया जाएगा ताकि इसके आकार और संरचना के बारे में बेहतर जानकारी मिल सके.
अगर कोई क्षुद्रग्रह पृथ्वी से टकराने वाला होता है तो क्या किया जाता है?
साल 2004 में भी ऐसा ही हुआ था जब Apophis नामक एक क्षुद्रग्रह के 2029 में पृथ्वी से टकराने की संभावना जताई गई थी. क्षुद्रग्रह के पृथ्वी से टकराने की संभावना 2.7% थी लेकिन बाद के सालों में हुए अवलोकनों में कहा गया कि क्षुद्रग्रह पृथ्वी से नहीं टकराएगा.
कोई भी क्षुद्रग्रह जो 50 मीटर से ज्यादा चौड़ा हो और जिसकी धरती से टकराने की संभावना 1% से ज्यादा हो, उसके लिए एहतियाती उपाय किए जाते हैं. ये उपाय यह सुनिश्चित करने के लिए किए जाते हैं कि खतरा, चाहे कितना भी छोटा क्यों न हो, उस पर बारीकी से नजर रखी जाए और जरूरत पड़ने पर उसे खत्म करने के लिए कदम उठाए जाएं.
अगर कोई क्षुद्रग्रह पृथ्वी से टकराने वाला होता है तो उसका रास्ता मोड़ने के उपाय किए जाते हैं. नासा ने 2022 में इसके लिए एक सफल परीक्षण भी किया था जिसे डार्ट मिशन नाम दिया गया था. इस मिशन में एक क्षुद्रग्रह का रास्ता बदला गया था.