अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) के साइंटिस्ट का दावा है कि इंसान साल 2030 तक चंद्रमा की सतह पर रहने लगेंगे. काम करने लगेंगे. आर्टेमिस-1 (Artemis-1) मिशन के तहत चंद्रमा की तरफ छोड़े गए ओरियन स्पेसक्राफ्ट (Orion Spacecraft) प्रोग्राम के प्रमुख होवार्ड हू ने कहा कि हम 8 साल के अंदर चंद्रमा की सतह पर इंसानों को भेज देंगे. ये लोग जाएंगे और वहां पर साइंटिफिक प्रयोग करेंगे.
नासा ने हाल ही में अपने ताकतवर स्पेस लॉन्च सिस्टम (SLS) रॉकेट के जरिए ओरियन स्पेसक्राफ्ट को चंद्रमा की ओर भेजा है. ओरियन फिलहाल चंद्रमा के चारों तरफ चक्कर लगा रहा है. कई बार टलने के बाद यह लॉन्चिंग पिछले हफ्ते की गई. करीब 50 साल के बाद नासा चंद्रमा की ओर किसी इंसानी मिशन की शुरुआत कर रहा है. फिलहाल जो ओरियन स्पेसक्राफ्ट चंद्रमा का चक्कर लगा रहा है, उसमें कोई इंसान नहीं है. लेकिन उसी स्पेसक्राफ्ट में इंसानों को चंद्रमा पर भेजा जाएगा.
अभी ओरियन की यह जांच की जा रही है कि वह चंद्रमा तक जाकर, उसका चक्कर लगाकर, वापस धरती पर सही-सलामत लौटता है या नहीं. क्योंकि इसी स्पेसक्राफ्ट से एस्ट्रोनॉट्स को चंद्रमा तक भेजा जाएगा. अगर सबकुछ सही रहा तो 1972 के बाद पहली बार इंसानों को चांद पर भेजा जाएगा. इसमें एक महिला एस्ट्रोनॉट भी होगी. फिलहाल जो प्लान है, उसके मुताबिक एस्ट्रोनॉट्स को चांद के दक्षिणी ध्रुव के पास उतारा जाएगा. जहां पर वो एक हफ्ते बिताएंगे. इस दौरान चंद्रमा पर पानी की खोज की जाएगी. अगर पानी मिलता है तो चांद से मंगल के लिए रॉकेट लॉन्च किए जा सकेंगे.
We Could Be Living And Working on The Moon by 2030, Says NASA https://t.co/4LB7kvoBBO
— ScienceAlert (@ScienceAlert) November 22, 2022
यानी धरती से मंगल के बीच चंद्रमा एक मिड-वे की तरह इस्तेमाल होगा. इंसानों को स्थाई तौर पर चंद्रमा पर रहने के लिए रहने की जगहें बनानी होंगी. जिसके लिए खनन करना होगा. इसके अलावा कई तरह के वैज्ञानिक प्रयोग करने होंगे. होवार्ड हू ने कहा कि यह हमारा पहला कदम है इंसानों को चंद्रमा पर टिकाने की. अगर एक बार सफलता मिल गई तो चांद पर हम इंसानी बस्ती बसा देंगे.