अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA ने सितंबर 2025 में चांद पर जाने वाले Artemis-II मिशन के एस्ट्रोनॉट्स को चुन लिया है. ये हैं- कनाडाई स्पेस एजेंसी के जेरेमी हैनसेन, नासा की क्रिस्टीन कोच, विक्टर ग्लोवर और रीड वाइसमैन. ये चारों आर्टेमिस-2 मिशन का हिस्सा होंगे. जो चांद के चारों तरफ चक्कर लगाकर वापस धरती पर आएगा.
सितंबर 2026 में जब Artemis-III मिशन भेजा जाएगा, तब एस्ट्रोनॉट्स चांद के दक्षिणी ध्रुव पर (South Pole of Moon) पर लैंड करेंगे. इसके बाद साल 2028 में Artemis-IV में वो मिशन जाएगा, जो चांद पर गेटवे लूनर स्पेस स्टेशन (Gateway Lunar Space Station) बनाएगा.
नासा एडमिनिस्ट्रेटर बिल नेल्सन ने कहा कि हम जिस तरह से इस बार चांद पर जा रहे हैं, वैसा पहले कभी नहीं हुआ है. लेकिन इन मिशनों से पहले हमारे एस्ट्रोनॉट्स की सुरक्षा सबसे ज्यादा जरूरी है. इसलिए सभी मिशन की जमकर जांच की जा रही है. अगर शुरूआती मिशन सफल होते हैं तो हमारे अंतरराष्ट्रीय और व्यापारिक समझौतों को भी मदद मिलेगी.
In order to safely carry out our upcoming #Artemis missions to the Moon with astronauts, we are now targeting September 2025 for Artemis II and September 2026 for Artemis III.
— NASA (@NASA) January 9, 2024
Safety is our top priority. https://t.co/AjNjLo4U6E pic.twitter.com/VE74OtlUr6
एस्ट्रोनॉट्स की सुरक्षा सबसे ऊपर, कई तरह के जांच जारी
बिल नेल्सन ने कहा कि ये कोई एक देश या एजेंसी का प्रोजेक्ट नहीं है. यह पूरी दुनिया का मिशन है. हम किसी भी एस्ट्रोनॉट की सेहत या जान के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकते. इसलिए Artemis-II मिशन को आगे बढ़ाया गया है. ओरियन स्पेसक्राफ्ट (Orion Spacecraft) को कई तरह के टेस्ट से गुजरना है. उसके लाइफ सपोर्ट सिस्टम की जांच होनी है.
ओरियन स्पेसक्राफ्ट की सेहतमंद होना जरूरी, नहीं तो खतरा
ओरियन स्पेसक्राफ्ट के बैटरी से संबंधित समस्याओं को दूर किया जा रहा है. साथ ही एयर वेंटिलेशन और तापमान नियंत्रण करने वाले यंत्रों की बाकायदा जांच की जा रही है. आर्टेमिस-1 मिशन के लौटने के बाद ओरियन स्पेसक्राफ्ट में लगे चार की परत उतर गई थी. ये हीटशील्ड में होता है. उसकी जांच हो रही है. इसके अलावा सेंसर्स और इमेजरी की जांच हो रही है.
सभी मिशन एकदूसरे से जुड़े, इसलिए सुरक्षा जांच जरूरी
Artemis-II मिशन के बाद ही तीसरे मिशन की डेट को तय किया जाएगा. फिलहाल उसे सितंबर 2026 के लिए रखा गया है ताकि उस समय तक सारी तैयारियां पूरी हो सकें. तीसरे मिशन में चांद के दक्षिणी ध्रुव के पास नासा के एस्ट्रोनॉट्स उतरेंगे. चौथे मिशन में नासा चांद पर अपना स्पेस स्टेशन बनाने का प्रयास शुरू करेगी.