NASA ने दुनिया का सबसे बड़ा खुलासा कर दिया है. उन्हें नहीं पता कि UFO या UAP क्या होता है. लेकिन उन्हें ये जरूर पता है कि इनका दूसरी दुनिया से कोई लेना देना नहीं है. फिर भी हमारे पास जो सबूत है इससे ये नहीं लगता कि UAP का दूसरी दुनिया से संबंध है. हम इनकी खोज करेंगे. साइंटिफिक तरीके से स्टडी करेंगे.
नासा इस बात की स्टडी करेगा कि क्या ऐसे पर्यावरणीय माहौल हैं, जिनसे UAP धरती के चारों तरफ या उसके वायुमंडल में बन जाते हों. ये भी हो सकता है कि एलियन या यूएफओ हमारे एयर ट्रैफिक मैनेजमेंट की वजह से आसमान में होने वाले किसी बदलाव का नतीजा हो.
नासा ने ये वादा किया है कि वो साइंटिफिक तरीके से इन एलियन या यूएफओ की खोज करेगा. तकनीकी एक्सपर्ट्स की सहायता लेगा. Aliens का दिखना या उनके यान का यानी UFO. हमेशा से चर्चा और विवाद का विषय रहा है. UFO को अमेरिका अलग नाम से बुलाने लगा है. इसे कहता है अनआइडेंटिफाइड एनोमेलस फेनोमेना (UAP - Unidentified Anomalous Phenomena). नासा ने पिछले साल इनकी स्टडी के लिए एक टीम बनाई थी.
सही तस्वीर या वीडियो न होने की वजह से होती है दिक्कत
हाई क्वालिटी की तस्वीरें या वीडियो नहीं होने की वजह से इन UFOs को समझना और मुश्किल हो जाता है. कई बार यह समझ नहीं आता कि आखिर ये चीज कोई विमान है या किसी तरह की प्राकृतिक घटना. इसके बाद नासा ने 16 लोगों की टीम बनाई. इस टीम में साइंटिफिक, एयरोनॉटिक और डेटा एनालिटिक एक्सपर्ट्स शामिल हैं.
The full report by the unidentified anomalous phenomena report (UAP) independent study team can be found here: https://t.co/RoY8p9ce5l
— NASA (@NASA) September 14, 2023
Based on the team's recommendations, NASA will appoint a director of UAP research. At 10am ET (1400 UTC), we'll livestream a briefing from…
इनका मुख्य मकसद बस ये था कि ये UAP या UFOs के पीछे लॉजिकल और साइंटिफिक परिभाषा या वजह दे सकें. नासा के साइंटिस्ट थॉमस जुरबुचेन ने कहा था कि हमने धरती से अंतरिक्ष में कई तरह की चीजों को देखा है. जिन्हें जानना जरूरी है. हमारी टीम ने यही काम किया.
पिछले साल अक्टूबर में एस्ट्रोफिजिसिस्ट डेविड स्परजेल के नेतृत्व में एक टीम बनाई गई थी. उसने 9 महीने लगातार ऐसी घटनाओं से संबंधित डेटा की जांच पड़ताल की. इन लोगों ने UFO और UAP के मिले वीडियो की स्टडी कर रहे थे. फोटोग्राफ्स जांच रहे थे.
इसके पहले पेंटागन ने कर दिया था मना
इससे पहले अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने अपने खुलासे से पूरी दुनिया को हैरान कर दिया था. उसने ऐसी बात कही थी, जिसे मानने के लिए दुनियाभर के वैज्ञानिक और लोग तैयार नहीं है. लोगों का मानना है कि अमेरिका एलियन और उनके एलियनशिप यानी UFO को लेकर कुछ छिपा रहा है.
पेंटागन ने एक लंबी-चौड़ी जांच के बाद कहा कि आजतक अंतरिक्ष से आने वाले एलियन और UFO के कोई सबूत नहीं मिले हैं. इससे यह पता चलता है कि एलियन कभी धरती पर आए ही नहीं. न ही उनके यानों ने पृथ्वी पर कहीं क्रैश लैंडिंग की है. यह बात पेंटागन के एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी ने कही है.
किसी रिपोर्ट में एलियन नहीं दिखाई पड़े
पेंटागन लगातार ऐसी घटनाओं की जांच कर रहा है, जिसमें एलियन यानों के दिखने की रिपोर्ट्स आई हैं. चाहे वह अंतरिक्ष में दिखे हों, आसमान में या फिर समुद्र में जाते या निकलते हुए. ऐसी सैकड़ों रिपोर्ट्स की जांच अब भी चल रही है. लेकिन अभी तक पेंटागन को एलियन और उनके स्पेसशिप यानी UFO के आने-जाने, पृथ्वी पर लैंडिंग या टेकऑफ के सबूत नहीं मिले हैं.
पेंटागन का कहना है कि ऐसे प्रमाण हैं ही नहीं कि ये बात पता चले कि इंटेलिजेंट एलियन जीवन (Intelligent Alien Life) धरती पर आती-जाती हो. या फिर यहां रहती हो. पेंटागन में इंटेलिजेंस एंड सिक्योरिटी विभाग में डिफेंस के अंडर सेक्रेटरी रोनैल्ड मॉल्ट्री ने कहा कि मैंने अभी तक ऐसी कोई चीज नहीं देखी है. न ही एलियन स्पेसशिप कहीं क्रैश हुए हैं, न ही इस तरह की कोई घटना कहीं दुनिया में हुई है.
जब तक पुख्ता सबूत नहीं मिलता, UFO नहीं मानेंगे
पेंटागन में बने नए ऑल डोमेन एनोमली रेजोल्यूशन ऑफिस (AARO) के डायरेक्टर सॉन कर्कपैट्रिक इससे उलटा कहते हैं. वो मानते हैं कि हो सकता है कि एलियन धरती पर आए हों. लेकिन हमें इसकी जांच साइंटिफिक तरीके से करनी होगी. एक्स्ट्राटेरेस्ट्रियल लाइफ हो सकती है लेकिन बिना सबूतों के हम इस बात को मान नहीं सकते. हम लगातार इस तरह की चीजों की जांच कर रहे हैं. जब तक हम पुख्ता नहीं हो जाते, हम कैसे मान लें कि एलियन आए थे.
पिछले साल अमेरिका की एक सरकारी रिपोर्ट थी, जिसमें कहा गया था कि साल 2004 तक 140 मामले सामने आए थे, जिसमें एलियन स्पेसशिप देखे गए थे. इन घटनाओं की रिपोर्ट अमेरिकी मिलिट्री ने की थी. अमेरिका इस प्रक्रिया को अनआइडेंटिफाइड एरियल फेनोमेना (UAP) कहता है. इनके अलावा 143 ऐसी घटनाएं अलग-अलग स्थानों से रिपोर्ट की गई थीं. इससे पहले 1969 में ऐसी ही जांच शुरू की गई थी. जिसका नाम था प्रोजेक्ट ब्लू बुक (Project Blue Book). इसमें 12,618 बार UFO देखे गए थे. जिसमें से 701 घटनाओं का कोई खुलासा नहीं हो पाया.