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रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को ऐलान किया है कि लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे नए सेना प्रमुख (Army Chief) होंगे. वर्तमान में सेना के उप-प्रमुख मनोज पांडे, 29वें सेना प्रमुख जनरल एम.एम. नरवणे की जगह लेंगे, जो 30 अप्रैल को अपने 28 महीने का कार्यकाल पूरा करने वाले हैं.
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, अगला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) कौन होगा, इस पर अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है. यह पोस्ट पिछले साल दिसंबर से खाली है, जब सीडीएस बिपिन रावत की चॉपर क्रैश में मृत्यु हो गई थी. उम्मीद की जा रही है कि सीडीएस सेना से ही चुने जाएंगे, तीनों सेनाओं में सबसे बड़ी है. हालांकि भारतीय वायु सेना के एक सेवानिवृत्त अधिकारी के नाम की काफी चर्चा है.
सेना प्रमुख के नाम पर अभी तक कोई आधिकारिक निर्णय नहीं लिया गया है, लेकिन उम्मीद की जा रही है कि लेफ्टिनेंट जनरल पांडे के नाम की घोषणा इसी सप्ताह कर दी जाएगी. जनरल नरवणे के रिटायरमेंट के करीब 10 दिन पहले नए सेना प्रमुख के नाम की घोषणा होने की संभावना है.
लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे ऐसे पहले इंजीनियर होंगे जो सेना प्रमुख के तौर पर तैनात किए जा रहे हैं. मनोज पांडे सेना प्रमुख बनने वाले, कोर ऑफ इंजीनियर्स के पहले अधिकारी होंगे, इस पद पर अब तक इन्फैंट्री, आर्मर्ड और आर्टिलरी अधिकारियों का ही कब्जा रहा है.
राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (National Defence Academy) के पूर्व छात्र, मनोज पांडे को दिसंबर 1982 में कोर ऑफ इंजीनियर्स में कमीशन दिया गया था. लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे ने जम्मू और कश्मीर में नियंत्रण रेखा के साथ पल्लनवाला सेक्टर में ऑपरेशन पराक्रम के दौरान, एक इंजीनियर रेजिमेंट की कमान संभाली थी.
दिसंबर 2001 में संसद पर हुए आतंकवादी हमले के बाद, ऑपरेशन पराक्रम के तहत, उन्होंने सैनिकों और हथियारों को बड़े पैमाने पर पश्चिमी सीमा पर पहुंचा दिया था. संसद पर हुए आतंकी हमले के बाद, भारत और पाकिस्तान में युद्ध के हालात पैदा हो गए थे.
अपने 39 साल के मिलिट्री करियर में, लेफ्टिनेंट जनरल पांडे ने पश्चिमी थिएटर में एक इंजीनियर ब्रिगेड, एलओसी पर पैदल सेना ब्रिगेड, लद्दाख सेक्टर में एक पर्वतीय डिवीजन और उत्तर-पूर्व में एक कोर की कमान संभाली है. पूर्वी कमान का कार्यभार संभालने से पहले, वह अंडमान और निकोबार कमान के कमांडर-इन-चीफ थे.