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बदल गया है India का फ्लड मैप? पहले बिहार-यूपी में होती थी तबाही, अब इन राज्यों में 'जलप्रलय'

बिहार और यूपी के पास ही अब बारिश में डूबने का खिताब नहीं है. अब राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना भी इस सूची में जुड़ गए हैं. क्या भारत का फ्लड मैप बदल रहा है, अगर ऐसा है तो क्यों? इसकी वजह कोई और नहीं हम-आप और हमारी वजह से बदला रहा जलवायु है. जानिए कैसे...

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आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में भारी बारिश के बाद लोग जलभराव वाली सड़कों से गुजरते हुए. (फोटोः रॉयटर्स)
आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में भारी बारिश के बाद लोग जलभराव वाली सड़कों से गुजरते हुए. (फोटोः रॉयटर्स)

राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में जिस तरह की बारिश हुई. बाढ़ आई. उससे साफ तौर पर दिख रहा है कि भारत में बाढ़ का नक्शा बदल रहा है. क्योंकि पहले नक्शे में सिर्फ यूपी, बिहार, उत्तर पूर्वी राज्यों में बाढ़ का खतरा दिखता है. अब 'शहरी जलप्रलय' की सीमाएं बढ़ रही है. सरकार को नया नक्शा बनाने की जरूरत है. 

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पूरे देश में बारिश का मौसम बदल चुका है. अनुमान है कि इस बार मॉनसून भी देरी से जाएगा. वजह है बंगाल की खाड़ी और अरब सागर के ऊपर बनने वाले चक्रवात, डिप्रेशन और लो प्रेशर एरिया. अभी तो नया पैटर्न आ गया है तूफान का. वो बनता है जमीन पर. फिर खिसक कर चला जाता है समंदर में. उसके बाद उसकी ताकत और बढ़ जाती है. 

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Changing Flood Map of India

देश के जो इलाके पहले सूखे के लिए जाने जाते थे, अब वहां तेज बारिश होती है. भयानक बाढ़ आती है. या फिर दोनों ही स्थितियां पैदा हो रही हैं. अगर NDMA यानी राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अथॉरिटी की माने तो सबसे ज्यादा बाढ़ वाले इलाके गंगा-ब्रह्मपुत्र बेसिन में हैं. उत्तर में हिमाचल से लेकर पंजाब, उत्तर प्रदेश, बिहार, असम और अरुणाचल प्रदेश. लेकिन अब तो तटीय राज्यों ओडिशा, गुजरात, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के कुछ हिस्सों भी बाढ़ आ रही है.

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जहां सूखा पड़ता था, अब वहां बाढ़ आ रही है 

IPE Global और ESRI-India की रिपोर्ट के मुताबिक गुजरात के 80 फीसदी जिलों में पिछले दो दशकों में बारिश की मात्रा और तीव्रता दोनों ही बढ़े हैं. इस साल सौराष्ट्र में आई बाढ़ ने कहानी बयां कर दी है. देश में पहले 110 जिले थे, जो सूखे से बाढ़ की तरफ गए थे. लेकिन अब सूखे से ज्यादा बाढ़ झेलने वाले 149 जिले हैं. 

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Changing Flood Map of India

बिहार, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, गुजरात, राजस्थान, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और असम के 60 फीसदी जिले साल में एक बार जरूर चरम मौसमी आपदा (Extreme Weather Events) का सामना करते हैं. 2036 तक ऐसी आपदाओं से देश के 147 करोड़ से ज्यादा लोग प्रभावित होंगे. 

ऐसा मौसम जिसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल है

1973 से 2023 तक होने वाली सभी चरम आपदाओं की स्टडी इस नई रिपोर्ट में की गई है. हैरानी इस बात की है दिल्ली, गुजरात, तेलंगाना, राजस्थान की बाढ़ हो. वायनाड में भूस्खलन हो. या फिर इस बार पड़ी चमड़ी गलाने वाली गर्मी हो. वैज्ञानिक और एक्सपर्ट इनके होने का अंदाजा नहीं लगा सकते. क्योंकि इनकी तीव्रता, मात्रा अचानक बढ़ जाती है. असम का 90 फीसदी जिले, बिहार 87 फीसदी जिले, ओडिशा के 75 फीसदी जिले और आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के 93 फीसदी जिले चरम बाढ़ (Extreme Floods) की स्थिति से कभी भी परेशान हो सकते हैं. 

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Changing Flood Map of India

 ये स्टडी करने वाले प्रमुख वैज्ञानिक अबिनाश मोहंती ने बताया कि अब गर्मी जमीन से बहकर समंदर की ओर जा रही है. जैसा अभी गुजरात, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में हुआ. इससे समंदर की गर्मी और बढ़ रही है. इसका असर मौसम पर पड़ता है. जैसे दक्षिण भारत में श्रीकाकुलम, कटक, गुंटूर और बिहार का पश्चिम चंपारण जो पहले बाढ़ के लिए जाना जाता था, अब वहां सूखा पड़ रहा है. ये खासतौर से मैदानी इलाकों में ज्यादा हो रहा है. 

मौसम बदल रहा है, साफ दिख रहा है... कुछ संकेत भी

मौसम के बदलने का असर साफ दिख रहा है. वायनाड में भूस्खलन. तेज बारिश के बाद गुजरात में बाढ़. उत्तराखंड के ओम पर्वत से बर्फ गायब. अचानक से मौसम बदलता है और शहरों में पानी ही पानी जमा हो जाता है. अब इस बार के मॉनसून को देख लीजिए. जून में कमजोर था. लेकिन उसके बाद सितंबर में इसकी तीव्रता और मात्रा दोनों ही बढ़ गई है.

Changing Flood Map of India

हैरानी इस बात की है कि मॉनसून में मौसम थोड़ा ठंडा होता था. लेकिन इस बार गर्मी कम नहीं हो रही है. पूर्वी राज्यों में सूखे और गर्म दिनों की संख्या बढ़ रही है. मौसम विभाग के पूर्व वैज्ञानिक आनंद शर्मा कहते हैं कि जलवायु परिवर्तन और बढ़ता तापमान सबसे बड़ी वजह है, इस तरह के मौसमी बदलाव के लिए. इसलिए जरूरी है कि किसी भी तरह से इसे रोका जाए. नहीं तो एक्स्ट्रीम वेदर इवेंट्स किसी भी जगह और कभी भी हो सकते हैं. ये बेहद भयावह भी हो सकते हैं.

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