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संयुक्त राष्ट्र की चेतावनी... 2030 तक फैल सकती है एक और महामारी

संयुक्त राष्ट्र ने अपनी एक नई रिपोर्ट में चेतावनी दी है कि अगले 5-6 साल में नई महामारी फैल सकती है. बदलते जलवायु ने प्रजातियों के रहने की जगह को प्रभावित किया है. इससे जीवों की विभिन्न प्रजातियों के बीच नया संपर्क हो रहा है. जिसकी वजह से जानवरों से इंसानों में बीमारियां फैलने का खतरा बढ़ गया है.

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ये है लाओस की सांप व्हिस्की, इस तरह से जानवरों से मिलने वाला नशा ही नई बीमारियां फैला सकता है. (सभी फोटोः गेटी)
ये है लाओस की सांप व्हिस्की, इस तरह से जानवरों से मिलने वाला नशा ही नई बीमारियां फैला सकता है. (सभी फोटोः गेटी)

क्लाइमेट चेंज यानी बदलते हुए जलवायु की वजह से कई जीवों की प्रजातियों के घर टूट गए हैं. या अन्य जीवों के लिए खुल गए हैं. जिसकी वजह से इन जीवों के बीच संपर्क बढ़ गया है. यही वजह है कि भविष्य में जानवरों को होने वाली बीमारियों से इंसान और ज्यादा संक्रमित होंगे. जूनोटिक बीमारियों के शिकार होंगे. 

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जूनोटिक बीमारियां यानी जानवरों से इंसानों में फैलने वाली डिजीस. संयुक्त राष्ट्र की नई रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि नई उभरती जूनोटिक बीमारियां साल 2030 तक एक और बड़ी महामारी पैदा कर सकती हैं. संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) ने 16 जुलाई 2024 को जारी इस रिपोर्ट में कहा है कि जलवायु परिवर्तन को वजह बताया है. क्लाइमेट चेंज भी इंसानों की वजह से हो रहा है. उसका असर भी इंसान ही झेलेगा. 

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संयुक्त राष्ट्र को आशंका है कि जानवरों से इंसानों में बीमारियों के फैलने यानी जूनोटिक स्पिलओवर (Zoonotic Spillover) का खतरा बढ़ गया है. इससे नई महामारी आ सकती है. जूनोटिक बीमारियां दुनिया भर में हेल्थ सेक्टर के लिए बड़ी दिक्कत पैदा करती हैं. क्योंकि ये तेजी से फैलती हैं. जल्दी ठीक नहीं होतीं. 

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हम इंसान ही वजह हैं, हम ही भुगत रहे हैं 

संयुक्त राष्ट्र की इस नई रिपोर्ट का नाम है - नेविगेटिंग न्यू होराइजन्स: ए ग्लोबल फोरसाइट रिपोर्ट ऑन प्लैनेटरी हेल्थ एंड ह्यूमन वेलबींग. रिपोर्ट में साफ लिखा है कि जमीन के इस्तेमाल में आ रहे बदलाव. जंगलों की बेतहाशा कटाई, जीवों के घरों का नुकसान, शहरीकरण,जानवरों की तस्करी और असंतुलित खेतीबाड़ी से जूनोटिक बीमारियां बढ़ रही हैं.   

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पिछली महामारियां भी इंसानी गलती से आईं

रिपोर्ट में लिखा है कि जूनोटिक स्पिलओवर की घटनाएं हर साल पांच से आठ फीसदी बढ़ी हैं. 2020 की तुलना में 2050 तक इनकी वजह से इंसानों की मौत 12 गुना अधिक होगी.  इससे पहले जो महामारियां आई हैं, वो हैं- कोविड-19, इबोला, H5N1, मर्स, निपाह, सार्स और इन्फ्लूएंजा ए/H1N1. 

17 लाख अनजान वायरस दुनिया में मौजूद

आशंका इस बात की भी है कि दुनिया में 17 लाख अनजान वायरस हैं. जिनके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है. दिक्कत ये है कि जमीन का गलत इस्तेमाल, असंतुलित खेतीबाड़ी, जंगलों काटने से नई जूनोटिक बीमारियां पैदा हो रही है. इन गतिविधियों से इंसानों का संपर्क जानवरों से होता है. जिससे बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ जाता है.   

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