धरती के पास दूसरा चंद्रमा भी है. यह 2123 सालों से हमारी धरती के साथ-साथ सूरज का चक्कर लगा रहा है. असल में यह आकार में छोटा है. इसलिए दिखता नहीं. इसका व्यास 50 फीट है. यानी तीन बड़ी एसयूवी कार की लंबाई के बराबर. जबकि हमारे चांद का व्यास 3474 किलोमीटर है.
इस क्वासी मून का नाम है 2023FW13. यह सूरज का चक्कर लगाते समय हमारी धरती से 1.40 करोड़ किलोमीटर दूर रहता है. जबकि हमारा चांद 3.64 लाख किलोमीटर दूर है. दूसरे चंद्रमा को इस साल मार्च महीने में हवाई स्थित पैन-स्टार्स ऑब्जरवेटरी के टेलिस्कोप ने देखा था. असल में यह एक एस्टेरॉयड है. जिसकी पुष्टि हवाई स्थित कनाडा-फ्रांस-हवाई टेलिस्कोप और एरिजोना स्थित टेलिस्कोप ने की.
इसके बाद इसे 1 अप्रैल को इस इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉमिकल यूनियन के माइनर प्लैनेट सेंटर ने आधिकारिक तौर पर इसे छोटे ग्रहों की लिस्ट में डाला. ये वो ग्रह होते हैं जो हमारे सौर मंडल में तो हैं, लेकिन आकार में बेहद छोटे होते हैं. जब गणना की गई तो पता चला कि यह छोटा चंद्रमा हमारी धरती का चक्कर 100वीं ईसापूर्व से लगा रहा है. यानी 2123 साल पहले से. अभी यह चंद्रमा करीब 1500 साल और हमारी धरती के चारों तरफ मौजूद रहेगा.
एस्ट्रोनॉमर एड्रियन कॉफिनेट ने कहा कि यह धरती के चारों तरफ सबसे लंबे समय तक चक्कर लगाने वाला क्वासी मून है. यह कभी भी हमारी धरती से टकराएगा नहीं. यह इकलौता क्वासी मून नहीं है जो हमारी धरती के आसपास मिला. इसके पहले 2016 में क्वासी सैटेलाइट मिला था. जिसका नाम था कामोलेवा. यह भी हमारी धरती के साथ-साथ सूरज का चक्कर लगा रहा था.