scorecardresearch
 

धरती के बगल में मिला नया सुपरनोवा, 2.10 करोड़ साल पहले फटा था... अब दिखा उसका विस्फोट

धरती के बेहद करीब एक सुपरनोवा मिला है. अगर आसमान साफ हो तो आप इसे देख सकते हैं. क्योंकि इसमें लगातार विस्फोट हो रहा है. यह दूर से चमकता हुआ दिख रहा है. यह सुपरनोवा एम101 गैलेक्सी के अंदर है. जिसे एसएन2023आईएक्सएफ नाम दिया गया है.

Advertisement
X
ये है मेसियर 101 गैलेक्सी जिसके अंदर हो रहा है सुपरनोवा विस्फोट. (फोटोः स्टीवन बेलाविया)
ये है मेसियर 101 गैलेक्सी जिसके अंदर हो रहा है सुपरनोवा विस्फोट. (फोटोः स्टीवन बेलाविया)

हमारी पृथ्वी के बेहद करीब एक सुपरनोवा मिला है. जो लगातार फट रहा है. विस्फोट कर रहा है. यह पिनव्हील गैलेक्सी के अंदर है. इस गैलेक्सी को मेसियर 101 या एम101 गैलेक्सी भी कहते हैं. इस सुपरनोवा को SN2023ixf नाम दिया गया है. अगर आपके शहर का आसमान साफ हो तो आप इसे खुली आंखों से देख सकते हैं. टेलिस्कोप की जरुरत नहीं पड़ेगी. 

Advertisement

मेसियर 101 गैलेक्सी बेहद बड़ी, फैली हुई और स्पाइरल है. यानी चकरी जैसी घूमती हुई. आप चाहें तो इसे छोटे टेलिस्कोप से भी देख सकते हैं. आसमान साफ और डार्क हो तो देखना आसान होगा. इसी गैलेक्सी के अंदर  SN2023ixf सुपरनोवा फट रहा है. यह पहले कभी नहीं देखा गया है. 

Supernova Near Earth

इस सुपरनोवा को खोजा है न्यूयॉर्क के एस्ट्रोफोटोग्राफर स्टीवन बेलाविया ने. उन्होंने लॉन्ग आइलैंड से 21 अप्रैल को इसकी तस्वीर ली थी. जिसे जारी किया गया है 21 मई को. इस दौरान इस तस्वीर की स्टडी की जा रही थी. पहले लगा कि नया तारा बन रहा है. लेकिन जांच करने के बाद पता चला कि यह मरता हुआ तारा है. 

मेसियर 101 गैलेक्सी के जिस हिस्से में यह सुपरनोवा फट रहा है. वह उर्सा मेजर (द बिग बीयर) और बूट्स द हर्ड्समैन की सीमा पर मौजूद है. अगर आप बिग डिपर को खोजने में कामयाब हो गए तो इस फूटते हुए सुपरनोवा को आसानी से देख सकते हैं. यह सुपरनोवा मेसियर गैलेक्सी के एक हाथ में फट रहा है. 

Advertisement

Supernova Near Earth

वैसे आपको बता दें कि गैलेक्सी और सुपरनोवा आसानी से देखने को नही मिलता. मेसियर को खोजना इतना आसान भी नहीं होगा. क्योंकि इसकी रोशनी बहुत तेज हमारे पास तक नहीं पहुंचती. इसलिए बेहतर होगा कि सही दिशा में आप छोटे टेलिस्कोप की मदद से उसे देखें. 

मेसियर 101 गैलेक्सी हमारी धरती से 2.10 करोड़ प्रकाशवर्ष दूर है. मतलब ये है कि ये विस्फोट 2.10 करोड़ साल पहले हुआ था, जिसकी रोशनी अब हमारी धरती पर पहुंची है. एस्ट्रोनॉमर्स लगातार इस सुपरनोवा पर नजर गड़ाकर बैठे हैं. वो देखना चाहते हैं कि कैसे इसकी रोशनी कम ज्यादा हो रही है. क्योंकि पृथ्वी पर अब तक इसके सिग्नल आ रहे हैं. 

अब जल्द स्पेस में ही सैटेलाइट्स किए जाएंगे रीफ्यूल

Advertisement
Advertisement