पृथ्वी के तूफान तो अच्छे नहीं होते, लेकिन बृहस्पति पर जो तूफान आ रहे हैं वो बेहद खूबसूरत हैं. खूबसूरत इसलिए क्योंकि तूफान के बाद वहां तबाही नहीं, बल्कि ऐसे नजारे दिखते हैं जो हैरान कर देते हैं.
5 जुलाई को, नासा (NASA) का जूनो स्पेसक्राफ्ट (Juno probe) जब बृहस्पति के सबसे करीब था, तब उसने इस ग्रह के उत्तरी ध्रुव के चारों तरफ आए शक्तिशाली तूफान की कुछ हैरान कर देने वाली तस्वीरें लीं.
नासा का कहना है कि तूफान बृहस्पति के अशांत वातावरण में 50 किलोमीटर से ज्यादा की गहराई तक पहुंचता है और सैकड़ों मील चौड़ा होता है. वैज्ञानिक इन तूफानों का अध्ययन कर रहे हैं, ताकि यह समझा जा सके कि ये तूफान क्यों आते हैं.
बृहस्पति के पिछले अध्ययन से पता चला है कि ये तूफान जिस दिशा और स्थान पर घूमते हैं, उसके हिसाब से इनके रंग अलग-अलग होते हैं. जैसे, बृहस्पति के उत्तरी गोलार्ध में एंटी-क्लॉकवाइज़ घूमने वाले तूफान और दक्षिणी गोलार्ध में क्लॉकवाइज़ घूमने वाले तूफानों का आकार और रंग, उत्तर में क्लॉकवाइज़ और दक्षिण में एंटी-क्लॉकवाइज़ घूमने वाले तूफानों से अलग होता है.
नासा का कहना है कि जूनो को 2011 में लॉन्च किया गया था और पांच साल बाद ये गैस के गोले- बृहस्पति के पास पहुंचा था. इसने 5 जुलाई को बृहस्पति के अपने 43वें करीबी फ्लाईबाई के दौरान तस्वीरें लीं. जूनो अण्डाकार कक्षा में बृहस्पति की परिक्रमा करता है और हर 43 दिन में एक चक्कर पूरा करता है. जूनो बृहस्पति बादलों के 5,000 किलोमीटर तक सबसे नजदीक पहुंचा था. यह खास तस्वीरें तब ली गई थीं, जब जूनो ग्रह से करीब 25,100 किलोमीटर की दूरी पर था.
The north pole of Jupiter has mesmerizing storms, new Juno images reveal https://t.co/iaRuNRJbor pic.twitter.com/taAk5ka6uG
— SPACE.com (@SPACEdotcom) July 28, 2022
जूनो मिशन, को 2021 में खत्म कर देने की योजना थी, लेकिन इसे पिछले साल 2025 तक बढ़ा दिया गया. रिटायर होने के बाद जूनो बृहस्पति के आकर्षक वातावरण पर फोकस करेगा और ग्रह के रहस्यमय चंद्रमा गैनीमेड, यूरोपा और आईओ का अध्ययन भी करेगा.