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NIScPR के 'One Week One Lab' अभियान की शुरुआत 11 से

देश की सबसे बड़ी प्रयोगशाला CSIR देश में 'वन वीक वन लैब' नाम से नया इवेंट कर रहा है. इसमें साइंस के प्रति जागरुकता बढ़ाने के लिए 'एक सप्ताह एक प्रयोगशाला' कार्यक्रम की शुरुआत की गई है. हाल ही में कर्टेन रेज प्रोग्राम हुआ था. अभी 11 से 16 सितंबर तक इनके कई इवेंट्स होंगे.

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CSIR-NIScPR 11 से 16 सितंबर 2023 तक वन वीक वन लैब का आयोजन शुरू किया है.
CSIR-NIScPR 11 से 16 सितंबर 2023 तक वन वीक वन लैब का आयोजन शुरू किया है.

CSIR-NIScPR ने पूरे देश में नया इवेंट शुरू किया है. विज्ञान को लोगों तक सीधे पहुंचाने के लिए इस कार्यक्रम की शुरुआत की गई है. देश की सबसे बड़ी प्रयोगशाला सीएसआईआर चाहती है कि देश और दुनिया के लोगों को उनके हर लैब में हो रहे काम की जानकारी हो. कहां क्या हो रहा है, किस तरह का इनोवेशन हो रहा है. वह जनता तक जाए. इसीलिए नया प्रोग्राम शुरू किया गया है, जिसका नाम है एक सप्ताह एक प्रयोगशाला (One Week One Lab - OWOL). 

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इसका कर्टेन रेजर प्रोग्राम हाल ही में नई दिल्ली स्थित पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स में किया गया. जिसमें कई बड़े साइंटिस्ट, विज्ञान कम्यूनिकेटर आदि शामिल हुए. इस कार्यक्रम में प्रो. राकेश भटनागर मुख्य अतिथि थे. सीएसआईआर आईजीआईबी के डायरेक्टर डॉ. शौविक मैती, सीएसआईआर सीआरआरआई के प्रो. मनोरंजन परीदा भी शामिल थे. 11 से 16 सितंबर तक कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाना है. 

One Week One Lab के आने वाले कार्यक्रम

11 सितंबर 2023: CSIR-NPL के ऑडिटोरियम में प्रोग्राम की शुरुआत.
12 सितंबर 2023: CSIR-NPL के ऑडिटोरियम में 'स्टार्ट-अप वर्कशॉपः फ्रॉम आइडिया टू मार्केट'.
13 सितंबर 2023: CSIR-NPL के ऑडिटोरियम में ग्रासरूट इनोवेशन एंड स्किल डेवलपमेंट कॉन्क्लेव फॉर रूरल डेवलपमेंट और CSIR-NIScPR, पूसा में स्टूडेंड-साइंस कनेक्ट, CSIR-NIScPR & KAMP वर्कशॉप. 
14 सितंबर 2023: CSIR-NIScPR के विवेकानंद हॉल में साइंस कम्यूनिकेशनः पब्लिक इंगेजमेंट विद साइंस.
15 सितंबर 2023: CSIR-NIScPR के एसवी मार्ग कैंपस में साइंस नॉलेज कन्वेंशन. 
16 सितंबर 2023: CSIR-NIScPR के पूसा के विवेकानंद हॉल में साइंस पॉलिसी एंड डिप्लोमेसी मीट एंड वैलिडेक्टरी सेशन होगा. 

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CSIR-NIScPR One Week One Lab

सीएसआईआर की सबसे युवा प्रयोगशाला

कार्यक्रम की शुरुआत NIScPR निदेशक प्रो. रंजना अग्रवाल किया. उन्होंने कहा कि उनकी लैब सीएसआईआर की सबसे युवा प्रयोगशाला है. सिर्फ दो साल पुरानी है. इसके बावजूद उनके पास NISTADS और NISCAIR की संयुक्त रूप से 100 वर्षों की सामूहिक विरासत है. यह लैब विज्ञान संचार और नीति अनुसंधान के लिए सबसे उपयुक्त संस्थान है. 

प्रो. अग्रवाल ने कहा कि CSIR-NIScPR एक अनोखी प्रयोगशाला है. यह विज्ञान को समाज और उद्योग से जोड़ती है. यह किसी न किसी रूप में समाज हर हिस्से के काम आ रही है. उन्हें छू रही है. सीएसआईआर को राजनीतिक रूप से स्वतंत्र देश को वैज्ञानिक रूप से सशक्त बनाने की दृष्टि से विकसित किया गया था.  

स्थापना दिवस के साथ खत्म होगा यह कार्यक्रम

OWOL देश में मौजूद सभी सीएसआईआर संबंधित प्रयोगशालाओं में मनाया जाएगा. इसके लैब्स को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मान्यताएं मिली हुई हैं. एक सप्ताह एक प्रयोगशाला संबंधी सभी गतिविधियां 26 सितंबर को खत्म हो जाएंगी. उसी दिन इस संस्थान का स्थापना दिवस मनाया जाएगा.  

डॉ . राकेश भटनागर ने कहा की राष्ट्र की नींव निर्माण के लिए अच्छे शिक्षकों की तलाश जरूरी है. साथ ही अधिक से अधिक लोगों को उत्कृष्ट शिक्षक बनने की आकांक्षा रखनी चाहिए. जिससे विज्ञान जैसे विषय को पंक्ति के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाया जाए. जीवन को सरलतम बनाने के प्रयास किए जाए.  

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कार्यक्रम की डिटेल्स डॉ. योगेश सुमन और डॉ.मनीष मोहन गोरे ने दी. इसके बाद NIScPR की अब तक की यात्रा का एक वीडियो दिखाया गया. कार्यक्रम में वन वीक वन लैब के ब्रोशर को रिलीज़ किया गया. कार्यक्रम का संचालन श्वेता श्रीवास्त्री ने किया.  

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