धरती पर फोटोसिंथेसिस (Photosynthesisi) करने वाले जीव कार्बन डाईऑक्साइड (Carbon dioxide), सूरज की रोशनी और पानी को सोखते हैं और बदले में शुगर और स्टार्च देते हैं, जिससे ऊर्जा मिलती है. इस प्रक्रिया का बाईप्रोडक्ट है ऑक्सीजन (Oxygen). इसलिए अगर किसी और ग्रह पर ऑक्सीजन मिलती है, तो वह खुशी की बात होगी.
पृथ्वी ऑक्सीजन से भरपूर है. यह क्रस्ट का 46 प्रतिशत और मेंटल का भी करीब इतना ही प्रतिशत बनाता है और यहां के वातावरण में भी करीब 20 प्रतिशत ऑक्सीजन है. करीब 200 करोड़ साल पहले, ग्रेट ऑक्सीजनेशन इवेंट (GOE) से ऑक्सीजन की उत्पत्ति हुई.
हम ये मान सकते हैं अगर वैज्ञानिकों को बाहरी ग्रहों के वातावरण में ऑक्सीजन मिलती है, तो यह साफ संकेत है कि वहां जीवन हो सकता है. हो सकता है कि महासागरों में छोटे जीव तैर रहे हों, सूर्य के प्रकाश को ग्रहण कर रहे हों और ऑक्सीजन छोड़ रहे हों. लेकिन नए शोध ने ऑक्सीजन के एक ऐसे स्रोत की खोज की है, जो जीवन पर निर्भर नहीं है.
साइंस एडवांसेस (Science Advances) में प्रकाशित शोध के मुख्य लेखक मैन्स वॉलनर (Mans Wallner) के मुताबिक, शोधकर्ताओं ने ऑक्सीजन का एक अजैविक स्रोत (Abiotic source) खोजा है, जो सल्फर डाइऑक्साइड से उत्पन्न होता है. आकाशीय पिंडों में सल्फर पाया जाता है. ज्वालामुखी सल्फर पैदा करते हैं और इसे वातावरण में पंप करते हैं, इसलिए बाहरी ग्रहों को वायुमंडल में ऑक्सीजन हो सकती है. लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि वहां जीवन भी हो.
इसके बजाय, एक तारे से हाई एनर्जी रेडिएशन, सल्फर डाइऑक्साइड के अणु को आयनित कर सकता है. सल्फर डाइऑक्साइड का सूत्र SO2 है, और जब यह आयनित हो जाता है, तो अणु खुद को पुनर्व्यवस्थित करता है. यह एक डबल पॉजिटिव चार्ज सिस्टम बन जाता है. अब यह लीनियर फॉर्म में आता है, जिसमें दोनों ऑक्सीजन परमाणु एक दूसरे से सटे होते हैं और दूसरे छोर पर सल्फर होता है. इसे रोमिंग कहते हैं, क्योंकि ऑक्सीजन के परमाणु नए कंपाउंड में बसने तक, ऑर्बिट में घूमते रहते हैं.
Oxygen Might Not Be an Ideal Sign of Life on Other Planets After All https://t.co/jHZqRBSs2a
— ScienceAlert (@ScienceAlert) October 19, 2022
Io, Ganymede, और Europa सभी के वायुमंडल में ऑक्सीजन है और रोमिंग इसका कारण हो सकता है. सौर मंडल में सबसे ज्यादा ज्वालामुखी Io पर हैं, इसलिए वहां जीवन नहीं है. गेनीमेड और यूरोपा में महासागर हैं, इसलिए हो सकता है कि वहां जीवन संभव हो, लेकिन वह जीवन पृथ्वी के जैसा ऑक्सीजन वातावरण नहीं बना सकता.