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जब PM मोदी ने थामी एंटी-ड्रोन गन, दुश्मन के Drone को चुटकी में मार गिराती है ये आधुनिक राइफल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 अक्टूबर को गुजरात में डिफेंस एक्सपो का उद्घाटन किया. इसके बाद वो प्रदर्शनी एरिया में गए. वहां उन्होंने अपने हाथ में एक ऐसी बंदूक उठाई जो बेहद आधुनिक और Sci-Fi लग रही थी. पीएम ने जो गन अपने हाथ में उठाई थी, उसका पहला सेट भारतीय वायुसेना को दिया जा चुका है. जानिए इसकी ताकत...

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PM Narendra Modi के हाथ में है गुरुत्व सिस्टम की एंटी-ड्रोन गन Dronaam. (फोटोः ट्विटर/डिफेंस डिकोड)
PM Narendra Modi के हाथ में है गुरुत्व सिस्टम की एंटी-ड्रोन गन Dronaam. (फोटोः ट्विटर/डिफेंस डिकोड)

डिफेंस एक्सपो 2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने अपने हाथ में ऐसी गन उठाई थी, जिसमें कोई नली यानी बैरल नहीं थी. इस गन को बनाने वाली कंपनी ने इसका पहला सेट भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) को सौंप दिया है. लेकिन बिना नली वाली गन का उपयोग क्या है. क्यों पीएम मोदी ने इस गन के बारे में पूछताछ की. क्या उन्होंने इस गन को चलाकर देखा. 

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इस गन को बनाता है गुरुत्व सिस्टम्स (Gurutvaa Systems). इस गन का नाम है ड्रोनम (Dronaam). यह एक काउंटर अनमैन्ड एयरक्राफ्ट सिस्टम (Counter-unmanned aircraft systems) है. सामान्य भाषा में कहें तो इसे एंटी-ड्रोन गन बुला सकते हैं. ड्रोनम एक स्टेट-ऑफ-द-आर्ट मॉड्यूलर सिस्टम है, जो घुसपैठ करने वाले ड्रोन्स को मार गिराने में सक्षम है. 

डिफेंस एक्सपो में गुरुत्व सिस्टम के Dronaam को दिखाता एक कर्मचारी. (फोटोः ट्विटर/गुरुत्व सिस्टम)
डिफेंस एक्सपो में गुरुत्व सिस्टम के Dronaam को दिखाता एक कर्मचारी. (फोटोः ट्विटर/गुरुत्व सिस्टम)

इस सिस्टम में ओमनी-डारेक्शनल कवरेज की सुविधा है. इसे डिसमाउंटेड या माउंटेड ऑपरेशन में इस्तेमाल कर सकते हैं. इस सिस्टम को एक Sci-Fi गन की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं. यह सिस्टम दुश्मन के ड्रोन के जीएनएसएस, कंट्रोल, वीडियो और टेलिमेट्री सिग्नल को जाम कर सकता है. 

अक्सर ये खबर आती है कि पाकिस्तान की तरफ से ड्रोन सीमाई इलाकों में उड़ते देखे जाते हैं. कई बार हमारी सेना ने इ ड्रोन्स को मार गिराया है. जब्त किया है. जांच में हर बार पता चलता है कि ये ड्रोन पाकिस्तान से आया है. सीमा के पास रहने वाले स्थानीय निवासी भी इस बात को पुख्ता करते हैं कि उस पार से ड्रोन्स आते हैं. उड़ान भी भरते हैं. 

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इस तरह के पैकिंग में आती है ये एंटी-ड्रोन गन. (फोटोः iadn/twitter)
इस तरह के पैकिंग में आती है ये एंटी-ड्रोन गन. (फोटोः iadn/twitter)

कोई भी एंटी ड्रोन सिस्टम दो तरह से काम करता है. पहली सॉफ्ट किल (Soft Kill) यानी किसी भी ड्रोन के संचार लिंक को तोड़ देना. यानी ड्रोन को जिस रिमोट या कंप्यूटर से उड़ाया जाए, उससे ड्रोन का संपर्क तोड़ देना. इससे ड्रोन दिशाहीन होकर गिर जाता है. वह उड़ना बंद कर देता है. उसे चलाने वाले का संपर्क टूटते ही ड्रोन किसी का काम का नहीं रहता. 

दूसरा सिस्टम है हार्ड किल  (Hard Kill) यानी इस काउंटर ड्रोन सिस्टम की रेंज में आते ही उस पर लेज़र हथियार से हमला किया जाता है. लेज़र हमले से ड्रोन के इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम खराब हो जाते हैं. वह जल जाता है. ये लेज़र सिस्टम बिना किसी धमाके के ही ड्रोन को मार गिराता है. यानी इसके रेंज में आते ही दुश्मन का ड्रोन या तो गिर जाएगा. या फिर गिरा दिया जाएगा. 

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