खून तीन प्रकार की कैटेगरी में बांटे गए हैं. A, B और O ब्लड ग्रुप्स. कुछ दुर्लभ ब्लड ग्रुप्स और भी हैं. लेकिन अब वैज्ञानिकों ने एक ऐसा ब्लड ग्रुप सिस्टम खोजा है, जो नया तो है ही... बेहद दुर्लभ भी है. इसके साथ ही 30 साल पुराने एक रहस्य से पर्दा भी उठ गया है. इस नए और दुर्लभ ब्लड ग्रुप सिस्टम (Rare New Blood Group System) की खोज की है यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिस्टल (University of Bristol) और एनएचएस (NHS) के वैज्ञानिकों ने मिलकर. ये कोई आम ब्लड ग्रुप नहीं है.
किसी भी इंसान के ब्लड ग्रुप की पहचान इससे होती है कि उसके खून में कई प्रकार के प्रोटीन्स है या नहीं. ये प्रोटीन्स आमतौर पर RBC या लाल रक्त कणिकाओं के ऊपरी सतह पर मौजूद होते हैं. सामान्य ब्लड ग्रुप का जो कॉन्सेप्ट है, उसमें A,B,O और Rh (प्लस या माइनस) को समझते हैं. इसके अलावा भी कई महत्वपूर्ण ब्लड ग्रुप्स हैं. जहां विभिन्नता दिखती है. यानी एक व्यक्ति का खून दूसरे के खून से अलग होता है. या फिर एलोइम्यूनाइजेशन (Alloimmunization) की प्रक्रिया से.
एलोइम्यूनाइजेशन यानी इंसान के शरीर में होने वाली वो प्रक्रिया जिसमें किसी ब्लड ग्रुप के एंटीजन के खिलाफ शरीर में एंटीबॉडी बनती है. अगर शरीर में एलोएंटीबॉडीज (Alloantibodies) हैं तो इससे ब्लड ट्रांस्फ्यूजन के समय या प्रेग्नेंसी के समय इम्यून सिस्टम की तरफ से हमला होने का खतरा रहता है. यह एक खतरनाक स्थिति है. ब्रिस्टल स्कूल ऑफ बायोकेमिस्ट्री और इंटरनेशनल ब्लड ग्रुप रेफरेंस लेबोरेटरी ने 30 साल पुराने इस रहस्य को सुलझाने के लिए प्रयोग और टेस्ट करने शुरू किए.
30 साल पुराने रहस्य से हुआ खुलासा
उन्हें स्टडी करनी थी 30 साल पुराने रहस्य यानी तीन ऐसे एंटीजेन्स की जो जेनेटिकली अलग हैं लेकिन किसी भी सामान्य ब्लड ग्रुप सिस्टम में फिट नहीं होते. बस इन्हीं एलोएंटीबॉडीज की स्टडी के दौरान पता चला कि Er एंटीजन भी है. जिसे 30 साल पहले ही खोजा गया था. लेकिन इसके बारे में कुछ भी पता नहीं था. यह वैज्ञानिकों और दुनियाभर के डॉक्टरों के लिए मिस्ट्री था. इन वैज्ञानिकों ने Er की जांच जीन कोडिंग से शुरु की. डीएनए की सिक्वेंसिंग की गई. वैज्ञानिकों को जीन कोडिंग के समय Piezo1 प्रोटीन में खास तरह के बदलाव दिखे.
Er है दुनिया का नया दुर्लभ ब्लड ग्रुप
वैज्ञानिकों ने एक ऐसे कोशिकाओं की सीरीज बनाई जो जल्दी मरती नहीं. इसके बाद उनमें से Piezo1 प्रोटीन को निकालकर अलग कर लिया. तब पता चला कि Er एंटीजेन्स की खिलाफत करने के लिए शरीर में एलोएंटीबॉडीज बन जाती है. Er के साथ Piezo1 जुड़ा रहता है. इसलिए ब्लड ट्रांसफ्यूजन और प्रेग्नेंसी के समय इम्यून सिस्टम हमला कर देता है. जांच में यह पता चला की Piezo1 प्रोटीन ही सबसे बड़ा किरदार है. वह Er को बेहद दुर्लभ और नया ब्लड ग्रुप सिस्टम बनाता है. Er ब्लड ग्रुप वाली महिलाओं के बच्चों का गर्भपात हो जाता है. वो बचते नहीं हैं.
जल्द विकसित हो जाएगी इस ब्लड ग्रुप की जांच तकनीक
अब वैज्ञानिक ऐसी जांच को विकसित करने में लग गए हैं, जो Er ब्लड ग्रुप की पहचान कर सके. ताकि लोगों को ब्लड ट्रांसफ्यूजन के समय और गर्भवती महिलाओं को सेहत संबंधी दिक्कतों का सामना न करना पड़े. अगर ये एंटीजेन ज्यादा हो गए तो शरीर में पैदा होने एलोएंटीबॉडीज इन्हें मार डालते हैं. इस प्रक्रिया में इंसान और उसके पेट में पल रहा बच्चा खतरे में आ जाता है. उसकी मौत हो जाती है. क्योंकि Piezo1 प्रोटीन अच्छी सेहत और बीमारी दोनों के लिए जिम्मेदार हो सकता है. लेकिन इसके बारे में अब भी वैज्ञानिकों को ज्यादा पता नहीं है.
Piezo1 प्रोटीन से खुलेंगे खून से संबंधित कई और रहस्य
यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिस्टल के प्रमुख शोधकर्ता डॉ. टिम सैचवेल कहते हैं कि हमारे लिए Er ब्ल्ड ग्रुप सिस्टम से पर्दा हटाना एक बड़ी चुनौती थी. हमें अब भी बहुत कुछ सीखना है. इसका Piezo1 प्रोटीन रहस्यों का खजाना है. सेल बायोलॉजी के प्रोफेसर एश टोये ने कहा कि रेड ब्लड सेल्स (RBC) पूरी दुनिया के लिए रहस्यों का सबसे बड़ा पिटारा है. Piezo ऐसा प्रोटीन है जिसे हम मिकैनोसेंसरी (Mechanosensory) प्रोटीन कहते हैं. ये रेड ब्लड सेल्स पर किसी भी तरह के बदलाव को पकड़ लेता है. हर कोशिका में ये सैकड़ों की संख्या में मौजूद होता है. इनकी स्टडी हाल ही में ब्लड जर्नल में प्रकाशित भी हुई है.