लाल सागर (Red Sea) को दुनिया का सबसे नमकीन सागर कहा जाता है. इस समुद्र की गहराई में वैज्ञानिकों को दुर्लभ खारे पूल (Rare deep-sea brine pools) मिले हैं. यहां का वातावरण इतना खराब होता है कि वहां जाने वाला कोई भी जीव बच नहीं पाता. बड़े जानवरों के लिए इस पूल का पानी बेहद घातक है, लेकिन कुछ जीव ऐसे हैं जो इतने खतरनाक वातावरण में भी जिंदा रहते हैं. यहां सूक्ष्म जीवों (Microbes) की कुछ प्रजातियां हैं, जो इन बेहद नमकीन पूल में फल-फूल रही हैं.
शोध से पता चलता है कि ये सूक्ष्म जीव, समुद्र के उस क्षेत्र में पर्यावरण में होने वाले उतार-चढ़ाव के सुराग दे सकते हैं. साथ ही पृथ्वी पर जीवन की उत्पत्ति कैसे हुई इसपर भी प्रकाश डाल सकते हैं.
सऊदी अरब के तट से 5,800 फीट की गहराई पर मिले खारे पूल
इन नमकीन पूल में पाए जाने वाले सेडिमेंट के बारे में कम्यूनिकेशन अर्थ एंड इनवॉयरमेंट (communications earth & environment) में प्रकाशित एक पेपर में बताया गया है. शोधकर्ताओं ने सऊदी अरब के तट से 5,800 फीट की गहराई पर नमकीन पूल की खोज की और उसके नमूने लिए. गहरे समुद्र में चलने वाले सबमर्सिबल रिमोट-ऑपरेटेड व्हीकल (ROV) ने छह सप्ताह की मेहनत के बाद इस पूल को खोजा था.
शोध के लेखकों ने गहरे समुद्र के नमकीन पूलों को NEOM नाम दिया. शोधकर्ताओं का कहना है कि ये पूल ऐसी जगह पर पाए गए थे, जहां पहले कभी कोई नहीं पहुंचा था. पूल की स्थिति, सेडिमेंटोलॉजी, कैमिस्ट्री और बायोलॉजी को समझने के लिए, सीटू माप और नमूने (पानी, सतह के सेडिमेंड के नमूने और कोर) इकट्ठे किए गए.
इन सैंपल से यह पता किया जा सकता है कि क्या NEOM पूल, लाल सागर में पाए जाने वाली बाकी ब्राइन पूल की श्रेणी में आते हैं, या फिर इसकी अपनी अलग श्रेणी है. दोनों ही पूल के बीच एक खास अंतर यह है कि NEOM समुद्र के किनारे के काफी करीब है, जबकि दूसरे पूल किनारे से कोई 25 किलोमीटर दूर हैं.
NEOM सऊदी अरब के काफी करीब है, इसलिए इनसे अकाबा की खाड़ी में सुनामी, अचानक आई बाढ़ और भूकंपीय गतिविधियों के ऐतिहासिक कारणों का पता लग सकता है.
दूसरे ग्रहों पर जीवन की उत्पत्ति के मिल सकते हैं सुराग
शोधकर्ताओं का कहना है कि अपनी खतरनाक और जानलेवा परिस्थितियों के बावजूद, NEOM ब्राइन पूल में कई तरह के माइक्रोब्स हैं. माना जाता है कि जीवन की उत्पत्ति हमारे महासागरों के गहरे, अंधकारमय और बिना ऑक्सीजन वाले कोनों से हुई है. इस नई खोज से प्रारंभिक जीवन के साथ-साथ, प्राचीन पर्यावरणीय परिस्थितियों का अध्ययन किया जा सकता है.
Super salty brine pools are deadly for larger animals, but some hardy microbe species can be found living it up within them, as well as pristinely preserved ocean sediments, new research has found.https://t.co/HyAvza8TrJ
— IFLScience (@IFLScience) July 21, 2022
मियामी युनिवर्सिटी में समुद्री भूविज्ञान विभाग के अध्यक्ष और शोध के मुख्य लेखक प्रोफेसर सैम पर्किस (Sam Purkis) का कहना है कि डीप-सी ब्राइन पूल में ऑक्सीजन की कमी और हाइपरसैलाइन (hypersaline) होने के बावजूद, तथाकथित 'एक्सट्रीमोफाइल' रोगाणु (extremophile microbes) यहां खासी तादात में हैं. इनसे यह पता लग सकता है कि पृथ्वी पर जीवन की शुरुआत कैसे हुई थी. इतना ही नहीं, हमारे सौर मंडल के दूसरे ग्रहों पर जहां पानी है, वहां जीवन की उत्पत्ति के बारे में काफी कुछ पता चल सकता है.