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पृथ्वी जैसे पथरीले ग्रह से आ रहे रेडियो सिग्नल, क्या एलियन दे रहे हैं मिस कॉल?

शोधकर्ताओं को पृथ्वी जैसे एक चट्टानी एक्सोप्लैनेट से रेडियो सिग्नल मिले हैं. वहां जीवन होने की उम्मीद की जा रही है, क्योंकि यहां शोधकर्ताओं ने चुंबकीय क्षेत्र (Magnetic field) होने की बात भी कही है, जिससे जीवन होने की संभावना हो सकती है. क्या सिग्नल भेजने वाले Aliens हो सकते हैं?? आइए जानते हैं.

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एक्सोप्लैनेट से लगातार आ रहे हैं सिग्नल (Photo: Getty)
एक्सोप्लैनेट से लगातार आ रहे हैं सिग्नल (Photo: Getty)

पृथ्वी के आकार के एक चट्टानी एक्सोप्लैनेट से खगोलविदों ने रेडियो सिग्नल का पता लगाया है. ये सिग्नल लगातार आ रहे हैं. खगोलविदों ने वहां जीवन होने की उम्मीद जताई है, क्योंकि इस जगह को रहने योग्य बनाने वाला सबसे महत्वपूर्ण कारक है चुंबकीय क्षेत्र (Magnetic field), जिसका शोधकर्ता दावा कर रहे हैं.

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इस ग्रह का नाम है YZ Ceti b और यह पृथ्वी से लगभग 12 प्रकाश वर्ष दूर एक छोटे लाल बौने तारे की परिक्रमा कर रहा है. यूएस नेशनल साइंस फाउंडेशन की नेशनल रेडियो एस्ट्रोनॉमी ऑब्जर्वेटरी के प्रोग्राम डायरेक्टर जो पेस (Joe Pesce) का कहना है कि दूसरे सोलर सिस्टम में जीवन की संभावना वाले ग्रह की खोज इस बात पर निर्भर करती है कि चट्टानी और पृथ्वी जैसे एक्सोप्लैनेट्स में असल में चुंबकीय क्षेत्र है या नहीं. उन्होंने कहा कि इस शोध से पता चलता है कि इस चट्टानी एक्सोप्लैनेट में न केवल चुंबकीय क्षेत्र होने की संभावना है, बल्कि और भी बहुत कुछ है जिसे खोजा जा सकता है.

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 कार्ल जी. जांस्की वेरी लार्ज एरे को मिला था सिग्नल (Photo: Getty)

मैग्नेटिक फील्ड वह क्षेत्र है जो किसी ग्रह के वातावरण को शक्तिशाली स्टेलर हवाओं की वजह से खराब नहीं होने देता. जैसे, मंगल ग्रह का एक वातावरण हुआ करता था. यह एक गर्म और गीला ग्रह था. लेकिन चुंबकीय क्षेत्र खो देने के बाद, इसका वातावरण धीरे-धीरे खत्म हो गया. हमारे सौर मंडल में बृहस्पति, शनि, यूरेनस और नेप्च्यून के पास अभी भी चुंबकीय क्षेत्र हैं. और पहले भी खगोलविदों को ऐसे एक्सोप्लैनेट के सबूत मिले हैं जिनका अपना मैग्नैटिक फील्ड था. 

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लेकिन हमें अब से पहले अपने सौर मंडल के बाहर छोटे, चट्टानी ग्रहों पर मैग्नेटिक फील्ड नहीं मिले थे. लेकिन इस एक्सोप्लैनेट से लगातार आ रहे रेडियो सिग्नल से कोई सुराग मिल सकता है. टीम का मानना ​​है कि सिग्नल का मतलब यह है कि इस ग्रह का चुंबकीय क्षेत्र, YZ Ceti तारे के साथ इंटरैक्ट कर रहा है, जिसकी परिक्रमा ये ग्रह करता है.

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एक्सोप्लैनेट अपने तारे से इस तरह इंटरैक्ट करता है (Photo: National Science Foundation_Alice Kitterman)

लेकिन ज़्यादा खुश न होइए, क्योंकि भले ही YZ Ceti b का एक चुंबकीय क्षेत्र हो, लेकिन इस बात की कोई  संभावन नहीं है कि वहां जीवन हो. असल में एक्सोप्लैनेट YZ Ceti के इतने करीब है कि इसकी ऑर्बिट केवल दो दिनों की है. तुलना के लिए समझें कि हमारे सूर्य के सबसे नज़दीक बुध ग्रह को सूर्य का एक चक्कर लगाने में 88 दिन लगते हैं. 

यह सिग्नल न्यू मैक्सिको में कार्ल जी. जांस्की वेरी लार्ज एरे को मिला था और इसकी पहचान पेन्सिलवेनिया में बकनेल यूनिवर्सिटी के खगोलशास्त्री जैकी विलाडसन (Jackie Villadsen) ने डेटा देखकर की. विलाडसन का कहना है कि हमने शुरुआती विस्फोट देखा और यह सुंदर लग रहा था. जब हमने इसे फिर से देखा, तो इससे संकेत मिलते हुए नज़र आए.

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क्या एलियन भेज रहे हैं सिग्नल?

सिग्नल क्यों आ रहे हैं, इसपर विलाडसन का कहना है कि यहां शक्तिशाली रेडियो वेव्स उत्पन्न हो रही हैं, क्योंकि ग्रह का चुंबकीय क्षेत्र अपने तारे से निकलने वाले प्लाज्मा को पार करता है. इसी वजह से YZ Ceti b में छोटी ऑर्बिट के बावजूद भी एक चुंबकीय क्षेत्र है. यह अपने तारे के साथ इतना इंटरैक्ट करता है कि इसकी रेडियो तरंगें पृथ्वी से भी पकड़ ली गईं. 

रेडियो तरंगों की ताकत के आधार पर, शोधकर्ता चुंबकीय क्षेत्र तो दिखाने में सफल रहे, लेकिन उनका कहना है कि अगर इसकी पुष्टि की जाती है, तो यह पहला चट्टानी और पृथ्वी के आकार का एक्सोप्लैनेट होगा जिसमें सिग्नल देखा गया.

 

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