बेल्जियम (Belgium) में एक किसान ने दावा किया है कि अलग-अलग तरह का संगीत, सुआरों (Pigs) के व्यवहार को प्रभावित करता है. अब वैज्ञानिक इस किसाने के दावों की जांच कर रहे हैं.
किसान पीट पेसमैन (Piet Paesmans) ने पहली बार इस बात पर तब गौर किया जब उनके बेटे ने, सुअरों के गर्भाधान वाली जगह पर एक धुन गुनगुनाना शुरू किया. उन्होंने देखा कि मादा सुअर संगीत सुनकर उत्साहित लग रही थीं और वे अपनी पूंछ हिलाने लगी थीं.
पेसमैन का फार्म ब्रसेल्स और डच सीमा के बीच है. उन्होंने जब मादा सुअरों का व्यवहार देखा, तो उन्होंने बाकी सूअरों के साथ भी ऐसा ही करने का मन बनाया. इसके बाद, उन्होंने दिन के अलग-अलग समय के हिसाब से एक प्लेलिस्ट बनाई, जैसे दिन के वक्त उन्होंने ऊर्जा देने वाला संगीत बजाया, ताकि सुअर एक्टिव रहें और रात को लोरी बजाई.
पेसमैन ने कहा, 'मस्ती भरे डांस वाले गाने सबसे ज्यादा हिट हैं. उन्हें सुनकर सुअर अपनी पूंछ हिलाना शुरू कर देते हैं और जब वे ज्यादा एक्टिव होते हैं तो इधर-उधर नाचना और थिरकना शुरू कर देते हैं. रॉक म्यूज़िक उन्हें पसंद नहीं है.'
किसान ने शोधकर्ताओं की एक टीम को इस बारे में बताया. वैज्ञानिक अब किसान के दावों की जांच कर रहे हैं. प्रोजेक्ट कॉर्डिनेटर सैंडर पालमैन (Sander Palmans) के मुताबिक, संगीत के प्रति सूअरों की प्रतिक्रिया के बारे में अभी ज्यादा जानकारी नहीं है, लेकिन पेसमैन का अनुभव काम के साबित हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि जानवरों पर खास आवाज़ों का असर होता है. इसलिए यह संभव है कि उनपर संगीत का भी प्रभाव हो. यह बोरियत को दूर करने में मदद कर सकता है, जो तनाव से जुड़ा है.
Scientists in Belgium are investigating a farmer's claim that different styles of music affect the behaviour of his pigs. https://t.co/R1HtvnHQmH
— Reuters Science News (@ReutersScience) July 25, 2022
पेसमैन ने कहा कि शोध के नतीजे, इस इंडस्ट्री को भी व्यावहारिक तौर पर प्रभावित करेंगे, क्योंकि जानवरों में तनाव होने से उनके मीट की क्वालिटी पर भी असर पड़ता है. फिलहाल सुअरों पर संगीत किस तरह असर डालता है, इसपर शोध जारी है. इस शोध के नतीजे साल के अंत तक आने की उम्मीद है.