चीन ने 6 अगस्त 2024 को लॉन्ग मार्च 6ए रॉकेट से अपने इंटरनेट सैटेलाइट का पहला जखीरा छोड़ा. 18 सैटेलाइट छोड़े गए थे. मकसद था एलन मस्क के स्टारलिंक सैटेलाइट्स को टक्कर देना. लेकिन इस लॉन्च से पूरी दुनिया में हंगामा मच गया. धरती पर कचरा गिरा. अंतरिक्ष में फैल गया. 300 टुकड़े अंतरिक्ष में फैले हैं.
ये सभी टुकड़े धरती की निचली कक्षा (Lower Earth Orbit) में फैले हुए हैं. जिनसे दुनिया भर के देशों के सैटेलाइट्स और स्पेस स्टेशन को खतरा पैदा हो गया है. लेकिन अमेरिकी स्पेस कमांड इस पर नजर रख रही है. चीन ने लॉन्ग मार्च 6ए से 18 फ्लैट पैनल कियानफैन (थाउसैंड सेल्स) या जी60 को अंतरिक्ष में छोड़ा था.
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इन्हें शंघाई स्पेसकॉम सैटेलाइट टेक्नोलॉजी के लिए 800 किलोमीटर की ऊंचाई पर पोलर ऑर्बिट में डालना था. पहले इन्हें 14 हजार LEO कम्यूनिकेशन सैटेलाइट में रखना था. लेकिन अब इस मिशन से चीन ने दुनिया भर के सैटेलाइट्स के लिए खतरा पैदा कर दिया है. अंतरिक्ष में इसकी वजह से 300 से ज्यादा कचरा फैला गया है.
7.5 km/sec की स्पीड से घूम रहा है कचरा
ये सभी सैटेलाइट्स और रॉकेट बॉडी एकसाथ एक ही दिशा में अंतरिक्ष में तैर रहे हैं. इसमें से 50 टुकड़े बेहद खतरनाक ऑर्बिट में हैं. जहां ये किसी भी समय दूसरे देशों के सैटेलाइट्स और स्पेस स्टेशन को खतरा पहुंचा सकते हैं. ये कचरा 7.5 किलोमीटर प्रति सेकेंड की गति से उड़ान भर रहे हैं. रॉकेट के अपर स्टेज के टूटने से यह कचरा फैला है. यह स्टेज बिना प्रोपेलेंट के 5800 किलोग्राम का होता है.
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रॉकेट के ऊपरी हिस्से का टूटना है वजह
अमेरिकी स्पेस फोर्स ने कहा है कि ये कचरा इसलिए पैदा हुआ है क्योंकि चीन के लॉन्ग मार्च 6ए रॉकेट का ऊपरी हिस्सा अंतरिक्ष में टूट गया. जिसकी वजह से इतना ज्यादा कचरा पैदा हो गया है. हालांकि यह कहा गया है कि इससे किसी भी तरह के मानव उड़ान को दिक्कत नहीं है. ़
पिछले साल नवंबर में भी हुआ था हादसा
इसके पहले भी नवंबर 2022 में लॉन्ग मार्च 6ए रॉकेट का ऊपरी हिस्सा टूटा था. जिसकी वजह से अंतरिक्ष में सैकड़ों टुकड़े फैले थे. चीन की योजना थी इस लॉन्च के बाद इस साल के अंत तक 90 और सैटेलाइट छोड़ता. पहले फेज में 36 पोलर ऑर्बिट में, हर लॉन्च में 36 सैटेलाइट होते. चीन का प्लान है 14 हजार इंटरनेट सैटेलाइट छोड़ने का.