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पहली बार Rocket Lab कंपनी के रॉकेट को हेलिकॉप्टर ने हवा में पकड़ा

ये अपने आप में असंभव है कि एक तेज गति से आगे बढ़ रहे रौकेट को कोई रोक दे. लेकिन Rocket Lab ऐसा करने में सफल रही है. इस कंपनी के हेलिकॉप्टर ने रॉकेट को हवा में ही पकड़ लिया. जानिए कैसे हुआ ये कमाल.

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तेज गति से आ रहे रॉकेट को पकड़ना बेहद मुश्किल काम था (फोटो: Rocket Lab)
तेज गति से आ रहे रॉकेट को पकड़ना बेहद मुश्किल काम था (फोटो: Rocket Lab)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • रॉकेट को फिर से इस्तेमाल किया जा सकेगा
  • ऑर्बिट में 34 सैटेलाइट छोड़कर लौट रहा था रॉकेट

कैलिफ़ोर्निया की रॉकेट लैब (Rocket Lab) हाल ही में स्पेसएक्स (SpaceX) के साथ अंतरिक्ष कंपनियों के क्लब में शामिल हुई है, जो ऑर्बिटल-क्लास रॉकेट बूस्टर (Orbital-Class Rocket Booster) लॉन्च कर सकती है. इसे सही सलामत वापस ला सकती है.

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रॉकेट लैब कंपनी ने हाल ही में एक प्रयोग किया जिसमें अंतरिक्ष से वापस आ रहे इलेक्ट्रॉन रॉकेट (Electron Rocket) को हवा में ही कैच कर लिया गया. यह रॉकेट ऑर्बिट में 34 सैटेलाइट (Satellite) छोड़कर लौट रहा था. हेलिकॉप्टर (Helicopter) ने एक केबल और एक हुक के सहारे, पैराशूट से रॉकेट के पहले चरण के बूस्टर को हवा में ही पकड़ लिया.

यह प्रशांत महासागर से 6,500 फीट की ऊंचाई पर लटक रहा था. हालांकि उसे पकड़ने के कुछ समय बाद Sikorsky S-92 हेलीकॉप्टर के पायलटों ने बूस्टर को छोड़ने का फैसला किया, क्योंकि भार एक हुक पर लटका था जिसकी वजह से हेलिकॉप्टर को उड़ने में दिक्कत आ रही थी.

Rocket catched by helicopter
रॉकेट को दोबारा इस्तेमाल करने के उद्देश्य से ये टेस्ट किया गया (Photo: Rocket Lab)

रॉकेट लैब के सीईओ पीटर बेक (Peter Beck) ने ट्वीट करके कहा, 'यह रिकवरी टीम का हैरान कर देने वाला कैच था. मैं बता नहीं सकता कि वह कैच कितना मुश्किल था. उन्होंने हुकअप के बाद इसे छोड़ दिया, क्योंकि यह जिस तरह से उड़ रहा था, पायलट उससे खुश नहीं थे. लेकिन कोई बात नहीं, रॉकेट सुरक्षित गिराया गया.'

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रॉकेट लैब का कहना है कि बूस्टर को एक रिकवरी शिप ने प्रशांत महासागर से बाहर निकाला. जांच के लिए कंपनी के रॉकेट को फैक्ट्री में वापस लाया जाएगा. जहां यह तय किया जाएगा कि हेलिकॉप्टर द्वारा अगले कैच के लिए सिस्टम और प्रोसेस में क्या बदलाव किए जाने हैं.

 

रॉकेट को फिर से इस्तेमाल करने के उद्देश्य से, रॉकेट लैब ने यह प्रयोग किया था. रॉकेट लैब के वरिष्ठ संचार सलाहकार मुरीएल बेकर (Murielle Baker) ने मिशन वेबकास्ट के दौरान कहा कि इलेक्ट्रॉन रॉकेट को रीयूज़ेबल लॉन्च व्हीकल (Launch Vehicle) बनाने के हमारे कार्यक्रम में यह एक महत्वपूर्ण कदम है. खारे पानी में गिरने के बावजूद भी बूस्टर सही स्थिति में है. रॉकेट लैब के 26वें इलेक्ट्रॉन मिशन के लिए यह सफल सैटेलाइट लॉन्च मुख्य उद्देश्य था. 

 

जब रॉकेट लैब ने पहली बार 2017 में कम लागत वाले इलेक्ट्रॉन रॉकेट को लॉन्च करना शुरू किया, तो रॉकेट को फिर से इस्तेमाल कर सकने वाला नहीं बनाया गया था. लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया, बेक और अन्य अधिकारियों ने अंतरिक्ष तक पहुंच की लागत को कम करने के लिए यह तरीके खोजा.अब कंपनी एक बड़े लॉन्च व्हीकल पर काम कर रही है, जिसे न्यूट्रॉन के नाम से जाना जाता है. इसे अपनी लॉन्च साइट पर वापस आने के लिए डिज़ाइन किया गया है.

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