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रूस ने तैनात की दुनिया की सबसे खतरनाक मिसाइल, 30 मिनट में तबाह कर देगी धरती का कोई भी कोना

रूस ने दुनिया की सबसे शक्तिशाली, अजेय और घातक हाइपरसोनिक मिसाइल को सेना में शामिल कर लिया है. उसे तैनात भी कर दिया है. इसकी गति 33076 किलोमीटर प्रतिघंटा है. यह धरती पर कहीं भी किसी भी टारगेट को 30 मिनट में हिट कर सकती है. यह एक परमाणु मिसाइल सिस्टम है. आइए जानते हैं इसके बारे में...

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ओरेनबर्ग रीजन में रूस ने तैनात की है Avangard Hypersonic Missile System. (फोटोः रूसी रक्षा मंत्रालय)
ओरेनबर्ग रीजन में रूस ने तैनात की है Avangard Hypersonic Missile System. (फोटोः रूसी रक्षा मंत्रालय)

रूस के रक्षा मंत्रालय (Russia Ministry of Defence) ने अंतरमहाद्वीपीय हाइपरसोनिक एवनगार्ड मिसाइल सिस्टम (Intercontinental Hypersonic Avangard Missile System) को ओरेनबर्ग रीजन में तैनात कर दिया है. रूस का दावा है कि यह मिसाइल अगर छोड़ी गई तो दुनिया के किसी भी कोने में 30 मिनट में टारगेट पर हमला कर सकती है. इसकी स्पीड आवाज की गति से 27 गुना ज्यादा है. यानी 33076 किलोमीटर प्रतिघंटा है. एवनगार्ड मिसाइल (Avangard Missile) का वजन करीब 2000 किलोग्राम है. 

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अगर तापमान 20 डिग्री सेल्सियस है और हवा में नमी नहीं है, तो यह एवनगार्ड मिसाइल करीब 10 किलोमीटर की दूरी एक सेकेंड में पार कर सकती है. रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि इस मिसाइल की तैनाती के साथ ही उनके स्ट्रैटेजिक मिसाइल फोर्स की ताकत बढ़ गई है. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने साल 2018 में कहा था कि यह मिसाइल अजेय है. इसे दुनिया का कोई एंटी-मिसाइल सिस्टम मार नहीं सकता. 

Avangard मिसाइल की तैनाती का फैसला राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मिलिट्री के बड़े अधिकारियों से बैठक के बाद लिया. (फोटोः एपी)
Avangard मिसाइल की तैनाती का फैसला राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मिलिट्री के बड़े अधिकारियों से बैठक के बाद लिया. (फोटोः एपी)

रूस ने कहा है कि उन्होंने यूक्रेन पर 76 हमले किए हैं. जिनमें से अधिकतर को यूक्रेनी सेना और एयरफोर्स ने बेकार कर दिया. क्योंकि यूक्रेन को पश्चिमी देशों के हथियार मिले हैं. रूस ने 24 फरवरी 2022 को यूक्रेन पर हमला किया था. तब से लगातार युद्ध चल रहा है. शुक्रवार को यूक्रेन की राजधानी कीव पर रूस ने 40 मिसाइलें दागी लेकिन उनमें लगभग सभी मिसाइलों को यूक्रेन की सेना ने इंटरसेप्ट कर दिया. इसलिए रूस ने दुनिया की सबसे घातक मिसाइल को तैनात किया है.  

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यूक्रेन पर रूस ने दागी थी हाइपरसोनिक मिसाइल

रूस ने यूक्रेन पर अपनी दूसरी हाइपरसोनिक मिसाइल किंझाल (Kinzhal) से इस साल मार्च में हमला किया था. इस मिसाइल को खंजर यानी Dagger भी पुकारते हैं. हाइपरसोनिक मिसाइल वो हथियार होते हैं, जो आवाज की गति से पांच गुना ज्यादा स्पीड से चले. अगर कोई मिसाइल 6100 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से उड़ती है तो उसे हाइपरसोनिक कहते हैं. इनकी गति और दिशा में बदलाव करने की क्षमता इतनी ज्यादा सटीक और ताकतवर होती हैं, कि इन्हें ट्रैक करना और मार गिराना अंसभव होता है. 

ये है रूस की Kinzhal हाइपरसोनिक मिसाइल, जो उसने मार्च में यूक्रेन पर दागी थी. (फोटोःगेटी)
ये है रूस की Kinzhal हाइपरसोनिक मिसाइल, जो उसने मार्च में यूक्रेन पर दागी थी. (फोटोःगेटी)

इन देशों के पास हैं हाइपरसोनिक मिसाइलें

एवनगार्ड जैसी हाइपरसोनिक मिसाइलें रूस के अलावा अमेरिका और चीन के पास हैं. उत्तर कोरिया भी विकसित कर रहा है, लेकिन कोई पुष्टि नहीं है. रूस के पास जो एवनगार्ड हाइपरसोनिक मिसाइल है, उसे ICBM मिसाइल में लगाकर छोड़ा जाता है. यानी कुछ दूरी तक मिसाइल ले कर जाएगी, उसके बाद यह एवनगार्ड अपने रौद्र रूप में जाकर दुश्मन के टारगेट को ध्वस्त कर देगी. 

दो प्रकार के होते हैं हाइपरसोनिक हथियार

हाइपरसोनिक हथियार (Hypersonic Weapons) दो प्रकार के होते हैं. पहला- ग्लाइड व्हीकल्स (Glide Vehicles) यानी हवा में तैरने वाले. दूसरा- क्रूज मिसाइल (Cruiz Missile). अभी ज्यादातर देश ग्लाइड व्हीकल्स बना रहे हैं. इन्हें एक मिसाइल पर लगाकर छोड़ा जाता है. एक तय दूरी के बाद मिसाइल अलग हो जाती है. उसके बाद ग्लाइड व्हीकल्स आसानी से उड़ते हुए टारगेट पर हमला करता है. 

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Avangard मिसाइल को लॉन्चर के अलावा साइलो से भी लॉन्च कर सकते हैं. (फोटोः एपी)
Avangard मिसाइल को लॉन्चर के अलावा साइलो से भी लॉन्च कर सकते हैं. (फोटोः एपी)

भारत में भी बन रही है हाइपरसोनिक मिसाइल

भारत हाइपरसोनिक ग्लाइडर हथियार बना रहा है. परीक्षण भी हो चुका है. डीआरडीओ ने मानव रहित स्क्रैमजेट का हाइपरसोनिक स्पीड फ्लाइट का सफल परीक्षण साल 2020 में किया था. इसे एचएसटीडीवी (हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर व्हीकल- HSTDV) कहते हैं. एचएसटीडीवी की टेस्टिंग 20 सेकंड से भी कम समय की थी. इसमें उसने 7500 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति हासिल की थी.   

भारत की ब्रह्मोस-2 भी होगी हाइपरसोनिक मिसाइल

भारत की ब्रह्मोस-2 भी हाइपरसोनिक मिसाइल होगी. इसकी रेंज 600 किलोमीटर होगी. लेकिन इसकी गति बहुत ज्यादा होगी. यह मैक-7 यानी 8,575 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से दुश्मन पर धावा बोलेगी. इसे जहाज, पनडुब्बी, विमान या जमीन पर लगाए गए लॉन्चपैड से दाग सकेंगे. यह मिसाइल अगले साल तक बनकर तैयार हो जाएगी. 

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