अंतरिक्ष में भेजे गए रूस के मिशन मून को बड़ा झटका लगा है. अधिकारियों का कहना है कि रूस का लूना-25 अंतरिक्ष यान अनियंत्रित कक्षा में घूमने के बाद चंद्रमा से टकराकर क्रैश हो गया है. इससे पहले शनिवार को ही खबर आई थी कि रूस के मून-मिशन लूना-25 में लैंडिंग से पहले तकनीकी खराबी आ गई है. 21 अगस्त को इसकी चांद पर सॉफ्ट लैंडिग होनी थी.
मानवरहित यान को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करनी थी, लेकिन लैंडिंग से पहले की कक्षा में प्रवेश करते समय कुछ समस्याओं का सामना करने के बाद यह दुर्घटनाग्रस्त हो गया.अंतरिक्ष यान चंद्रमा के एक हिस्से का पता लगाने के मिशन के हिस्से के रूप में सोमवार को उतरने वाला था जिसके बारे में वैज्ञानिकों का मानना था कि यह जमे हुए पानी और कीमती तत्वों का पता लगा सकता है.
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करना पड़ा था आपातकालीन स्थिति का सामना
बता दें कि रूसी अंतरिक्ष एजेंसी, रॉसकॉसमॉस ने कहा है कि लूना-25 अंतरिक्ष यान को चंद्रमा के ऊपर एक आपातकालीन स्थिति का सामना करना पड़ा है और टीमें समस्या का विश्लेषण कर रही हैं. एक बयान में कहा गया है कि प्रबंधन टीम फिलहाल स्थिति का विश्लेषण कर रही है. चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र पर भारत के चंद्रयान-3 मिशन से पहले होने वाले लैंडिंग प्रयास पर रॉसकॉसमॉस ने अभी तक कुछ भी नहीं कहा है.
रूसी स्पेस एजेंसी के ऑर्बिट बदलने की जो तय योजना थी. उसके अनुसार लूना-25 में एक ऑनबोर्ड कंप्यूटर लगा है. जो ऑटोमैटिकली अपना रास्ता यानी ऑर्बिट सेलेक्ट कर लेता है. उसे कब किस समय कितनी ऊंचाई पर जाना है. वह पता कर लेता है. उसी हिसाब से चलता है. लेकिन इस ऑटोमैटिक ऑनबोर्ड कंप्यूटर पर इमरजेंसी हुई. किसी तकनीकि गड़बड़ी की वजह से, जिसकी जांच हो रही है. रूसी स्पेस एजेंसी ने कहा कि हम इस काम को सही करने के लिए वॉरफुट पर नहीं जा सकते. इसमें समय लगेगा.
इस हफ्ते की शुरुआत में चंद्रमा की कक्षा में पहुंचा था लूना-25
लूना-25 को 11 अगस्त को रूस के सुदूर पूर्व में वोस्तोचन कोस्मोड्रोम से बिना किसी त्रुटि के लॉन्च किया गया. स्पेसपोर्ट रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक महत्वकांक्षी परियोजना है और रूस को एक अंतरिक्ष महाशक्ति बनाने और कजाकिस्तान में बैकोनूर कोस्मोड्रोम से रूसी प्रक्षेपणों को स्थानांतरित करने के उनके प्रयासों की कुंजी है. इस सप्ताह की शुरुआत में चंद्रमा की कक्षा में पहुंचने के बाद यह चंद्रमा की परिक्रमा कर रहा था.
बुधवार चांद पर लैंड करेगा विक्रम लैंडर
वहीं भारत के चंद्रयान-3 का 3 विक्रम लैंडर अब चांद से सिर्फ 25 किलोमीटर दूर है. चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर ने 17 अगस्त 2023 को प्रोपल्शन मॉड्यूल को छोड़ दिया था. खुद आगे चल रहा था. दूसरा रास्ता पकड़ लिया था. इसी रास्ते से वह चांद के और नजदीक पहुंच गया है. 18 अगस्त की दोपहर से पहले विक्रम लैंडर और प्रोपल्शन मॉड्यूल 153 km x 163 km की ऑर्बिट थे. लेकिन करीब 4 बजे दोनों के रास्ते बदल गए. इसरो के मुताबिक, चंद्रयान-3 आने वाले 23 अगस्त को करीब 6 बजकर 4 मिनट पर चंद्रमा पर लैंड करने को तैयार है.