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दो साल बाद ही स्पेस स्टेशन छोड़ देगा रूस, रूसी स्पेस एजेंसी के नए चीफ का ऐलान

रूस अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) को साल 2024 के बाद ही छोड़ने की तैयारी में है. रूसी स्पेस एजेंसी रॉसकॉसमॉस के नए प्रमुख ने यह ऐलान किया है. साथ ही उन्होंने इसकी जानकारी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को दी है.

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अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन का प्रमुख हिस्सेदार रहा है रूस. अब यूक्रेन युद्ध के चलते उसे स्पेस स्टेशन छोड़ना पड़ रहा है. (फोटोः NASA)
अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन का प्रमुख हिस्सेदार रहा है रूस. अब यूक्रेन युद्ध के चलते उसे स्पेस स्टेशन छोड़ना पड़ रहा है. (फोटोः NASA)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • रूसी स्पेस एजेंसी के विवादित प्रमुख रोगोजिन पद से बाहर
  • नए चीफ यूरी बोरिसोव ने राष्ट्रपति पुतिन को दी जानकारी

रूस की स्पेस एजेंसी रॉसकॉसमॉस के नए प्रमुख यूरी बोरिसोव (Yuri Borisov) ने घोषणा की है कि रूस अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन से साल 2024 के बाद ही हट जाएगा. उन्होंने पद संभालते ही यह ऐलान किया. साथ ही राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (President Vladimir Putin) को इस बात की जानकारी भी दी. यूरी ने कहा कि हम अपने सभी पार्टनर्स को दिए गए वादे को पूरा करने के बाद ही स्पेस स्टेशन से हटेंगे. 

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इससे पहले रूसी स्पेस एजेंसी के प्रमुख दिमित्री रोगोजिन भी इस तरह की धमकियां दे चुके थे. हालांकि उन्होंने कहा था कि वो इस बारे में सार्वजनिक तौर पर बात नहीं करना चाहते. असल में हुआ ये हैं कि यूक्रेन (Ukraine) पर हमला करने की वजह से रूस (Russia) पर प्रतिबंध (Sanctions) लगाए गए थे. इससे नाराज रूस ने कहा था कि वह अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (International Space Station- ISS) से अगले दो सालों में अलग हो जाएगा. 

ये है स्पेस स्टेशन से लगने वाला रूसी स्पेस एजेंसी का मॉड्यूल. (फोटोः पिक्साबे)
ये है स्पेस स्टेशन से लगने वाला रूसी स्पेस एजेंसी का मॉड्यूल. (फोटोः पिक्साबे)

तत्कालीन रूसी स्पेस एजेंसी प्रमुख दिमित्री रोगोज़िन (Dmitry Rogozin) ने कहा था कि फैसला पहले ही किया जा चुका है, इस पर सार्वजनिक रूप से बात करना जरूरी नहीं. रोगोजिन ने यह नहीं बताया कि ISS प्रोजेक्ट में रूस की भागीदारी कब खत्म होगी. लेकिन उन्होंने पुष्टि की कि वे कम से कम एक साल का नोटिस देंगे. रूसी अंतरिक्ष विश्लेषकों ने पहले ही यह कहा था कि रूस कभी भी ISS में अपनी भागीदारी को 2024 से आगे बढ़ाने के लिए सहमत नहीं हुआ. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) और बाकी अंतरराष्ट्रीय साझेदार अब चाहते हैं कि इस प्रोजेक्ट को कम से कम 2030 तक बढ़ाया जाए.

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आपको बता दें कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) के करीबी और अनुभवी नेता रोगोज़िन इस तरह के धमकी भरे बयान देते आए हैं. 24 फरवरी 2022 को उन्होंने ट्विटर पर लिखा था कि जिस दिन रूस ने यूक्रेन पर आक्रमण शुरू किया. यूक्रेन पर हमले की वजह से रूस पर कोई भी अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध लगा, तो इससे नासा और रोस्कोस्मोस के बीच पार्टनरशिप खत्म हो जाएगी, जिसकी वजह से स्पेस स्टेशन चल रहा है.

ISS के शुरुआती मॉड्यूल्स को 1998 में कक्षा में बढ़ाया गया था, जिसके केवल 15 सालों तक चलने की उम्मीद थी. तब से स्पेस स्टेशन के मिशन को आगे बढ़ा दिया गया. नासा के मुताबिक, 1990 के दशक में मीर स्पेस स्टेशन (Mir space station) के अंतिम चरणों में मदद करने के बाद शुरू किए गए ISS प्रोजेक्ट में अमेरिका और रूस मुख्य पार्टनर थे.

अंतरिक्ष विशेषज्ञों का कहना है कि नासा अब सिग्नस कार्गो अंतरिक्ष यान (Cygnus cargo spacecraft) के इंजनों से ब्लास्ट के साथ, ISS को कक्षा में बनाए रखने की अपनी क्षमता को टेस्ट कर रहा है. इस स्पेसक्राफ्ट को अमेरिका की एयरोस्पेस कंपनी नॉर्थ्रॉप ग्रूमैन (Northrop Grumman) ने बनाया है. इसका मतलब यह हुआ कि हो सकता है अब ISS में रूस की भागीदारी की ज़रूरत न पड़े. 

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