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रूसी स्पेस एजेंसी के प्रमुख ने कहा 'हम स्पेस स्टेशन से हो रहे हैं अलग, इसे लेकर सार्वजनिक रूप से बात करना जरूरी नहीं' 

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) के करीबी और अनुभवी नेता दिमित्री रोगोज़िन (Dmitry Rogozin) धमकी भरे बयान देते आए हैं. अब उन्होंने कहा है कि रूस ISS से अलग हो रहा है, इसपर सार्वजनिक रूप से बात करना जरूरी नहीं है. 

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 रूस जल्द ही नोटिस देकर ISS प्रोजेक्ट सेखुद को अलग कर सकता है (फोटो: NASA)
रूस जल्द ही नोटिस देकर ISS प्रोजेक्ट सेखुद को अलग कर सकता है (फोटो: NASA)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • रूस कम से कम एक साल का नोटिस देगा
  • जल्द ही ISS प्रोजेक्ट से खुद को अलग कर लेगा रूस

यूक्रेन (Ukraine) पर हमला करने की वजह से रूस (Russia) पर प्रतिबंध (Sanctions Imposed) लगाए गए थे. खबर है कि प्रतिबंधों के चलते, रूस ने इस बात की पुष्टि की है कि वह अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (International Space Station- ISS) से अगले दो सालों में अलग हो जाएगा. 

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रूस की समाचार एजेंसी TASS के मुताबिक, रूसी स्पेस एजेंसी रॉसकॉसमॉस (Roscosmos) के महानिदेशक दिमित्री रोगोज़िन (Dmitry Rogozin) ने हाल ही में कहा कि फैसला पहले ही किया जा चुका है, इस पर सार्वजनिक रूप से बात करना जरूरी नहीं.

हालांकि, रोगोजिन ने यह नहीं बताया कि ISS प्रोजेक्ट में रूस की भागीदारी कब खत्म होगी. लेकिन उन्होंने पुष्टि की कि वे कम से कम एक साल का नोटिस देंगे. रूसी अंतरिक्ष विश्लेषकों ने पहले ही यह कहा था कि रूस कभी भी ISS में अपनी भागीदारी को 2024 से आगे बढ़ाने के लिए सहमत नहीं हुआ. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) और बाकी अंतरराष्ट्रीय साझेदार अब चाहते हैं कि इस प्रोजेक्ट को कम से कम 2030 तक बढ़ाया जाए.

Russia Space Agency
 एक साल का नोटिस दे सकता है रूस (फोटो- नासा)

आपको बता दें कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) के करीबी और अनुभवी नेता रोगोज़िन इस तरह के धमकी भरे बयान देते आए हैं. 24 फरवरी को उन्होंने ट्विटर पर लिखा था कि जिस दिन रूस ने यूक्रेन पर आक्रमण शुरू किया और यूक्रेन पर आक्रमण की वजह से रूस पर कोई भी अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध लगा, तो इससे नासा और रोस्कोस्मोस के बीच पार्टनरशिप खत्म हो जाएगी, जिसकी वजह से स्पेस स्टेशन चल रहा है.

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रोगोज़िन के हालिया बयान का मतलब यह है कि रूस जल्द ही नोटिस दे सकता है और ISS प्रोजेक्ट से खुद को अलग कर सकता है. हालांकि उनके शुरुआती बयान के बाद भी स्पेस स्टेशन की गतिविधियां सामान्य हैं, इसमें मार्च में ही तीन रूसी अंतरिक्ष यात्रियों का आना भी शामिल है. 

ISS के शुरुआती मॉड्यूल्स को 1998 में कक्षा में बढ़ाया गया था, जिसके केवल 15 सालों तक चलने की उम्मीद थी. तब से स्पेस स्टेशन के मिशन को आगे बढ़ा दिया गया. नासा के मुताबिक, 1990 के दशक में मीर स्पेस स्टेशन (Mir space station) के अंतिम चरणों में मदद करने के बाद शुरू किए गए ISS प्रोजेक्ट में अमेरिका और रूस मुख्य पार्टनर थे.

अंतरिक्ष विशेषज्ञों का कहना है कि नासा अब सिग्नस कार्गो अंतरिक्ष यान (Cygnus cargo spacecraft) के इंजनों से ब्लास्ट के साथ, ISS को कक्षा में बनाए रखने की अपनी क्षमता को टेस्ट कर रहा है. इस स्पेसक्राफ्ट को अमेरिका की एयरोस्पेस कंपनी नॉर्थ्रॉप ग्रूमैन (Northrop Grumman) ने बनाया है. इसका मतलब यह हुआ कि हो सकता है अब ISS में रूस की भागीदारी की ज़रूरत न पड़े. 

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