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इंसान की जीवित त्वचा से बनी है ये है रोबोटिक उंगली, खुद भर लेती है घाव

वैज्ञानिकों ने एक ऐसी रोबोटिक उंगली बनाई है, जो हूबहू इंसान की उंगली जैसी दिख रही है. इस उंगली को मानव कोशिकाओं से बनी जीवित त्वचा से बनाया गया है.

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खुद अपने घाव भर सकती है ये रोबोटिक उंगली (Photo: Reuters)
खुद अपने घाव भर सकती है ये रोबोटिक उंगली (Photo: Reuters)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • हूबहू असली उंगली जैसी ही दिखाई देती है
  • त्वचा पर पसीना भी नजर आता है

वैज्ञानिक शोजी टेकुची (Shoji Takeuchi) का लक्ष्य था ऐसा रोबोट बनाना जो बिल्कुल इंसानों जैसा हो. अपने इसी लक्ष्य की तरफ बढ़ते हुए, उन्होंने हाल ही में मानव कोशिकाओं (Human cells) से बनी जीवित त्वचा (Living skin) वाली एक रोबोटिक उंगली बनाई है. 

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टोक्यो यूनिवर्सिटी (University of Tokyo) में बायोहाइब्रिड सिस्टम में माहिर शोजी टेकुची और उनके सहयोगियों ने जो उंगली बनाई है वह बिना टूटे मुड़ सकती है और घूम सकती है. अगर इसे चोट लगती भी है, तो इसके घाव खुद भर जाते हैं और यह खुद ब खुद ठीक हो जाती है.

Robotic finger
ये है जीवित त्वचा वाली रोबोटिक फिंगर (Photo: Reuters)

टेकुची का कहना है कि सिलिकॉन रबर से बने रोबोट दूर से देखने में तो असली लग सकते हैं, लेकिन करीब से देखने पर वे नकली दिखाई देते हैं. रोबोट की स्किन असली दिखे, इसके लिए हमने उसे उसी स्किन से कवर करने का मन बनाया जो वास्तव में इंसानों की असली स्किन होती है, यानी लिविंग सेल्स से बनी. 

Robotic finger
त्वचा पर एपिडर्मिस की लेयर भी है (Photo: Cell.com)

मैटर (Matter) जर्नल में प्रकाशित शोध के मुताबिक, रोबोटिक उंगली को कोलेजन (collagen) और मानव डर्मल फाइब्रोब्लास्ट (human dermal fibroblasts) वाले घोल में डुबोकर लिविंग स्किन बनाई गई. जैसे ही रोबोटिक उंगली के चारों तरफ कोलेजन और फाइब्रोब्लास्ट चिपकना शुरू हुए, दोनों कसने लगे. उंगली असली उंगली जैसी दिखने लगी, जिसे टेकुची हाइपर-रियलिस्टिक उंगली की सफलता मानते हैं.

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Robotic finger
यह उंगली सामान उंगलियों की तरह मुड़ती और घूमती है (Photo: Cell.com)

कोलेजन और फ़ाइब्रोब्लास्ट सेट होने के बाद, सबसे ऊपर मानव एपिडर्मल केराटिनोसाइट्स (Human epidermal keratinocytes) का कोट किया गया, ताकि ये 90 प्रतिशत तक इंसानों की त्वचा की तरह ही लगे. इससे त्वचा ज्यादा जीवंत लगती है, यहां तक कि हल्का पसीना भी त्वचा पर दिखाई देता है. 

केराटिनोसाइट्स मानव त्वचा को वाटर प्रूफ बनाते हैं, इसने रोबोटिक उंगली को भी वाटर प्रूफ बनाया, जो असली ऊंगली की तरह ही प्रभाव देती है. सबसे अच्छी बात तो यह है कि झुकने या मुड़ने की वजह से, या चिमटी से त्वचा को खींचने से उसे चोट लगती है, तो ये खुद ब खुद ठीक हो जाती है. 

 

टेकुची का कहना है कि इस रोबोटिक फिंगर की सबसे बड़ा चैलेंज यह है कि यह है कि त्वचा के अंदर कोई सर्कुलेटरी सिस्टम नहीं है, इसलिए कल्चर मीडियम से निकाले जाने के बाद त्वचा लंबे समय तक नहीं टिक सकती. 

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