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वैज्ञानिकों ने नई तकनीक से बढ़ाई कोशिकाओं की उम्र, अब ज़्यादा जी सकेंगे लोग

समय के साथ-साथ हमारी कोशिकाएं भी पहले की तरह काम नहीं करतीं. इसीलिए हम बूढ़े होते हैं और शरीर में पहले जैसी एनर्जी नहीं रहती. लेकिन अगर इन सेल्स को जवान रखा जाए तो इंसान एक लंबा जीवन जी सकता है. वैज्ञानिकों ने कुछ ऐसा ही किया है. उन्होंने सेल्स के जीवनकाल को बढ़ाने की कोशिश की है.

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नई तकनीक से सेल्स की उम्र बढ़ाएंगे वैज्ञानिक (Photo: Getty)
नई तकनीक से सेल्स की उम्र बढ़ाएंगे वैज्ञानिक (Photo: Getty)

हमारी कोशिकाएं (Cells) समय के साथ कमज़ोर होती जाती हैं, इसी वजह से हम 80 साल की उम्र में 8 साल के बच्चे के जितने फुर्तीले और ज़िंदादिल नहीं होते. लेकिन अब वैज्ञानिकों ने सिंथेटिक जेनेटिक 'क्लॉक' का इस्तेमाल करके, सेल्स के जीवनकाल को बढ़ाने और लंबी उम्र के लिए एक तरीका खोज निकाला है.

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कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के नतीजे सैक्रोमाइसेस सेरेविसिया (Saccharomyces cerevisiae) नाम के यीस्ट (Yeast) पर आधारित हैं. जिसका मतलब ये नहीं है कि इंसान हमेशा के लिए जीवित रह सकते हैं, बल्कि टीम को लगता है कि मानव शरीर की आयु को स्वस्थ तरीके से बढ़ने में मदद मिल सकेगी. 

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कोशिकाएं कमज़ोर होती हैं, तभी शरीर बूढ़ा होता है (Photo: Getty)

यीस्ट की सेल्स की 'रिवायरिंग' करके, शोधकर्ता सेल के जीवनकाल को औसतन 82 प्रतिशत तक बढ़ाने में कामयाब रहे. यह सेल्यूलर एजिंग पर नियंत्रण और उम्र से संबंधित स्थितियों के इलाज में काफी मददगार साबित होगा. शोध में जो सबसे ज़रूरी चीज़ थी, वो थी जेनेटिक सर्किट (Genetic circuit) की एडिटिंग. एक बार जब वैज्ञानिकों को पता चल गया कि ये सर्किट कैसे काम करते हैं, तो उनका अगला कदम था उन्हें ठीक करना.

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कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी सैन डिएगो के मॉलीक्यूलर बायोलॉजिस्ट नान हाओ (Nan Hao) का कहना है कि ये जीन सर्किट हमारे घर के इलेक्ट्रिक सर्किट की तरह ही काम करते हैं जो उपकरणों और ऑटोमोबाइल जैसे डिवाइसों को कंट्रोल करते हैं.

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 कोशिकाओं की उम्र बढ़ेगी, तो इंसान भी दीर्घायु होगा (Photo: Getty)

साइंस जर्नल में प्रकाशित शोध के मुताबिक, सबसे पहले शोधकर्ताओं ने कंप्यूटर मॉडलिंग का इस्तेमाल किया, ताकि यह पता लग सके कि सेल एजिंग सर्किट कैसे काम करता है. इसके बाद, इस सर्किट के लिए एक ट्वीक को डिजाइन और लागू करना था, ताकि कोशिकाएं उम्र की दो अलग-अलग स्टेज़ के बीच झूलती रहें, बजाय एक या दूसरी तरफ जाने के. किसी एक स्टेज की तरफ नहीं जाने का मतलब था, उम्र पहले की तुलना में देर से बढ़ेगी. 

यीस्ट सेल्स मानव सेल्स से मिलती जुलती होती हैं. यही वजह कि अक्सर रिसर्च में उनका ही इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन शोध के नतीजों को दूसरी तरह की सेल्स पर भी टेस्ट किए जाने की ज़रूरत होगी, ताकि यह तय किया जा सके कि उम्र बढ़ाई जा सकती है या नहीं. 

 

इस शोध के मुताबिक, कोशिकाओं के अंदर जेनेटिक कोड की सावधानीपूर्वक ट्वीकिंग अलग-अलग तकनीकों के ज़रिए की जाती है, जिन्हें हर समय रिफाइन किया जा रहा है. ऐसे कई तरीके हैं जिनमें इसका उपयोग किया जा सकता है.

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