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वैज्ञानिकों को मिले दो 'पाताल लोक', घेर रखा है धरती के केंद्र को... एक अफ्रीका तो दूसरा दक्षिण-प्रशांत के नीचे

पृथ्वी के अंदर एक नहीं कई पाताल लोक है. दो की पुष्टि हो चुकी है. वैज्ञानिकों ने खुलासा किया है कि एक पाताल लोग अफ्रीका महाद्वीप के नीचे हैं. दूसरा दक्षिण-प्रशांत महासागर के नीचे. ये पाताल लोक करीब 450 करोड़ साल पहले तब बने जब पृथ्वी से किसी अन्य उल्कापिंड या ग्रह की टक्कर हुई थी. जानिए इन नए पाताल लोक के बारे में...

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चीन के साइंटिस्ट हॉन्गपिंग डेंग ने धरती के अंदर मौजूद पाताल लोक की ऐसी तस्वीर बनाई है.
चीन के साइंटिस्ट हॉन्गपिंग डेंग ने धरती के अंदर मौजूद पाताल लोक की ऐसी तस्वीर बनाई है.

मॉडर्न साइंस के दौर में 1970 के दशक में भूकंप विज्ञानियों ने पता कर लिया था कि धरती के मैंटल के नीचे पाताल लोक है. यानी दो ऐसी जगहें जो किसी महाद्वीप के आकार जितने हैं. ये रहस्यमयी है. एक अफ्रीका तो दूसरा दक्षिण-प्रशांत महासागर के नीचे मौजूद है. वैज्ञानिक इसे ब्लॉब (Blob) कह रहे हैं. 

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ये ब्लॉब अपने आसपास मौजूद किसी भी वस्तु की तुलना में ज्यादा घने हैं. यानी ठोस है. ये उस समय बने थे जब हमारी धरती का निर्माण हो रहा था. ये उस समय की बात है, जब प्राचीन धरती की टक्कर मंगल ग्रह के आकार के ग्रह थीया (Theia) से हुई थी. इसी टक्कर के बाद धरती का चंद्रमा बना था. 

Paatal Lok INside Earth

इस स्टडी को चीन, अमेरिका और इंग्लैंड के वैज्ञानिकों ने मिल कर किया है. उनका दावा है कि हमारे चंद्रमा के अंदर थीया के गुण, रसायन, पत्थर, मिट्टी आदि होगी. लेकिन सवाल ये उठ रहा था कि पृथ्वी के अंदर मौजूद दो पाताल लोकों की संरचना हुई कैसे? ये दो ब्लॉब मैंटल के नीचे 2900 किलोमीटर की गहराई में मौजूद हैं. 

धरती के साथ बना था 'पाताल लोक'

चाइनीज अकेडमी ऑफ साइंसेस की शंघाई एस्ट्रोनॉमिकल ऑब्जरवेटरी के साइंटिस्ट हॉन्गपिंग डेंग ने कहा कि ये दोनों ब्लॉब धरती के निर्माण के समय ही बने थे. थीया और पृथ्वी की टक्कर की वजह से. धरती 450 करोड़ वर्षों से लगातार विकसित हो रही है. इवॉल्व हो रही है. यह हमारी पृथ्वी के मैंटल के बदलाव का नतीजा है. 

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Paatal Lok INside Earth

धरती के केंद्र को घेर रखा है इस ब्लॉब ने

इस ब्लॉब ने हमारी धरती के कोर को चारों तरफ से घेर रखा है. जिसे वैज्ञानिक लार्ज लो-शीयर-वेलोसिटी प्रोविंस (LLVPs) कहते हैं. इसके बारे में तब पता चला था जब भूकंप की लहरों का अध्ययन किया जा रहा था. भूकंप की लहरें धरती के अलग-अलग वस्तुओं से अलग रिएक्ट करती हैं. अलग गति से चलती हैं. अलग तरीके से चलती हैं. 

अत्यधिक ऊर्जा से भरे हैं प्राचीन टेक्टोनिक स्लैब

इन्हीं लहरों की वजह से इन दोनों LLVPs का पता चला. ये प्राचीन टेक्टोनिक स्लैब हो सकते हैं, जो अत्यधिक ऊर्जा से भरे पड़े हैं. ये मैंटल के बेस के पास मौजूद लावा के महासागर के ऊपर तैर रहे हैं. या शायद वही हैं. थीया का बड़ा हिस्सा जुड़कर पृथ्वी का चंद्रमा बन गया. लेकिन उसका कुछ अंश धरती के अंदर भी रह गया. जो अब ब्लॉब की तरह दिख रहा है. 

Paatal Lok INside Earth

ऐसी स्टडी है कि धरती के वजन का सिर्फ 2-3 फीसदी हिस्सा ही थीया के पदार्थों से बना है. लेकिन दोनों पाताल लोक का घनत्व उसके आसपास मौजूद पदार्थों से 2 से 3.5 गुना ज्यादा घना है. उसमें लोहे की मात्रा भी बहुत ज्यादा है. ये बेहद अच्छी खबर है, क्योंकि अब वैज्ञानिकों को इसकी स्टडी करने का मकसद मिल गया. अभी तक इसके होने की पुष्टि में लगे थे. यह स्टडी हाल ही में Nature जर्नल में प्रकाशित हुई है. 

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