जापान के स्लिम मून मिशन ने सफलतापूर्वक चांद की सतह पर लैंडिंग कर ली है. अब जापान चांद की जमीन पर सॉफ्ट लैंडिंग कराने वाला पांचवां देश बन चुका है. इससे पहले भारत, रूस, अमेरिका और चीन यह सफलता हासिल कर चुके हैं. स्लिम का मतलब है स्मार्ट लैंडर फॉर इन्वेस्टिगेटिंग मून मिशन (SLIM - Smart Lander for Investigating Moon).
जापानी स्पेस एजेंसी JAXA ने बताया कि लैंडिंग के लिए उसने 600x4000 km का इलाका खोजा है. स्लिम ने इसी इलाके में लैंडिंग की है. ये जगह चांद के ध्रुवीय इलाके में है. बड़ी बात ये है कि जो स्थान चुना गया था लैंडिंग के लिए उसके पास ही यान ने सटीक लैंडिंग की. क्योंकि जापान का टारगेट था कि लैंडिग साइट के 100 मीटर दायरे में ही उसका स्पेसक्राफ्ट उतरे. और इस काम में उसने सफलता हासिल कर ली है.
इस लैंडिंग साइंट का नाम है शियोली क्रेटर (Shioli Crater). यह चांद पर सबसे ज्यादा अंधेरे वाला धब्बा कहा जाता है. एक और संभावित लैंडिंग साइट मेयर नेक्टारिस (Mare Nectaris) भी है. जिसे चांद का समुद्र कहा जाता है. स्लिम में एडवांस्ड ऑप्टिकल और इमेज प्रोसेसिंग टेक्नोलॉजी लगी है.
Japan's SLIM spacecraft lands on moon, a first for the country https://t.co/nn6EVzzLlS
— Reuters (@Reuters) January 19, 2024
स्लिम के साथ एक्स-रे इमेजिंग एंड स्पेक्ट्रोस्कोपी मिशन (XRISM) भी गया है. यह चांद के चारों तरफ चक्कर लगाते हुए चांद पर बहने वाले प्लाज्मा हवाओं की जांच करेगा. ताकि ब्रह्मांड में तारों और आकाशगंगाओं की उत्पत्ति का पता चल सके. इसे जापान, नासा और यूरोपियन स्पेस एजेंसी ने मिलकर बनाया है.
JUST IN: Japan has successfully made the first-ever "pinpoint landing" on the moon, becoming the fifth country to put a spacecraft on the lunar surface. https://t.co/CfmwSexXFw
— DW News (@dwnews) January 19, 2024
पांच महीने की यात्रा के बाद चांद पर पहुंचा स्लिम
जापान ने भी 06 सितंबर 2023 की सुबह मून मिशन तांगेशिमा स्पेस सेंटर के योशीनोबू लॉन्च कॉम्प्लेक्स से लॉन्च किया. H-IIA जापान का सबसे भरोसेमंद रॉकेट है. यह उसकी 47वीं उड़ान थी. इसे मित्शुबिशी हैवी इंड्स्ट्रीज ने बनाया है. इसकी सफलता दर 98% है. SLIM एक हल्का रोबोटिक लैंडर है. इस मिशन को मून स्नाइपर (Moon Sniper) भी कहा जा रहा है. यह मिशन 831 करोड़ रुपए से ज्यादा का है.
इससे पहले रूस हुए फेल तो भारत की हुई तारीफ
इससे पहले रूस ने जल्दबाजी दिखाई तो उसका Luna-25 मून मिशन चांद के दक्षिणी ध्रुव के पास जाकर क्रैश हो गया. भारत के Chandrayaan-3 ने सफल लैंडिंग की. जिसकी तारीफ पूरी दुनिया में हुई.
चांद पर लैंडिंग के बाद स्लिम क्या करेगा
लैंडिंग के बाद स्लिम चांद की सतह पर मौजूद ओलिवीन पत्थरों की जांच करेगा, ताकि चांद की उत्पत्ति का पता चल सके. इसके साथ कोई रोवर नहीं भेजा गया है.
अब जापान लॉन्च करेगा दो नए मिशन
जापान ने इस मून मिशन की लॉन्चिंग कई महीनों तक टाली थी, क्योंकि वह मीडियम लिफ्ट H3 रॉकेट के फेल होने की जांच कर रहा था. इस मिशन के बाद जापान 2024 में हाकुतो-2 और 2025 में हाकुतो-3 मिशन भेजेगा. यह एक लैंडर और ऑर्बिटर मिशन होगा.
जापान के पुराने प्रयास हुए थे फेल
जापान ने पिछले साल भी चांद पर लैंडर भेजा था. लेकिन उसके हाथ विफलता लगी. जापान का अपने मून लैंडर ओमोतेनाशी से संपर्क टूट गया था. जिसे पिछले साल नवंबर में लैंड होना था. इसके बाद अप्रैल महीने में हाकूतो-आर मिशन लैंडर को चांद पर भेजा गया. लेकिन यह चांद पर जाकर क्रैश हो गया. इससे पहले अक्टूबर 2022 में एप्सिलॉन रॉकेट में लॉन्च के समय विस्फोट हो गया था.