'स्लो एंड स्टेडी विंस द रेस' (slow and steady wins the race)- यह कहावत कछुओं को ध्यान में रखकर बनाई गई है. लेकिन एक और कहावत है, जो इनपर एकदम सही बैठती है- इनकी त्वचा से इनकी उम्र का पता ही नहीं चलता. जी हां, ये सच है. दो नए शोध से पता चलता है कि कछुओं की कई प्रजातियां ऐसी हैं, जिनमें उनका शरीर कम बूढ़ा (Senescence) होता है. तकनीकी रूप से समझें तो कछुओं में एजिंग धीमी रफ्तार से होती है.
जवान बने रहने या बुढ़ापा नहीं दिखने का गुण टेस्टुडीन्स (Testudines) में पाया जाता है. यह सरीसृपों का एक क्रम है जिसमें टर्टल (Turtles), टेरापिंस (Terrapins) और टॉरटॉइज़ (Tortoises) शामिल हैं. उदाहरण के तौर पर जोनाथन (Jonathan), जमीन पर रहने वाला दुनिया का सबसे पुराना जीवित जानवर है. इसकी उम्र 190 साल है. ये अब भी अपने नर और मादा साथियों के साथ यौन संबंधों का आनंद लेता है. इसमें एजिंग बहुत ही कम दिखाई देती है.
साइंस जर्नल में प्रकाशित नए शोधों में से एक में, टीम ने 107 जंगली जानवरों की 77 प्रजातियों पर फोकस करने वाले पुराने कई शोध के डेटा का इस्तेमाल किया. इनमें कछुए ही नहीं, उभयचर (Amphibians), सांप और मगरमच्छ भी शामिल थे.
मजबूत खोल करता है सुरक्षा
शोध के लेखक और नॉर्थईस्टर्न इलिनोइस यूनिवर्सिटी में जीव विज्ञान के सहायक प्रोफेसर बेथ रिंकी (Beth Reinke) का कहना है कि ये अलग-अलग तरह के सुरक्षात्मक तंत्र जानवरों की मृत्यु दर को कम कर सकते हैं, क्योंकि इससे दूसरे जानवर उनको खा नहीं पाते. इसलिए वो ज्यादा समय तक जीते हैं. कछुओं के मामले में उनका मजबूत खोल उनका कवच है.
पर्यावरण की बेहतर स्थिति भी एजिंग को प्रभावित करती हैं
दूसरे शोध के मुताबिक, पर्यावरण की बेहतर स्थिति भी एजिंग की रफ्तार धीमी करती है. उन्होंने चिड़ियाघर की आबादी में 52 टर्टल, टेरापिन और टॉरटॉइज़ की प्रजातियों को देखा और पाया कि मनुष्यों की तुलना में 80 जानवरों की उम्र धीमी है और 75 प्रतिशत में नाम मात्र को बुढ़ापा है.
सदर्न डेनमार्क यूनीवर्सिटी से, शोध की मुख्य लेखक रीता दा सिल्वा (Rita da Silva) का कहना है कि हम दिखाते हैं कि टर्टल और टॉरटॉइज़ की कई प्रजातियों ने धीमी रफ्तार से अपनी धीमी उम्र बढ़ने या बुढ़ापे को रोकने के लिए तरीका खोजा है. इसका मतलब यह नहीं है कि सभी जीवों के लिए बुढ़ापा अटल नहीं है.
Is this how we achieve eternal youth?https://t.co/n3dXgCTimS
— IFLScience (@IFLScience) June 23, 2022
मनुष्यों में उनकी उम्र के 30वें दशक में, अपने अगले जन्मदिन से पहले मरने की संभावना 1,000 में से 1 है और फिर आप बड़े होते जाते हैं. लेकिन इन जानवरों में ऐसा नहीं है. उनकी मृत्यु का जोखिम बदलता नहीं है. उन्हें बीमारियां हो सकती हैं, वे दुर्घटनाओं या शिकारियों के शिकार हो सकते हैं. ब्लैक मार्श कछुए के मामले में, उनकी मृत्यु का जोखिम उम्र के साथ कम होता जाता है.