दक्षिण कोरिया (South Korea) ने 5 अगस्त 2022 को अपने पहले चंद्र मिशन (First Moon Mission) को रवाना कर दिया है. दक्षिण कोरिया के चंद्रयान यानी द दनूरी मिशन (The Danuri Mission) को स्पेसएक्स (SpaceX) के फाल्कन-9 रॉकेट से भेजा गया है. रॉकेट को फ्लोरिडा स्थित केप केनवरल स्पेस फोर्स स्टेशन से अंतरिक्ष की ओर रवाना किया गया है.
द दनूरी मिशन (The Danuri Mission) यानी कोरियाई चंद्रयान 40 मिनट की उड़ान भरने के बाद रॉकेट से अलग हो गया था. इसके बाद अब वह अपनी चांद की यात्रा खुद करेगा. चांद की तरफ मिशन भेज कर दक्षिण कोरिया ने भारत, अमेरिका और चीन जैसे देशों के समूह में शामिल होने का काम किया है. दनूरी मिशन में लगे पेलोड्स चांद की मैग्नेटिक फील्ड, यूरेनियम, पानी, हीलियम-3 की जांच करेंगे. उनकी मात्रा का पता करेंगे. इसके अलावा सबसे ठंडे और अंधेरे वाली जगहों की खोज करेंगे. दनूरी मिशन ऐसी जगहों का पता लगाएगा जहां सूरज की रोशनी कभी नहीं पहुंचती.
द दनूरी मिशन (The Danuri Mission) में दनूरी शब्द का मतलब है मून और एंजॉय. असल में इस मिशन का असली नाम है कोरिया पाथफाइंडर लूनर ऑर्बिटर (Korea Pathfinder Lunar Orbiter). दक्षिण कोरिया ने पहली बार धरती की निचली कक्षा से बाहर कोई मिशन भेजा है. इसके यान में मैग्नेटोमीटर, गामा-रे स्पेक्ट्रोमीटर औऱ तीन कैमरा लगे. इसमें से एक कैमरा नासा ने दिया है. इसका नाम है शैडोकैम (ShadowCam). यह चांद के अंधेरे वाले हिस्से की तस्वीरें लेगा. कहते हैं अंधेरे वाले हिस्से में ऐसे गड्ढे हैं जहां पर तापमान माइनस 300 डिग्री फेरेनहाइट यानी माइनस 184 डिग्री सेल्सियस रहता है.
This is South Korea's first Lunar Orbiter, which is largely a Technology Demonstrator.
It will follow a low energy transfer and will reach the Moon in about a month.pic.twitter.com/VmDNgK0hmR— The Inner Space Network (@InnerSpaceNet) August 5, 2022
इन जगहों की जांच करने पर 450 करोड़ साल से जमे इतिहास का खुलासा हो सकता है. ये भी हो सकता है कि वहां पर बर्फ या पानी का बड़ा भंडार मिल जाए. जिससे भविष्य में जाने वाले एस्ट्रोनॉट्स के लिए पानी की दिक्क्त न हो. वहां पर मौजूद बर्फ को रसायनिक तौर पर साफ करके पानी निकाला जा सकता है.