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साल 2007: स्पेस में तीखी चटनी बना रही थीं सुनीता विलियम्स, तभी हुआ एक एक्सीडेंट... ग्रेविटी-प्रेशर और साइंस की 'मसालेदार' दुर्घटना

अंतरिक्षयात्री सुनीता विलियम्स वसाबी का ट्यूब खोल ही रही थीं तभी स्पेस की माइक्रो ग्रेविटी और प्रेशर साइंस ने कमाल दिखाया और वसाबी इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के उस पूरे एरिया में फैल गया. दरअसल ट्यूब खोलने से वसाबी चारों ओर उड़ने लगी और एक अजीब सा तैरता हुआ वसाबी चारों ओर दिखने लगा. 

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2007 में ISS में सुनीता विलियम्स (फाइल फोटो)
2007 में ISS में सुनीता विलियम्स (फाइल फोटो)

सुनीता विलियम्स अंतरिक्ष की रहस्य और गहराइयों में लगभग 9 महीने गुजारने के बाद वापस धरती पर अपने कदम रखने जा रही हैं. भारतीय मूल की अंतरिक्षयात्री सुनीता और उनके साथियों को वापस लाने गया स्पेसएक्स का अंतरिक्ष यान ड्रैगन कल (बुधवार) सुबह समुद्र में लैंडिंग करेगा. ये विज्ञान के साथ इंसान के प्रयोगों का रोमांचाकारी पल होगा. 

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अंतरिक्ष का विस्तार और इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन की जटिलताएं सुनीता विलियम्स के लिए नई नहीं हैं. सुनीता विलियम्स ने तीन बार अंतरिक्ष की यात्रा की है और अंतरिक्ष में कुल मिलाकर 600 से अधिक दिन बिता चुकी हैं. 

लेकिन उनका पहला मिशन (2006-2007) बेहद खास था. तब सुनीता पहली बार स्पेस गई थीं. इस दौरान माइक्रो ग्रेविटी (सूक्ष्मगुरुत्वाकर्षण), वेटलेसनेस (भारहीनता की स्थिति) और प्रेशर (दबाव) के चक्कर में फंसी सुनीता एक 'मसालेदार' भूल कर बैठी थीं और एक रोचक हादसा हो गया था. 

अंतरिक्ष मिशन पर जा रहे यात्रियों को ट्रेनिंग के लंबे सेशन से गुजरना होता है. स्वास्थ्य, स्वच्छता और खाना-पीना उनके ट्रेनिंग का बड़ा आवश्यक हिस्सा होता है. लेकिन कई ऐसी चीजें होती हैं जिनके बारे में ट्रेनिंग नहीं दी जा सकती हैं. जैसे- स्पेस में तीखी चटनी बनाना. विज्ञान के प्रयोगों के बीच जीभ स्वाद की बात अटपटी लग सकती है लेकिन टेस्ट चखने पर किसका कंट्रोल होता है. वो भी जब किसी के रूट्स इंडिया के हों. जहां लोग मसालों के दीवाने होते हैं. 

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वसाबी चखने की तलब और फिर...

अपने पहले मिशन के दौरान इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में सुनीता को वसाबी (Wasabi) चखने की तलब हुई है. गौरतलब है कि सुनीता जिनके पिता भारत में पैदा हुए खाने-पीने की अच्छी शौकीन हैं. 

यह भी पढ़ें: 5 बेडरूम बराबर साइज, 4.5 लाख किलो वजन, कैसा है इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन जहां 9 महीने से फंसी हैं सुनीता विलियम्स

उनके तीखे स्वाद के शौक को पूरा करने के लिए रि-सप्लाई मिशन ने सुनीता को वसाबी की ट्यूब भेजी थी. 

बता दें कि वसाबी एक तीखा, हरा मसाला है जो जापानी व्यंजनों में इस्तेमाल होता है. यह वसाबिया जपोनिका नामक पौधे की जड़ से बनाया जाता है, जो पानी वाले इलाकों में उगता है। इसका स्वाद बहुत तेज और नाक को झनझनाने वाला होता है, जो सरसों या मिर्च से मिलता-जुलता है. इसे अक्सर सुशी या साशिमी के साथ परोसा जाता है.

सुनीता पैक्ड सैल्मन मछली के साथ सुशी मील बनाने की कोशिश कर रही थीं, उन्होंने वसाबी की थोड़ी मात्रा निकालने के लिए जब ट्यूब को दबाया. तो जरा से दबाव में ये मसालेदार तीखी चीज पूरी की पूरी निकल गई. इसके बाद जो हुआ वो और भी हैरान करने वाला था. नॉर्मल सिचुएशन में ट्यूब से निकले वसाबी को बर्तन में जमा हो जाना चाहिए था. 

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 ग्रेविटी-प्रेशर और साइंस की 'मसालेदार' दुर्घटना

लेकिन यहां स्पेस की माइक्रो ग्रेविटी और प्रेशर साइंस ने कमाल दिखाया और वसाबी इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के उस पूरे एरिया में फैल गया. दरअसल ट्यूब खोलने से वसाबी चारों ओर उड़ने लगी और एक अजीब सा तैरता हुआ वसाबी चारों ओर दिखने लगा. 

बता दें कि पृथ्वी पर गुरुत्वाकर्षण के कारण चीजें नीचे गिरती हैं, लेकिन अंतरिक्ष में वसाबी छोटे-छोटे कणों या गोलियों के रूप में बाहर निकलेगी और चारों ओर तैरने लगेगी. अंतरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण बेहद कम होता है, इसलिए तरल पदार्थ या पेस्ट (जैसे वसाबी) नीचे नहीं गिरता, बल्कि सरफेस टेशन और हवा के प्रवाह के कारण तैरता है.

 ट्यूब में हवा या गैस का हल्का दबाव हो सकता है, जो खोलते ही वसाबी को बाहर धकेल देता है, खासकर अगर इसे गलत तरीके से खोला जाए.  इसके कारण वसाबी तेजी से बाहर छिटक सकती है, जैसे कोई छोटा फव्वारा हो और फिर हवा में बिखर जाएगी. 

ये कण अंतरिक्ष यात्रियों की आंखों, नाक या उपकरणों में जा सकते हैं, जिससे जलन या तकनीकी समस्या हो सकती है. 

उस दिन सुनीता के साथ यही हुआ था. अमेरिकी वेबसाइट एनबीसी न्यूज के अनुसार सुनीता ने इस पूरी घटना को अंतरिक्ष से अपनी मां को बताई थी. बॉस्टन रेडियो स्टेशन WBZ ने इस बातचीत को अरेंज करवाया था. 

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ISS में सुनीता विलियम्स (फाइल फोटो)

सुनीता ने तब अपनी मां से कहा था, "हमलोगों ने बड़ी मुश्किल से वसाबी के गंध को साफ किया, ये चारों ओर फैल चुका था. हम परेशान थे. 

तब सुनीता विलियम्स ने कहा था कि मुझे नहीं लगता कि हम अब इसका इस्तेमाल करेंगे. यह बहुत खतरनाक है. 

सुनीता के लंच बॉक्स में कढ़ी पकौड़ा, मटर पनीर

बता दें कि अंतरिक्ष की यात्रा पर जाने वाले लोगों को अपने बोनस कंटेनर में फेवरिट डिशेज ले जाने की इजाजत होती है. ताकि अंतरिक्ष के एकाकी पलों में वे अपने पसंदीदा भोजन का आनंद ले सके. एनबीसी न्यूज के अनुसार इस दौरान सुनीता के लंच बॉक्स में पकौड़े के साथ पंजाबी कढ़ी - दही और करी के साथ सब्जी के पकौड़े - और मटर पनीर होते हैं.  इन व्यंजनों को अंतरिक्ष में लंबे समय तक रखने के लिए पैक किया जाता है. 

गौरतलब है कि अंतरिक्ष में ताजे फल और सब्जियां दुर्लभ हैं, और ब्रेड जैसे पिसे हुए खाद्य पदार्थ अव्यावहारिक हैं क्योंकि वे टुकड़े छोड़ते हैं, जो सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण में फर्श पर बैठने के बजाय हर जगह उड़ते हैं, और उन्हें साफ करना एक मुश्किल काम होता है. 

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