सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर 5 जून 2024 को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर पहुंचे. उनकी यात्रा केवल 8 दिनों की थी, लेकिन तकनीकी समस्याओं के कारण उन्हें 9 महीनों तक वहां रहना पड़ा. अपने लंबे मिशन के दौरान, विलियम्स विभिन्न कार्यों में सक्रिय रहीं.
उन्होंने स्पेस स्टेशन की देखभाल और सफाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. फुटबॉल के मैदान के आकार का यह स्टेशन निरंतर रखरखाव की मांग करता है. उन्होंने पुराने उपकरणों को बदलने में भी मदद की. वैज्ञानिक प्रयोग किए.
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62 घंटे का 9 बार स्पेसवॉक किया
नासा के अनुसार, सुनीता विलियम्स और उनकी टीम ने 900 घंटे का शोध पूरा किया. उन्होंने 150 से अधिक प्रयोग किए और एक नया रिकॉर्ड बनाया - अंतरिक्ष में सबसे अधिक समय बिताने वाली महिला का. उन्होंने स्पेस स्टेशन के बाहर 62 घंटे और 9 मिनट बिताए. यानी 9 बार स्पेसवॉक किया.
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नए रिएक्टर्स विकसित किए
सुनीता विलियम्स ने अंतरिक्ष स्टेशन पर कई महत्वपूर्ण अनुसंधान परियोजनाओं में काम किया. यह अध्ययन यह देखता है कि गुरुत्वाकर्षण अंतरिक्ष में तरल प्रणालियों को कैसे प्रभावित करता है. उन्होंने पानी की वसूली और ईंधन कोशिकाओं के लिए नए रिएक्टर्स विकसित करने पर शोध किया.
सुनीता विलियम्स ने बायोन्यूट्रिएंट्स परियोजना में भाग लिया, जिसमें वैज्ञानिक जीवाणुओं का उपयोग करके पोषक तत्वों का उत्पादन करने के तरीकों का अध्ययन करते हैं. यह परियोजना अंतरिक्ष यात्रियों के लिए ताज़ा पोषक तत्व प्रदान करने में मदद कर सकती है.