भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्षयात्री सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुच बिल्मर का स्पेसक्राफ्ट धरती की ओर रवाना हो गया है. स्पेसएक्स के ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट में सवार चारों अंतरिक्षयात्री इंटरनेशनल स्पेस सेंटर से रवाना हो चुके हैं. अनडॉक की प्रक्रिया शुरू हो गई है.
अगर सभी कुछ सामान्य रहा तो तय शेड्यूल के हिसाब से स्पेसक्राफ्ट बुधवार सुबह 3.30 बजे के आसपास लैंड करेगा. लेकिन कई तरह की दिक्कतें एयरक्राफ्ट की लैंडिंग में अड़चन पैदा कर सकती है, जिनमें खराब मौसम, पैराशूट का समय पर नहीं खुलना और तकनीकी गड़बड़ियां शामिल हैं.
पृथ्वी के वायुमंडल में स्पेसक्राफ्ट का प्रवेश
पृथ्वी के वायुमंडल में स्पेसक्राफ्ट का प्रवेश सबसे पेचीदा चरण है. सही दबाव नहीं होने पर एयरक्राफ्ट क्रैश कर सकता है. एक फरवरी 2003 को नासा का अंतरिक्ष यान कोलंबिया पृथ्वी पर लौटते वक्त दुर्घटना का शिकार हो गया था. पृथ्वी के वायुमंडल में घुसते ही अंतरिक्षयान क्रैश हो गया था, जिसमें कल्पना चावला दुर्घटना का शिकार हो गई थीं.
ऐसे में पृथ्वी के वायुमंडल में स्पेसक्राफ्ट की रिएंट्री (Reentry) सबसे अहम प्वॉइन्ट है. स्पेसक्राफ्ट को पृथ्वी के वायुमंडल में सटीक एंगल और स्पीड के साथ एंट्री कराना होता है, जिसे रिएंट्री कहा जाता है. रिएंट्री का एंगल बिगड़ने पर एयरक्राफ्ट दुर्घटनाग्रस्त हो सकता है. अगर पृथ्वी के वायुमंडल में ड्रैगन की रिएंट्री का एंगल तय मानक के अनुसार थोड़ा भी बिगड़ा तो बड़ी समस्या होगी.
अगर स्पेसएक्स का ड्रैगन गलत एंगल में रिएंट्री करता है तो या तो वह क्रैश होगा या फिर पृथ्वी के वायुमंडल से टकराकर अनिश्चित समय के लिए स्पेस में चला जाएगा और किसी ऑर्बिट में फंसकर रह जाएगा.
पैराशूट समय पर नहीं खुले तो क्या होगा?
स्पेसक्राफ्ट के पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करने पर स्प्लैशडाउन के समय अगर पैराशूट सही समय पर नहीं खुले तो यह खतरनाक हो सकता है. अगर पैराशूट सही समय पर नहीं खुले तो स्प्लैशडाउन के दौरान कैप्सूल तय स्पीड से ज्यादा तेजी से टकराएगा, जो जानलेवा होगा.
इसके अलावा स्पेस में थ्रस्टर के फेल होने पर भी दिक्कत हो सकती है. थ्रस्टर दरअसल स्पेसक्राफ्ट की स्पीड और उसकी डायरेक्शन कंट्रोल करते हैं. एक अन्य बड़ी वजह खराब मौसम भी हो सकता है, जो लैंडिंग को बिगाड़ सकता है.
अंतरिक्षयात्रियों की घर वापसी की कई चरणों में पूरी होगी. सबसे पहले धरती पर आने वाला स्पेसक्राफ्ट इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आईएसएस) से अलग होगा.
1) प्रेशर सूट पहनने से शुरू होगा सफर... स्पेसएक्स के ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट में सवार होने के लिए सबसे पहले अंतरिक्षयात्री प्रेशर सूट पहनेंगे. हैच बंद किया जाएगा और हर तरह के लीकेज की जांच की जाएगी.
2) दूसरे चरण में स्पेसएक्स के ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट की अनडॉकिंग होगी. अनडॉकिंग की यह प्रक्रिया भी कई चरणों में होगी. अनडॉकिंग का पहला चरण सिक्योरिटी चेक है. अनडॉकिंग से पहले स्पेसक्राफ्ट के अंदर लाइफ सपोर्ट सिस्टम, कम्युनिकेशन और थ्रस्टर सिस्टम की वर्किंग चेक होती है. दूसरे चरण में स्पेसक्राफ्ट का लॉक खोला जाता है. इसमें स्पेसक्राफ्ट को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से जोड़ने वाले जोड़ खोले जाते हैं. तीसरे चरण में अनडॉकिंग सिस्टम खुलने के बाद थ्रस्टर से स्पेसक्राफ्ट को आईएसएस से अलग किया जाता है. थ्रस्टर दरअसल स्पेसक्राफ्ट की स्पीड और उसकी डायरेक्शन कंट्रोल करते हैं. चौथे चरण में अनडॉकिंग के बाद स्पेसक्राफ्ट की मॉनिटरिंग होती है. आखरी चरण में स्पेसक्राफ्ट पूरी तरह से आईएसएस से अलग होकर धरती के सफर पर निकल पड़ता है.
3) डीऑर्बिट बर्न... इस दौरान स्पेसक्राफ्ट डीऑर्बिट बर्न शुरू करेगा. यह बर्न बुधवार तड़के लगभग 2.41 बजे होगा. इसके तहत इंजन को फायर किया जाएगा. इससे स्पेसक्राफ्ट धरती के और करीब पहुंचेगा.
4) धरती के वायुमंंडल में प्रवेश... कहा जा रहा है कि स्पेसएक्स का एयरक्राफ्ट 27000 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करेगा.
5) पैराशूट खुलेंगे... इसके बाद धरती की 18 हजार फीट की ऊंचाई पर सबसे पहले दो ड्रैगन पैराशूट खुलेंगे और उसके बाद 6000 फीट की ऊंचाई पर मेन पैराशूट भी खुलेंगे.
6) स्प्लैशडाउन... नासा की जानकारी के मुताबिक, स्प्लैशडाउन या अंतरिक्षयात्रियों की समुद्र में लैंडिंग फ्लोरिडा के तट पर होगी. लेकिन अगर मौसम सही नहीं रहा तो लैंडिग कहीं और भी हो सकती है. लैंडिंग का यह समय फिलहाल बुधवार तड़के 3.27 बजे है.