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कुछ सालों में चट कर जाएंगे दुनियाभर की लकड़ी, गर्मी बढ़ने के साथ दीमक भी बढ़ा रहे आबादी!

हर दिन के साथ जैसे-जैसे पृथ्वी पर गर्मी बढ़ रही है, हम कयामत के और करीब आ रहे हैं. मासूम, छुटके से लगने वाले जीव दीमक का भी इसमें रोल है. एक्सपर्ट मानते हैं कि ग्लोबल वार्मिंग बढ़ने के साथ दीमक और तेजी से लकड़ी, और यहां तक कि मिट्टी तक चट करने लगते हैं. इससे तापमान ज्यादा तेजी से ऊपर जाता है.

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गर्म मौसम में दीपक ज्यादा तेजी से लकड़ी खाने लगते हैं. सांकेतिक फोटो (Pixabay)
गर्म मौसम में दीपक ज्यादा तेजी से लकड़ी खाने लगते हैं. सांकेतिक फोटो (Pixabay)

ग्लोबल वार्मिंग यानी धरती का तापमान बढ़ने को लेकर वैज्ञानिक लगातार चिंता जता रहे हैं. माना जा रहा है कि इसी वजह से 6वां महाविनाश होगा, जिसमें पानी उबलकर सूख जाएगा और पत्थर पिघल जाएंगे. कहने की बात नहीं कि ये इंसानों के भी खात्मे का समय होगा. बता दें कि अब तक दुनिया 5 महाविनाश देख चुकी, जिसमें डायनोसोर का खत्म होना पांचवा और आखिरी सामूहिक विनाश था. लगभग 65.5 मिलियन साल पहले आई इस प्रलय की वजह एक एस्टेरॉयड का धरती से टकराना था. लेकिन भविष्य का विनाश कुदरती न होकर, हमारी वजह से होगा, ऐसा माना जा रहा है. 

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दीमक भी हैं ग्लोबल वार्मिंग के जिम्मेदार
इंसानी गतिविधियों के कारण धरती लगातार गर्म हो रही है. ऑक्सीजन घट रही है. ये रफ्तार काफी ज्यादा है. अब पता लगा कि इसमें कुछ योगदान दीमकों का भी है. घरों के फर्निचर और किताबों को बर्बाद करने वाला ये मामूली सा जंतु ग्लोबल वार्मिंग से भी जुड़ा हुआ है. ताजा स्टडी बताती है कि गर्म मौसम में दीपक ज्यादा तेजी से लकड़ी खाने लगते हैं. यहां तक कि हर 10 डिग्री की बढ़त उनकी क्षमता में 7 गुना इजाफा कर देती है. 

किस तरह दीमक का लकड़ी खाना गर्मी बढ़ा रहा है?
जैसा कि हम जानते हैं, पेड़-पौधे ग्लोबल कार्बन सायकिल में अहम रोल निभाते हैं. वे फोटोसिंथेसिस के दौरान कार्बन डायऑक्साइड सोखते हैं जिससे तापमान सामान्य बना रहे. जैसे-जैसे पेड़ों की उम्र बढ़ती है, उनके कुछ हिस्से मरने लगते हैं. दीमक सबसे पहले इन्हीं को निशाना बनाते और खाने की प्रक्रिया में डिकंपोज करने लगते हैं. इससे कार्बन डायऑक्साइड और मीथेन गैस निकलती है. ये वही ग्रीन हाउस गैसें हैं, जो तापमान को तेजी से बढ़ा रही हैं. तो जैसे-जैसे तापमान बढ़ेगा, दीमकों की आबादी और उनके लकड़ी खाने की स्पीड भी बढ़ेगी. इसका सीधा असर ग्लोबल वार्मिंग पर दिखेगा. 

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termites can cause global warming says new science study
 लकड़ी की डिकंपोजिंग के दौरान कार्बन और मीथेन गैस निकलती है. सांकेतिक फोटो (Pixabay)

133 साइट्स पर हुई स्टडी
यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन से जुड़े वैज्ञानिकों ने दीमक पर ये अध्ययन करने के दौरान कई दूसरी चीजें पाईं, जैसे वैश्विक तापमान बढ़ने के साथ दीमकों की आबादी बढ़ती जाएगी और वे दुनिया के हर कोने में पहुंच जाएंगे. साइंस जर्नल में प्रकाशित इस अध्ययन में पहली बार दीमकों को लेकर चिंता जताई गई है. इस दौरान सौ से ज्यादा वैज्ञानिकों ने दुनिया के 133 हिस्सों में लकड़ियों पर स्टडी की. अंटाकर्टिका को इससे अलग रखा गया क्योंकि वहां बैक्टीरिया, फंगस और दीमक खराब हो चुकी लकड़ी ही खाते हैं. 

ये रहा नतीजा
इन साइट्स पर देखा गया कि दीमकों के लकड़ी को नष्ट करने की रफ्तार क्या है. इसका मिलान करने पर नतीजे चौंकाने वाले रहे. गर्म जगहों पर लकड़ी के नष्ट होने की रफ्तार, ठंडी जगहों से कहीं ज्यादा थी. ये भी दिखा कि गर्म जलवायु में ये ज्यादा आसानी से जिंदा रहते हैं. इससे साफ है कि जैसे-जैसे गर्मी बढ़ेगी, इनकी आबादी भी बढ़ेगी. इसके साथ ही स्वस्थ लकड़ियों का खत्म होना भी बढ़ता जाएगा.

साल 2017 में भी ऐसे ही एक अध्ययन ने आगाह किया था कि दीमकों की सबसे तेजी से फैलने वाली 13 में से 12 प्रजातियां साल 2050 तक पूरी दुनिया में फैल जाएंगी, सिर्फ ठंडे इलाके बचेंगे, अगर वे ठंडे रह सके.

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