NASA के प्रमुख यानी उसके एडमिनिस्ट्रेटर बिल नेल्सन व्यक्तिगत तौर पर यह मानते हैं कि एलियन होते हैं. नासा ने UFO पर नई रिपोर्ट जारी की. जिसे अब वो लोग अनआइडेंटिफाइड एनोमेलस फेनोमेना (UAPs) कहते हैं. इस रिपोर्ट को जारी करते समय बिल नेल्सन ने कहा कि मैं पर्सनली ये मानता हूं कि ब्रह्मांड के अन्य हिस्सों में जीवन है.
बिल ने कहा कि एलियंस हैं लेकिन हमें उन्हें खोजने की जरुरत है. UAP पर रिपोर्ट जारी करते समय उन्होंने दुनियाभर की मीडिया के सामने कहा कि फिलहाल ये ऐसी वस्तुएं हैं, जो आसमान में उड़ती, भागती दिखती हैं. लेकिन इन्हें ने कोई समझ पा रहा है. न ही समझा पा रहा है. अब ऐसी स्थिति में यह पता नहीं चलता कि ये आए कहां से.
बिल नेल्सन ने कहा ब्रह्मांड में कई रहने योग्य ग्रह दिखाई दे रहे हैं. जेम्स वेब स्पेस टेलिस्कोप की मदद से हम ऐसे एग्जोप्लैनेट्स यानी बाहरी ग्रहों की खोज कर रहे हैं. ये तो अभी शुरुआत है. एक दिन हम ऐसे ग्रहों की खोज कर लेंगे, जिसपर जीवन मौजूद होगा. उसके सबूत भी मिल जाएंगे.
एक दिन जरूर मिलेगा ऐसा ग्रह जहां जीवन होगा
बिल ने कहा कि ये ग्रह मध्यम आकार के पथरीले ग्रह होंगे. उनका सूर्य भी मध्यम आकार का एकदम सही दूरी पर होगा. उन ग्रहों पर कार्बन होगा. साथ ही रहने योग्य वायुमंडल मौजूद होगा. अगर आप मुझसे पूछते हैं कि क्या ब्रह्मांड में और कहीं जीवन है. तो मैं बता दूं कि यह बहुत बड़ा है. लेकिन व्यक्तिगत तौर पर मेरा जवाब होगा हां.
लेकिन जब मैंने अपने वैज्ञानिकों से पूछा कि इसकी संभावना गणित के आधार पर या वैज्ञानिक आधार पर कितनी है. तो उन्होंने कहा कि अगर लाखों-करोड़ तारों की छानबीन करें. जो कि लाखों-करोड़ आकाशगंगाओं में हैं. तो जवाब आएगा कि कम से कम एक लाख करोड़ ग्रह ऐसे होंगे, जहां पर जीवन की संभावना हो सकती है. या मौजूद है.
फिलहाल एलियन के होने के पुख्ता सबूत नहीं
नासा ने अपने UAP रिसर्च के लिए नए डायरेक्टर को चुना है. वो एक एक्सपर्ट पैनल को हेड करेंगे, जो एलियंस, UFO यानी UAP की स्टडी करेंगे. उनकी खोजबीन करेंगे. फिलहाल नासा की नई रिपोर्ट में किसी एलियन दुनिया, एलियन की मौजूदगी या UFO या UAP के होने की संभावना से इनकार किया गया है.
नासा के इस काम में अमेरिकी रक्षा मंत्रालय यानी पेंटागन भी साथ दे रहा है. बिल नेल्सन कहते हैं कि एलियन या UFO ऐसी वस्तुएं या विषय हैं, जो बेहद रोचक हैं. उन्हें लेकर लोगों के मन में सवाल होते हैं. क्योंकि लोग या हम वैज्ञानिक उनके बारे में बहुत ज्यादा कुछ जानते नहीं हैं. हम इस विषय पर सनसनी फैलाने से बेहतर साइंस लाना चाहते हैं. हम चाहते हैं कि इस विषय पर साइंटिफिक तरीके से काम हो. खोजबीन हो.