NASA के अंतरिक्ष विज्ञानी जोनाथन मैक्डॉवेल ने गणना करके आशंका जताई है कि इस हफ्ते चीन का एक रॉकेट अंतरिक्ष से धरती की तरफ आएगा. वह कहां और कब गिरेगा यह फिलहाल पता नहीं चला है. 24 जुलाई 2022 को चीन ने एक लॉन्ग मार्च रॉकेट (Long March 5B Rocket) अंतरिक्ष में छोड़ा था. जिसने चीन के स्पेस स्टेशन का हिस्सा अंतरिक्ष में पहुंचाया था. लेकिन पिछली बार की घटनाओं की तरह इस बार भी चीन का अपने रॉकेट से नियंत्रण हट गया है. ये इस हफ्ते किसी भी समय और कहीं भी गिर सकता है.
तीन साल में यह तीसरी बार हो रहा है जब चीन का रॉकेट अंतरिक्ष में जाता तो नियंत्रित तरीके से है, लेकिन लौटता आउट ऑफ कंट्रोल है. चीन कहता है कि वह उसे नियंत्रित करके पानी में गिराने का प्रयास कर रहा है लेकिन आखिरी समय में हाथ खड़े कर देता है. इससे पहले पिछले साल मई महीने में लॉन्च मार्च सीरीज का एक रॉकेट धरती पर गिरा था. उससे ठीक एक साल पहले 2020 में चीन का रॉकेट पश्चिमी अफ्रीका और अटलांटिक महासागर में गिरा था.
हैरानी का बात ये है कि स्पेसएक्स (SpaceX) जैसी कंपनियां रीयूजेबल रॉकेट का उपयोग कर रही हैं. लेकिन चीन जैसा ताकतवर देश अपने रॉकेटों से हर साल दुनिया के अन्य देशों के लिए खतरा पैदा कर रहा है. लॉन्ग मार्च रॉकेट (Long March 5B Rocket) चीन का मुख्य रॉकेट है. जैसे हमारे यहां ISRO का PSLV रॉकेट है. लेकिन भारतीय रॉकेट के साथ कभी ऐसी घटना का जिक्र नहीं हुआ है. चीन पिछले तीन साल से पूरी दुनिया को डरा रहा है. चोट पहुंचा रहा है.
पिछले साल मई में चीन के लॉन्ग मार्च 5बी वाई2 (Long March 5B Y2 Rocket) रॉकेट ने धरती में अनियंत्रित एंट्री मारी थी. तब वह धरती के चारों तरफ लो-अर्थ ऑर्बिट में चक्कर लगा रहा है. यानी यह धरती के ऊपर 170 किलोमीटर से 372 किलोमीटर की ऊंचाई के बीच. उसकी गति 25,490 किलोमीटर प्रति घंटा है यानी 7.20 किलोमीटर प्रति सेकेंड. आशंका है कि इस समय जिस रॉकेट की बात हो रही है, वह भी इसी गति से धरती के अंदर प्रवेश करे.
असल में चीन अपना स्पेस स्टेशन बना रहा है. उसके लिए पिछले कुछ सालों से वह रॉकेट के जरिए स्पेस स्टेशन के हिस्से अंतरिक्ष में पहुंचा रहा है. हिस्सों को अंतरिक्ष में पहुंचाने के बाद रॉकेट को नियंत्रित तरीके से धरती की ओर लौटना चाहिए. लेकिन चीन हर बार अपने लौटने वाले रॉकेटों नियंत्रण खो देता है. जिससे आमजनों को खतरा पैदा हो जाता है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई बार चीन की इस हरकत का विरोध हुआ है लेकिन चीन लाखों प्रयास के बाद भी लौटने वाले रॉकेट को नियंत्रित कर नहीं पाता.
जोनाथन मैक्डॉवेल की आशंका के बाद अब दुनिया भर के राडार इस रॉकेट पर नजर बनाए हुए हैं. ताकि अगर यह किसी देश के ऊपर आता है तो पहले ही इसकी सूचना लोगों को दे दी जाए. इसकी गति और लगातार बदल रही ऊंचाई की वजह से यह पता करना मुश्किल हो रहा है कि ये धरती पर कब, किस दिन और कहां गिरेगा. वैसे तो धरती के वायुमंडल में आते ही इसका अधिकतर हिस्सा जलकर खाक हो जाएगा. लेकिन छोटा-मोटा हिस्सा भी आबादी वाले इलाके में गिरा तो तबाही मचा देगा.
Two objects cataloged from the CZ-5B launch: 53239 / 2022-085A in a 166 x 318 km x 41.4 deg orbit, 53240 / 2022-085B in a 182 x 299 km x 41.4 deg orbit. Orbital epoch of ~1200 UTC confirms that the inert 21t rocket core stage remains in orbit and was not actively deorbited.
— Jonathan McDowell (@planet4589) July 24, 2022
लॉन्ग मार्च 5बी रॉकेट के कोर का वजन करीब 19.6 टन यानी 17,800 किलोग्राम है. इससे पहले 1991 में 43 टन का सोवियत स्पेस स्टेशन का सल्यूट-7 (Salyut-7) धरती पर अनियंत्रित तरीके से गिरा था. इसने अर्जेंटीना में तबाही मचाई थी. लॉन्ग मार्च 5बी वाई2 (Long March 5B Y2 Rocket) का कोर अमेरिका के सबसे बड़े रॉकेट फॉल्कन-9 के दूसरे स्टेज से भी बड़ा है. अगर लॉन्ग मार्च रॉकेट (Long March 5B Rocket) रात में धरती पर गिरेगा तो आसमानी आतिशबाजी देखने को मिल सकती है.