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ये मानवरहित बोट आएगी सेना के काम, जान बचाएगी..जासूसी करेगी और चलाएगी हथियार

भारतीय नौसेना को ऐसा समुद्री मानवरहित वाहन मिला है, जो बचाव एवं निगरानी के लिए बेहतरीन है. इसका उपयोग समुद्र में डूब रहे लोगों के लिए और दुश्मन के तट के पास या जहाज के चारों तरफ निगरानी के लिए किया जा सकता है. आइए जानते हैं इस शानदार समुद्री मानवरहित वाहन के बारे में...

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Remote USV: ये है वो मानवरहित बोट जो जान बचाने, जासूसी करने और हथियार लगाकर हमला करने के काम आएगी. (फोटोः सैफ सीस)
Remote USV: ये है वो मानवरहित बोट जो जान बचाने, जासूसी करने और हथियार लगाकर हमला करने के काम आएगी. (फोटोः सैफ सीस)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • भारतीय नौसेना को मिले 50 रिमोट USV
  • आर्मी लेह में कर सकती है इसका उपयोग

जब भी समुद्र में कोई डूब रहा होता है तब उसे बचाने के लिए तैराक या फिर नाव भेजनी पड़ती है. अगर युद्ध के दौरान ऐसा करे तो दुश्मन की गोली या बम-गोले का शिकार होने की आशंका बनी रहती है. ऐसे में बचाव कार्य मुश्किल हो जाता है. या फिर तेज बहाव वाली नदी में किसी को बचाना मुश्किल हो जाता है. ऐसी स्थिति में यह मानवरहित वाहन (Unmanned Surface Vehicle - USV) बेहद काम का साबित हो सकता है. 

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इस मानवरहित बोट को समुद्र, झील, नदी या किसी भी जलीय इलाके में चलाया जा सकता है. (फोटोः Saif Seas)
इस मानवरहित बोट को समुद्र, झील, नदी या किसी भी जलीय इलाके में चलाया जा सकता है. (फोटोः Saif Seas)

इस USV के 50 यूनिट भारतीय नौसेना (Indian Navy) को दिए जा चुके हैं. 50 और यूनिट्स इस साल के अंत तक दे दिए जाएंगे. इसे कोलकाता में मौजूद डिफेंस कंपनी सैफ सीस (Saif Seas) ने बनाया है. इस USV को बैट्री से चलाया जाता है. इसमें हाई-डेफिनिशन कैमरे, रोबोटिक प्रोब्स या फिर हथियार लगाकर इसका अलग-अलग तरह से उपयोग कर सकते हैं. 

इसे हाल ही में हुए ईस्ट टेक एक्सपो में प्रदर्शित किया गया था. जहां पीएम नरेंद्र मोदी ने भी इसकी जानकारी ली. (फोटोः Saif Seas)
इसे हाल ही में हुए ईस्ट टेक एक्सपो में प्रदर्शित किया गया था. जहां पीएम नरेंद्र मोदी ने भी इसकी जानकारी ली. (फोटोः Saif Seas)

शुरुआत में यह USV सिर्फ एक इंसान को डूबने से बचाने के मकसद से बनाया गया था. बाद में इसकी तकनीक, सिस्टम और ताकत में बढ़ोतरी की गई. अब यह एक साथ तीन लोगों को बचा सकता है. यह 300 किलोग्राम वजन उठाकर समुद्र में आसानी से और तेजी से चल सकता है. 

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एक बोट पैंगोंग लेक में बचाव कार्य के लिए NDRF की टीम को दी गई है. (फोटोः Saif Seas)
एक बोट पैंगोंग लेक में बचाव कार्य के लिए NDRF की टीम को दी गई है. (फोटोः Saif Seas)

सैफ सीस USV को भारतीय सेना (Indian Army) को भी देना चाहती है. इसे लेकर बातचीत चल रही है. यह वाहन लद्दाख के पैंगोंग लेक में निगरानी या फिर किसी भी जलीय इलाके में निगरानी के लिए उपयोग किया जा सकता है. कंपनी ने भारतीय सेना को लेह में इसका प्रदर्शन करके भी दिखाया है. इसके अलावा इस यंत्र का प्रदर्शन NDRF के सामने वाराणसी और पुणे में भी हो चुका है. 

जब इंसान कहीं डूब रहा होता है तब इस वाहन को रिमोट से उस इंसान तक पहुंचाया जाता है. इसके बाद जैसे ही डूबता हुआ व्यक्ति इसे अच्छे से पकड़ लेता है, तब इसे रिमोट से ही संचालित करके वापस बुला लिया जाता है. इससे डूबने वाले को बचाने के लिए किसी अन्य इंसान की जरूरत नहीं पड़ती. लेह में पैंगोंग लेक में NDRF टीम को एक यूनिट दी गई है, ताकि वो इसका ट्रायल लेकर इस पर भरोसा कर सकें. 

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