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अमेरिका (America) ने आज तक कई युद्ध लड़े हैं. जिनमें से कई युद्ध जीते हैं तो कई में उसे हार का सामना भी करना पड़ा है. कई बार तो युद्ध जीतने के लिए अमेरिका ने ऐसा अमानवीय तरीकों का इस्तेमाल किया है, जिसके कारण लाखों लोगों को अपनी जान तक गंवानी पड़ी थी. इतना ही नहीं युद्ध में अमेरिका ने कई बार न्यूक्लियर और केमिकल हथियारों (Nulear And Chemical Weapons) का इस्तेमाल भी किया, जिसका खामियाजा आने वाली पीढ़ियों को भी भुगतना पड़ा था.
जापान के हिरोशिमा और नागासाकी में परमाणु बम से हमला करने के बाद दूसरा विश्व युद्ध (Second World War) समाप्त हो गया था. लेकिन इसके लगभग 10 साल बाद वियतनाम में एक और युद्ध शुरू हुआ था. जिसे वियतनाम वॉर (Vietnam War) कहा जाता है. यह युद्ध लगभग 20 साल तक चला था. माना जाता है कि इस युद्ध में अमेरिका की हार हुई थी. डेली मेल के मुताबिक, अमेरिका के 60 हजार से ज्यादा सैनिकों की इस युद्ध में मौत हो गई थी.
यह युद्ध जीतने के लिए अमेरिका ने तमाम कोशिशें की थीं. लेकिन उनकी एक न चल सकी. अमेरिकी सैनिकों युद्ध के दौरान लोगों को इतने टॉर्चर दिए और कई अजीबोगरीब प्रयोग किए जिसे सुनकर किसी की भी रूह कांप जाए. इन्ही में से एक प्रयोग था एंपटी प्रेगनेंसी प्रोलैक्टीन (Empty Pregnancy Prolactin) एक्सपेरिमेंट.
इस प्रयोग (Experiment) के बाद वियतनाम की महिलाएं अपने आप से नजरें तक नहीं मिला पा रही थीं. उन्हें इतनी शर्मिंदगी महसूस हुई कि कई महिलाओं ने तो आत्महत्या तक कर लेने का मन बना लिया था. आखिर क्या है एंपटी प्रेगनेंसी प्रोलैक्टीन जिसका इस्तेमाल अमेरिका ने वियतनाम वॉर में किया गया था. चलिए जानते हैं...
वियतनाम वॉर की शुरुआत वैसे तो 1 नवंबर 1955 में ही हो गई थी. यह कोल्ड वॉर (Cold War) का ही एक हिस्सा था. साउथ वियतनाम और नॉर्थ वियतनाम आपस में लड़ रहे थे. नॉर्थ वियतनाम को रूस, चीन और नॉर्थ कोरिया का समर्थन प्राप्त था. वहीं, साउथ वियतनाम में अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और साउथ कोरिया का वर्चस्व देखने को मिल रहा था.
10 सालों तक युद्ध का कोई नतीजा नहीं निकला. फिर 9 फरवरी 1965 को अमेरिका ने अपने 3500 सैनिक वियतनाम में उतारे. फिर यहां से असली वियतनाम युद्ध की शुरुआत हुई. साल 1968 तक अमेरिका 5 लाख से भी ज्यादा सैनिक वियतनाम में तैनात कर चुका था. एक छोटे से देश को जीतने के लिए अमेरिका को इतनी बड़ी सेना की जरूरत पड़ी, ये बात पूरी दुनिया देख रही थी. लेकिन अमेरिका बस कैसे भी करके यह युद्ध जीतना चाहता था.
जंग में शामिल हुईं महिलाएं
वियतनाम के पास उस समय बहुत ज्यादा सेना नहीं थी. लेकिन आम लोगों ने भी हथियार उठा लिए और जंग में शामिल हो गए. सिर्फ मर्द ही नहीं, महिलाएं भी इस युद्ध में शामिल हो गईं थीं. वियतनाम की महिलाएं काफी होशियार थीं. और देश की रक्षा के लिए अपनी जान तक न्योछावर करने के लिए तैयार थीं. वियतनाम की महिलाओं की बहादुरी देख अमेरिकी सेना भी घबराने लगी थी. वियतनाम की सेना युद्ध में गोरिल्ला वॉरफेयर की नीति को अपना रही थी. उन्होंने जंगलों के नीचे कई किलोमीटर की सुरंग बना रखी थी.
महिलाओं को बनाया बंदी
जैसे ही अमेरिकी सेना बमबारी करती, वे लोग गुफा में छिप जाते. फिर मौका पाते ही अमेरिका के सैनिकों पर हमला कर देते. अमेरिकी सेना को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि वियतनाम के आला अधिकारी कहां छुपे हैं. वे किस तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं. यह जानने के लिए अमेरिकी सैनिकों ने वियतनाम की महिलाओं को बंदी बनाना शुरू कर दिया. और उन्हें प्रिजनर ऑफ वॉर मैनेजमेंट स्टेशन भेजने लगे.
एंपटी प्रेगनेंसी प्रोलैक्टीन का इस्तेमाल
यहां महिलाओं को एंपटी प्रेगनेंसी प्रोलैक्टीन दिया गया. इसे चार्म मेडिसिन भी कह सकते हैं. इसके अंदर कोरियोनिक प्रोफिलिसिन (Chorionic Prophyllicin) और पिट्यूटरी पोस्टीरियर लीफ पिगमेंट (Pituitary Posterior Leaf Pigment) होता है. इसका इस्तेमाल कर महिलाएं काफी उत्तेजित हो जाती हैं. उनके शरीर और दिमाग में डैमेज होना शुरू हो जाता है. और वे ठीक तरह से सोच नहीं पातीं.
कई खुफिया जानकारियां अमेरिकी सेना को मिलीं
इस तरह उत्तेजना बढ़ने से अगर उनसे कोई भी बात पूछी जाए तो वे तुरंत उसका जवाब दे देती हैं. एंपटी प्रेगनेंसी प्रोलैक्टीन का इस्तेमाल विंड मून साइट पर किया गया था. इसके बाद इसका इस्तेमाल वियतनाम की महिला सैनिकों पर भी किया गया. यह ड्रग देने के बाद अमेरिकी सैनिकों ने वियतनाम की महिला सैनिकों से कई सवाल जवाब किए. महिलाओं को यह ड्रग इंजेक्शन के जरिए दिया जा रहा था. महिलाएं इस ड्रग को झेल नहीं पाईं और उन्होंने अमेरिकी सैनिकों को कई खुफिया जानकारियां दे दीं.
क्या होता है प्रोलैक्टीन?
बता दें, प्रोलैक्टीन एक तरह का हारमोन होता है, जिसे मिल्क प्रोडक्शन हारमोन (Milk Production Harmone) भी कहा जाता है. यह हारमोन हमारे दिमाग में स्थित पीयूष ग्रंथि (Pituitary Gland) से रिलीज होता है. यह हारमोन गर्भवती महिलाओं और नई नई मां बनीं महिलाओं में ज्यादा रिलीज होता है. जिससे महिलाओं के स्तनों में अधिक दूध आता है. पुरुषों और दूसरी सामान्य महिलाओं में भी यह हारमोन रिलीज होता है, लेकिन इसकी मात्रा कम होती है.
क्या होता है इसका साइड इफेक्ट?
असमान्य तरीके से यदि प्रोलैक्टीन हारमोन रिलीज होने लग जाए तो उससे महिलाओं को पीरियड्स की प्रोब्लम हो जाती है. यानी लगातार पीरियड्स आते रहते हैं. इससे इनफर्टिलिटी की समस्या बढ़ जाती है. मिल्क डिस्चार्ज (Milk Discharge) और अर्ली मेंडपाउस (Early Mendpuase) जैसी समस्याएं भी महिलाओं में शुरू हो जाती हैं. कई बार यह कैंसर का कारण भी बन जाता है.
पशुओं के लिए होता है इस्तेमाल
इस दवाई का इस्तेमाल पशुओं के लिए किया जाता है. जिससे गाय और भैंस जैसे जानवर पूरे साल अच्छी मात्रा में दूध दे सकें. इस ड्रग से अंडे देने की क्षमता में भी इजाफा हो जाता है. पशुओं को दी जाने वाली दवा का इस्तेमाल महिलाओं को देना कितनी क्रूरता हो सकती है इसका अंदाजा लगा पाना भी मुश्किल है.
अमेरिका ने किया नियमों का उल्लंघन
बता दें, इस दवाई का असर ज्यादा लंबे समय तक नहीं रहता. वियतनाम की महिला सैनिक जब होश में आती थीं तो उन्हें अपने ही आप से घिन आने लगती थी. उन्हें बुरा लगता था कि उनके कारण वियतनाम की सेना हार जाएगी. इसीलिए उनके मन में कई बार सुसाइड का भी ख्याल आ जाता था. Geneva Accords के मुताबिक, कोई भी देश युद्ध के दौरान अन्य देश के लोग जिन्हें कैदी बनाकर रखा जाता है, उनके साथ इस तरह का अमानवीय व्यवहार नहीं कर सकता. लेकिन अमेरिका ने इन सभी नियमों का उल्लंघन किया.
एजेंट ऑरेंज का इस्तेमाल
एंपटी प्रेगनेंसी प्रोलैक्टीन के कई साइड इफेक्ट होते हैं, जिनका खामियाजा कई सालों तक वियतनाम की महिलाओं को भुगतना पड़ा था. लेकिन अमेरिकी सैनिकों की क्रूरता यहीं खत्म नहीं हुई. New York Post के मुताबिक, उन्होंने एक और केमिकल हथियार का इस्तेमाल किया. जिसका नाम एजेंट ओरेंज (Agent Orange) था. यह एक तरह का डिफोलिएंट (Defoliant) होता है. जिसका इस्तेमाल पेड़ पौधों को खत्म करने के लिए किया जाता है. इससे पत्तियां बीमार पड़ने लगती हैं और पेड़ पौधे मुर्झा जाते हैं.
क्या होता है एजेंस ओरेंज?
एजेंट ओरेंज के अंदर डाइओक्सिन्स (Dioxins) होते हैं. डाइओक्सिन्स एक तरह के कारसीनोजेन (Carcinogen) होते हैं, जिसमें टॉक्सिन लेवल बहुत अधिक होता है. इंसान अगर इसका जरूरत से ज्यादा मात्रा में इस्तेमाल कर ले तो कई तरह की घातक बिमारियां उसे हो सकती हैं. इससे शरीर में कैंसर सेल बढ़ने लगते हैं.
30 अप्रैल 1975 में हुआ युद्ध खत्म
1973 में अमेरिका ने वियतनाम वॉर से पीछे हटने का फैसला किया था. उन्होंने यह माना था कि उन्हें इतनी बड़ी संख्या में अपनी सेना वियतनाम में नहीं लानी चाहिए थी. दुनिया में अब अमेरिका की छवि खराब हो रही थी. फिर आधिकारिक तौर पर 30 अप्रैल 1975 को युद्ध खत्म हो गया. 20 साल के दौरान कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी. वहीं, इस युद्ध के कारण अमेरिका को 200 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ था.
फसलों पर छिड़का एजेंट ओरेंज
1975 में अमेरिकी सेना ने वियतनाम से जाने से पहले वहां रैंच एक्शन प्लान (Ranch Action Plan) को इंप्लीमेंट किया. एयरक्राफ्ट के जरिए वियतनाम की जमीन पर लगी फसलों पर 67 मिलियन लीटर एजेंट ओरेंज का छिड़काव किया गया. इसका असर वहां के लोगों पर देखने को मिला.
नवाजात शिशुओं में पाया गया जहर
पांच लाख से ज्यादा नवजात बच्चों के अंदर एजेंट ओरेंज जैसा खतरनाक जहर पाया गया था. 20 लाख से ज्यादा बच्चों में कैंसर के लक्षण देखे गए. आंकड़ों की मानें तो कुल 50 लाख से ज्यादा लोग एजेंट ओरेंज से प्रभावित हुए थे. इसने वियतनाम की मिट्टी पर भी इसका ऐसा असर छोड़ा कि नई फसलों पर भी उस जहर के अंश पाए गए. इसका असर न सिर्फ वियतनाम के लोगों पर ही देखने को मिला. बल्कि, अमेरिका के सैनिकों में भी कैंसर के लक्षण इस कारण पाए गए.