10 करोड़ साल से धरती की सतह लगातार बदल रही है. पहले एक विशालकाय महाद्वीप होता था. जो टूट-टूटकर अलग होता चला गया. कैसे टेक्टोनिक प्लेट्स खिसकती गईं. कैसे महाद्वीप बनते गए. इनका एक वीडियो बनाया गया है. इस 21 सेकेंड के वीडियो में 10 करोड़ साल का इतिहास है.
इस वीडियो में दिखाया गया है कि कैसे धरती की ऊपरी परत टेक्टोनिक प्लेटों के हिलने से बदलती चली गई. कैसे पहाड़ों के बनने की शुरुआत हुई. कैसे बेसिन और घाटियां बने. कैसे समुद्रों का विभाजन हुआ. ये सब हुआ है मिट्टी और प्लेट के खिसकने से. साथ ही इरोजन की वजह से.
वीडियो में साफ तौर पर दिखाया गया है कि कैसे टेक्टोनिक प्लेट्स का मूवमेंट हो रहा है. धरती की ऊपरी परत यानी क्रस्ट कैसे एकदूसरे अलग हो रही है. एकदूसरे से टकरा रही है. जब यह प्लेट्स हिलती हैं, तो मेंटल तक असर जाता है. जिसकी वजह से सबडक्शन जोन बनते हैं. ज्वालामुखी फटने लगते हैं. धरती पर भूकंप आता है.
सिर्फ इसी से महाद्वीप नहीं बने हैं. बारिश का होना सतह को मजबूत बनाता है. मौसम में बदलाव आता है. हवा में कार्बन डाईऑक्साइड की मात्रा में लगातार बदलाव होता है. वायुमंडल में लगातार बदलाव होता रहता है. यूनिवर्सिटी ऑफ सिडनी में जियोसाइंसेस के सीनियर लेक्चरर ट्रिस्टन सालेस ने कहा कि महाद्वीपों के मूवमेंट की स्टडी काफी विस्तृत तरीके से दशकों से की जा रही है. उनके बनने और बिगड़ने की प्रक्रिया को समझा जा रहा है.
इस वीडियो मॉडल की रिपोर्ट हाल ही में Science जर्नल में प्रकाशित हुई है. इसमें बताया गया है कि कैसे 20 करोड़ साल पहले पैंजिया (Pangaea) टूटकर अलग होना शुरू होता है. 10 करोड़ साल की स्थिति आते-आते टूटने लगते हैं. इस वीडियो में अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका के अलग होने की कहानी एकदम साफ तौर पर दिखाई दे रहा है. उत्तरी गोलार्ध के महाद्वीप कैसे आपस में अलग हो रहे हैं. नया बना रहे वो भी दिख रहा है.
फ्रांस के ग्रेनोबेल स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ अर्थ साइंसेस के जियोलॉजिस्ट लॉरेंट ह्यूसन ने कहा कि हमने पहले पृथ्वी के नजदीकी इतिहास का मॉडल बनाया. फिर उसके डायनेमिक्स को समझते हुए ये मॉडल तैयार किया है. इस दौरान पुरने मॉडल्स, दस्तावेज और कई अन्य साइंटिफिर रिपोर्ट्स को पढ़ा गया है, उनके इनपुट्स को शामिल किया गया है. 6 से 3 करोड़ साल पहले भारत और चीन की सीमा पर बने हिमालय और तिब्बत के पठारों के निर्माण भी इसमें दिखाई देता है.