17 अगस्त 2023 को कोलकाता में मौजूद गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE) नया जंगी जहाज लॉन्च करने जा रहा है. लॉन्चिंग राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू करेंगी. इस युद्धपोत का नाम है विंध्यगिरी (Vindhyagiri). यह नीलगिरी क्लास का फ्रिगेट है, जो एक स्टेल्थ गाइडेड मिसाइल युद्धपोत है.
नीलगिरी क्लास फ्रिगेट्स को मजगांव डॉक और गार्डेन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स बना रहे हैं. इसके तहत सात जंगी जहाज बनने थे. पांच लॉन्च हो चुके हैं जो इस साल फरवरी 2025 तक भारतीय नौसेना में शामिल हो जाएंगे. लॉन्च किए गए फ्रिगेट्स के नाम हैं- नीलगिरी, उदयगिरी, तारागिरी, हिमगिरी और दूनागिरी.
अब छठां फ्रिगेट विंध्यगिरी लॉन्च होने वाला है. इसका डिस्प्लेसमेंट 6670 टन है. यह करीब 488.10 फीट लंबा है. इसका बीम 58.7 फीट है. इसमें दो MAN डीजल इंजन लगा है. इसके अलावा 2 जनरल इलेक्ट्रिक के इंजन लगे हैं. यानी यह इलेक्ट्रिक-डीजल युद्धपोत है. जिसकी अधिकतम गति 59 किलोमीटर प्रतिघंटा है.
Excitement is building as we countdown to just 03 days for the historic P17A #launch by #GRSE. Stay tuned for the momentous occasion! pic.twitter.com/JkmBzcHxgD
— GRSE - Garden Reach Shipbuilders & Engineers Ltd (@OfficialGRSE) August 14, 2023
विंध्यगिरी अगर 52 किलोमीटर प्रतिघंटा की स्पीड से चले तो इसकी रेंज 4600 किलोमीटर रहेगी. अगर 30-33 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चले तो यह 10,200 किलोमीटर तक जा सकता है. इसमें इमरजेंसी बचाव या हमला करने के लिए दो बोट्स हैं. इसमें एक साथ 35 अधिकारियों सहित 226 नौसैनिक तैनात हो सकते हैं.
विंध्यगिरी में डीआरडीओ द्वारा बनाया गया इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सुइट शक्ति लगा हुआ है. इसके अलावा दो काउंटरमेजर सिस्टम लगे हैं. पहले 4 कवच डेकॉय लॉन्चर्स हैं. 2 एनएसटीएल मारीच टॉरपीडो काउंटरमेजर सिस्टम लगा हुआ है. अगर हथियारों की बात करें तो इसमें एंटी-एयर वॉरफेयर के लिए 4x8 सेल वाले वर्टिकल लॉन्च सिस्टम लगे हैं. यानी इनसे सतह से हवा में मार करने वाली 32 बराक 8ईआर लॉन्च कर सकते हैं.
इसके अलावा एंटी-सरफेस वॉरफेयर के लिए 1x8 सेल वाला वर्टिकल लॉन्च सिस्टम लगा है. जिसमें से 8 ब्रह्मोस एंटी-शिप मिसाइल फायर होंगी. एंटी-सबमरीन वॉरफेयर के नाम पर दो ट्रिपल ट्यूब टॉरपीडो लॉन्चर्स हैं. जिनसे वरुणास्त्र मिसाइल छूटेगी.
इसमें 2 आरबीयू-6000 एंटी-सबमरीन रॉकेट लॉन्चर्स लगे हैं. यानी यहां से 72 रॉकेट्स दागे जा सकते हैं. इसके अलावा इसमें एक 76 मिलिमीटर की ओटो मेलारा नौसैनिक गन लगी है. दूसरी तरफ 2 एके-630एम CIWS गन लगी है, जो दुश्मन के जहाज, हेलिकॉप्टर, बोट्स या मिसाइल पर ऑटोमैटिकली हमला करने में सक्षम है. इस जंगी जहाज पर 2 ध्रुव हेलिकॉप्टर या दो सी-किंग एमके हेलिकॉप्टर तैनात हो सकते हैं. इस जहाज पर दो मल्टी-रोल हेलिकॉप्टर्स को रखने के लिए बंद हैंगर है.