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क्या होता है जब एक तारा मरता है... James Webb ने पहली बार दिखाया अंतरिक्ष का सबसे बड़ा विस्फोट

अंतरिक्ष में जब एक तारा मरता है तो क्या होता है? James Webb स्पेस टेलिस्कोप ने पहली बार एक तारे के मरने के बाद के न्यूट्रॉन स्टार विस्फोट को कैद किया. यह अंतरिक्ष में दिखा अब तक सबसे बड़ा विस्फोट है. आइए जानते हैं कि इस विस्फोट के पीछे कौन सा तारा था, जो अब खत्म हो चुका है.

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जेम्स वेब स्पेस टेलिस्कोप ने एक तारे की मौत के बाद हुए विस्फोट की तस्वीर ली. (फोटोः NASA/ESA)
जेम्स वेब स्पेस टेलिस्कोप ने एक तारे की मौत के बाद हुए विस्फोट की तस्वीर ली. (फोटोः NASA/ESA)

नासा और यूरोपियन स्पेस एजेंसी के संयुक्त स्पेस टेलिस्कोप James Webb Space Telescope ने अंतरिक्ष में ऐसा नजारा कैप्चर किया है, जो अब तक नहीं देखा गया था. पहली बार किसी तारे के मरने के बाद अंतरिक्ष में फैले सुपरनोवा के बीच न्यूट्रॉन स्टार की चमक दिख रही है. इस सुपरनोवा का नाम है SN 1987A. 

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यह सुपरनोवा विस्फोट अब दिखा अंतरिक्ष का सबसे बड़ा विस्फोट है. यह हमारी धरती से 1.60 लाख प्रकाश वर्ष दूर है. लार्ज मैग्लेनिक क्लाउड में मौजूद SN 1987A की खोज 1987 में हुई थी. यह पहला सुपरनोवा था जो 1604 के बाद से लगातार अंतरिक्ष में दिखाई दे रहा था. वो भी नंगी आंखों से... बिना टेलिस्कोप के. 

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इस विस्फोट ने ही वैज्ञानिकों को सुपरनोवा यानी मरते हुए तारों को पढ़ने के लिए प्रेरित किया. SN 1987A एक टाइप-2 सुपरनोवा है, जिसका केंद्र खत्म हो चुका है. यानी केंद्र से जो चीजें खत्म हुई हैं, वो या तो ब्लैक होल बना रही हैं, या फिर न्यूट्रॉन स्टार बना रही हैं. पहले न्यूट्रॉन स्टार माना जा रहा था लेकिन बाद में जेम्स वेब ने इसकी पुष्टि कर दी. 

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जेम्स वेब ने जो तस्वीर ली, उसमें उस न्यूट्रॉन स्टार से बहुत अधिक मात्रा में ऊर्जा निकलती दिख रही है. सुपरनोवा तभी बनता है जब कोई बड़ा तारा मरता है. कुछ घंटे में विस्फोट हो जाता है. कुछ महीनों में विस्फोट बहुत बड़ा हो जाता है. बचा हुआ कुछ दशकों में धीरे-धीरे खत्म होता है. लेकिन कोई भी सुपरनोवा रीयल टाइम में यह स्टडी करने का मौका नहीं देता. 

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SN 1987A को पहली बार 1987 में देखा गया. लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि इससे पहले तारे खत्म नहीं होते थे. सुपरनोवा विस्फोट नहीं होता था. सुपरनोवा विस्फोट के कुछ सेकेंड बाद ही न्यूट्रिनोस का ब्लास्ट देखने को मिला.  जेम्स वेब टेलिस्कोप इस सुपरनोवा विस्फोट को 2022 से मॉनिटर कर रहा है. उसके बाद ही इसने यह तस्वीर हासिल की है. 

इस तस्वीर को हासिल करने के लिए जेम्स वेब ने NIRSpec (Near Infrared Spectrograph) की मदद ली. जांच करने पर पता चला कि इस विस्फोट से आयन आर्गन निकल रहा है. यानी यहां पर बहुत ज्यादा रेडिएशन हो रहा है. यह एक नया न्यूट्रॉन स्टार है. 

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