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क्या हैं CAT-3 कैटेगरी के रनवे जिसकी देश में है कमी, FOG है फ्लाइट में देरी का बड़ा कारण

देश में CAT-3 स्तर के रनवे की कमी है. इसलिए कोहरे में विमानों का संचालन ढंग से नहीं हो पा रहा है. उड़ानें देरी से हो रही हैं. डायवर्ट की जा रही हैं. रद्द की जा रही हैं. आइए जानते हैं कि ये CAT-3 लेवल के रनवे क्या होते हैं? इनके होने से क्या फायदा होता है?

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कोहरा छंटने के इंतजार में दिल्ली एयरपोर्ट के टर्मिनल 3 पर खड़ा विमान. (फोटोः गेटी)
कोहरा छंटने के इंतजार में दिल्ली एयरपोर्ट के टर्मिनल 3 पर खड़ा विमान. (फोटोः गेटी)

दिल्ली में भयानक सर्दी पड़ रही है. तापमान गिरता जा रहा है. कोहरा बढ़ता जा रहा है. ट्रेन लेट हो रही हैं. विमान सेवा भी. उड़ानों को या तो डायवर्ट किया जा रहा है. या उड़ानें रद्द हो रही हैं. उड़ानों को जारी रखा जा सकता था. अगर CAT-3 लेवल के रनवे एयरपोर्ट पर होते. दिल्ली एयरपोर्ट पर सिर्फ दो ही इस लेवल के रनवे है. 

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कम दृश्यता में ऐसे रनवे पर लैंडिंग कराना आसान होता है. इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट का मुख्य रनवे नंबर 28/10 और 29L/11R ही कैट-3 लेवल के हैं. ये दोनों ही गुरुग्राम की दिशा में हैं. जबकि दो अन्य रनवे 11L/29R और 09/27 कैट-3बी लेवल के रनवे नहीं हैं. सिर्फ यही एक दिक्कत नहीं है. रनवे की दिशा में लगे क्रेन भी समस्या पैदा कर रहे हैं. 

दिल्ली एयरपोर्ट ने NHAI को लिखा है कि गुरुग्राम की तरफ वाले छोर पर मौजूद 29L/11R रनवे पर क्रेन दिक्कत दे रहे हैं. इसका मतलब ये है कि कम दृश्यता के दौरान रनवे का एक ही छोर लैंडिंग या टेकऑफ के लिए सही है. समस्या ये है कि मुख्य रनवे 28/10 इस समय रिपेयरिंग के चलते बंद है. यहां से उड़ानें हो नहीं रही हैं. 

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चिट्ठी लिखकर क्रेन की शिकायत भी हुई

इंडिया टुडे के पास वह पत्र है, जिसमें दिल्ली एयरपोर्ट ने क्रेन की शिकायत की है. यह पत्र J Kumar Infra को लिखा गया है. 8 जनवरी 2024 को भेजे गए पत्र में लिखा है कि बेहद दुख के साथ कहना पड़ रहा है, कि 5 जनवरी 2024 को M/s J Kumar ने द्वारका के सेक्टर 21 के पास रेलवे अंडरपास के ऊपर एक क्रेन खड़ी की थी. यह SOP के खिलाफ है. 

पत्र में लिखा है कि क्रेनों को अनाधिकृत तरीके से खड़ा करना संयुक्त जांच का विषय हो सकता है. इससे कम ऊंचाई पर उड़ रहे विमानों को खतरा हो सकता है. इस स्थिति को सुधारने का प्रयास किया जा सकता है. 

Delhi Airport Flight Delays India Today

पायलट का कैट-3 ट्रेन्ड होना जरूरी है

कोहरे के समय विमानों को दूसरे एयरपोर्ट पर भेजने के लिए भी पायलट का CAT-3 ट्रेन्ड होना जरूरी है. अगर पायलट सही से ट्रेनिंग ले चुका है और कैटेगरी-3 इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग एप्रोच के लिए सर्टिफिकेट हासिल कर चुका है, तो यह काम हो सकता है. कैट-3 विपरीत परिस्थितियों वाले मौसम में विमानों की सुरक्षित लैंडिंग कराने का इंटरनेशनल स्टैंडर्ड है. 

कैट-3 में एडवांस ऑटोपायलट, ग्राउंड इक्विपमेंट और प्रेसिशन इंस्ट्रूमेंट एप्रोच शामिल होता है. जो विमान को अत्यधिक कम दृश्यता के दौरान लैंडिंग कराने की ताकत देता है. चाहे घना कोहरा हो या फिर तेज बारिश हो रही हो. 

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कितने प्रकार के होते हैं रनवे

एयरपोर्ट पर रनवे की तीन कैटेगरी होती हैं, इनका वर्गीकरण इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग क्षमता के अनुसार किया जाता है. 

CAT-1 ऑपरेशन
 
- प्रेसिशन इंस्ट्रूमेंट एप्रोच एंड लैंडिंग. 
- डिसिजन हाइट 200 फीट से कम नहीं होनी चाहिए. 
- सामान्य दृश्यता 800 मीटर से कम या रनवे विजुअल रेंज 550 मीटर से कम नहीं होनी चाहिए. 

CAT-2 ऑपरेशन

- प्रेसिशन इंस्ट्रूमेंट एप्रोच एंड लैंडिंग. 
- डिसिजन हाइट 200 फीट से कम हो सकती है लेकिन 100 फीट से कम नहीं. 
- रनवे विजुअल रेंज 350 मीटर से कम नहीं होनी चाहिए. 

CAT-3 का ऑपरेशन

कैट-3 रनवे सबसे उच्चतम स्तर के इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग कैपेबिलिटी को फॉलो करते हैं. इन्हें तीन अन्य श्रेणियों में बांटा गया है...  

CAT-3A ऑपरेशन... 

- प्रेसिशन इंस्ट्रूमेंट एप्रोच एंड लैंडिंग. 
- डिसिजन हाइट 100 फीट से कम या फिर कोई डिसिजन हाइट नहीं. 
- रनवे विजुअल रेंज 200 मीटर से कम नहीं होना चाहिए. 

CAT-3B ऑपरेशन... 

- प्रेसिशन इंस्ट्रूमेंट एप्रोच एंड लैंडिंग. 
- डिसिजन हाइट 50 फीट से कम नहीं होनी चाहिए या फिर कोई डिसिजन हाइट नहीं. 
- रनवे विजुअल रेंज 200 से कम हो सकता है लेकिन 50 मीटर से कम नहीं. 

CAT-3C ऑपरेशन... 

- प्रेसिशन इंस्ट्रूमेंट एप्रोच एंड लैंडिंग. 
- कोई डिसिजन हाइट नहीं. 
- कोई रनवे विजुअल रेंज नहीं.

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Delhi Airport Flight Delays

फ्लाइट राडार24 वेबसाइट के मुताबिक दिल्ली एयरपोर्ट पर 14 जनवरी 2024 को 100 से ज्यादा उड़ानें देरी से थीं. पांच उड़ानों को डायवर्ट किया गया. चार जयपुर को और एक अहमदाबाद को. यह डायवर्शन रात 1 बजे से सुबह 5 बजे तक किया गया. क्योंकि 3 बजे के आसपास दिल्ली एयरपोर्ट पर दृश्यता जीरो (Zero Visibility) थी. 

मौसम के खराब हालात देखते हुए दिल्ली एयरपोर्ट लोगों ने गुजारिश कर रही है कि उड़ान से पहले अपने विमानन कंपनी से बात कर लें. एयरपोर्ट अथॉरिटी ने अपने X हैंडल पर लिखा है कि घने कोहरे की वजह से दिल्ली एयरपोर्ट उड़ानें बाधित हो रही हैं. या हो सकती हैं. इसलिए यात्रियों से निवेदन है कि यात्रा से पहले अपने एयरलाइन से संपर्क जरूर कर लें. 

क्या कहा सरकार ने इस पूरी घटना के बारे में... 

नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने यात्रियों को भरोसा दिलाया है कि उनका मंत्रालय रनवे की कमी और कोहरे से हो रही दिक्कतों को खत्म करने के लिए लगातार काम कर रही है. X पर एक दुखी यात्री की प्रतिक्रिया पर जवाब देते हुए नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने कहा कि ये बात सही नहीं है कि रनवे काम नहीं कर रहे है.

दिल्ली एयरपोर्ट के सभी रनवे काम कर रहे हैं. जिसमें CAT-3 रनवे भी शामिल है. हम अपनी क्षमता के अनुसार लगातार उड़ानों का संचालन करवा रहे हैं. कोहरे की वजह से हमारी क्षमताओं पर असर पड़ा है लेकिन काम रुका नहीं है. मंत्रालय ने कहा कि कैट-3 रनवे 11R/29L ने सुबह 5 से 9 बीच तीस विमानों की लैंडिंग कराई और एक का टेकऑफ. 

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नॉन-कैट-3 रनवे 9/27 पर किसी तरह की उड़ान सेवा संचालित नहीं की गई. लेकिन 11L/29R ने दो टेकऑफ कराए. मंत्री ने कहा कि हम अपना पूरा प्रयास कर रहे हैं. ताकि यात्रियों को दिक्कत न हो. हमारे सभी साथी चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं ताकि कोहरे से संबंधित दिक्कतों को कम किया जा सके. 

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