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LCH Prachand में उड़ान से पहले रक्षा मंत्री राजनाथ ने क्यों पहना ये हरा सूट, जानें इसकी खासियत

केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने जोधपुर एयरबेस पर लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर प्रचंड भारतीय वायुसेना को सौंपा. उसमें उड़ान भी भरी. अलग तरह का सूट पहनकर. जो आमतौर पर हेलिकॉप्टर या फाइटर जेट पायलट पहनते हैं. आखिर इस सूट को पहनते क्यों हैं? इसका नाम क्या है? ये कैसे बनता है? इसे पहनने से फायदा क्या होता?

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जोधपुर एयरबेस पर LCH प्रचंड की उड़ान से ठीक पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह. (फोटोः PTI)
जोधपुर एयरबेस पर LCH प्रचंड की उड़ान से ठीक पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह. (फोटोः PTI)

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने 3 अक्टूबर 2022 को जोधपुर एयरबेस पर भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) को 10 लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर (LCH) सौंपे. इन हेलिकॉप्टरों को एलसीएच प्रचंड नाम दिया गया है. इस हेलिकॉप्टर में राजनाथ सिंह ने उड़ान भी भरी. कार्यक्रम में तो रक्षामंत्री अपने पारंपरिक कुर्ते पैजामे और हाफ जैकेट में पहुचे थे. लेकिन उड़ान से पहले वो एकदम पायलट लग रहे थे. पायलटों वाला यूनिफॉर्म पहना था. हाथों में हेलमेट था. आंखों पर एविएटर चश्मा. आखिर उन्होंने यह सूट पहना क्यों? क्या नाम है इस सूट का? 

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LCH Prachand Rajnath Singh G Suit

एलसीएच प्रचंड (LCH Prachand) में जाने से पहले राजनाथ सिंह को जो आर्मी ग्रीन रंग की यूनिफॉर्म पहनाया गया. उसे असल में जी सूट (G-Suit) कहते हैं. इसे एंटी-जी सूट (anti-g suit) भी कहते हैं. यह एक खास तरह का फ्लाइट सूट (Flight Suit) होता है जो आमतौर पर फाइटर पायलट और एस्ट्रोनॉट्स पहनते हैं. अब यह जानते हैं कि आखिर जी सूट को क्यों पहना जाता है.  

जब आप फाइटर जेट या कॉम्बैट हेलिकॉप्टर में तेज गति में उड़ान भरते हैं, तब धरती के गुरुत्वाकर्षण शक्ति की वजह से शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं. बेहोशी आने लगती है. क्योंकि आप गुरुत्वाकर्षण के विपरीत दिशा में जा रहे होते हैं. कलाबाजियां करते हैं. ऐसे में शरीर का खून ग्रैविटी की वजह से शरीर के निचले हिस्से में जाने लगता है. दिमाग में खून की कमी होने लगती है. इससे आंखों के सामने अंधेरा छाने लगता है. या फिर आप बेहोश (g-LOC) होने लगते हैं. इसकी वजह से कई बड़े हादसे भी हो चुके हैं. 

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LCH Prachand Rajnath Singh G Suit

खून का बहाव सही बना रहे इसलिए जरूरी है सूट

जी सूट इसलिए भी पहना जाता है ताकि तेज गति में चलते समय आपके शरीर में खून का बहाव एक समान रहे. इसलिए ज्यादातर फाइटर प्लेन्स में ऑक्सीजन मास्क होते हैं. ताकि जब इस तरह के फोर्स का सामना करना हो तो यह मास्क लगा लिया जाए. हालांकि एलसीएच प्रचंड हेलिकॉप्टर इतनी तेज नहीं उड़ता. न ही फाइटर जेट की गति से आसमान में जाता है. इसलिए यहां पर मास्क की जरुरत नहीं पड़ती. 

LCH Prachand Rajnath Singh G Suit

गर्मी और पसीने से बचाता है ताकि थके नहीं पायलट

हेलिकॉप्टर और फाइटर जेट्स के इंजनों की गर्मी की वजह से अक्सर इनके कॉकपिट का तापमान बढ़ा रहता है. ऐसे में ये सारी गर्मी पायलट के शरीर में जाती है. जबकि पायलट जी-सूट, फ्लाइट वाले दस्ताने, जूते, हेलमेट और सर्वाइवल वेस्ट पहनकर रखता है. कॉकपिट का तापमान भी कम रखा जाता है लेकिन तापमान बढ़ा तो पायलट को डिहाइड्रेशन होने लगता है. थकान होने लगती है. इससे उसकी गुरुत्वाकर्षण शक्ति के विपरीत जाने की ताकत कम होने लगती है. उसे दिखने में दिक्कत होने लगती है. इसकी वजह से कई बार हादसे हो चुके है.

LCH Prachand Rajnath Singh G Suit

जी सूट पहनने के कई तरह के फायदे हैं, जानिए कौन से

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जी सूट पहनने का मुख्य मकसद ये है कि जब पायलट ग्रैविटी के विपरीत दुश्मन के खिलाफ उड़न भरे तो उसका सिर हल्का न हो. थकान न हो. बेचैनी न हो. या फिर सीधे बैठे-बैठे बेहोश न हो. जी सूट को काफी ज्यादा बॉडी फिट बनाया जाता है. इस शरीर से चिपका रहता है. इसके पैंट्स में फूलने पिचकने वाले ब्लैडर्स होते हैं. जो पेट और पैरों को सही मात्रा में दबाकर रखते हैं. ताकि तेज गति में ग्रैविटी के विपरीत उड़ान भरते समय दिमाग तक खून का बहाव कम न हो. अब कुछ नए और अत्याधुनिक फाइटर जेट्स में जी सूट के जरिए फेफड़ों पर भी हल्का दबाव बनाया जाता है, ताकि सांस लेने पर पॉजिटिव प्रेशर (Positive Pressure) शरीर पर पड़े. ताकि पायलट जी फोर्स को बर्दाश्त कर सके. 

LCH Prachand Rajnath Singh G Suit

कई जी सूट मौजूद हैं दुनिया में... अलग-अलग काम के लिए

दुनियाभर में फाइटर पायलटों के लिए कई प्रकार के जी-सूट मौजूद हैं. पहले पानी से भरे ब्लैडर्स वाले जी सूट आते थे. अब फूलने-पिचकने वाले जी सूट आते हैं. ये पानी से भरे ब्लैडर्स की तुलना में हल्के होते हैं. लेकिन अब भी पानी वाले जी सूट का इस्तेमाल ज्यादा होता है. अब ये जानना जरूरी है कि जी सूट की किस ताकत के खिलाफ काम करता है. फाइटर पायलट कितना जी फोर्स सह सकते हैं. सूट ऊपर से नीचे तक एक होता है. यह पैंट और शर्ट की तरह अलग नहीं होता. नहीं जी फोर्स में यह फट सकता है. 

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LCH Prachand Rajnath Singh G Suit

कितना जी फोर्स सह सकते हैं फाइटर पायलट

पूरी दुनिया में जी फोर्स सहने की क्षमता 3 से 5 G  है. जी सूट पहनने से आपके जी फोर्स सहने की क्षमता नहीं बढ़ती. इसमें अधिकतम 1 G अधिक सहने की ताकत बढ़ती है. लेकिन जी सूट पहनने से आप जी फोर्स को ज्यादा देर तक सह सकते हैं. इसकी वजह ये है कि जी सूट पैरों और पेट के हिस्से को टाइट बांध देता है. इससे आपको ज्यादा जी फोर्स सहने की क्षमता मिलती है. आधुनिक फाइटर जेट्स में 9 G तक की ताकत को बर्दाश्त कर सकते हैं. जिससे पायलटों को भी आसानी होती है. 

हेलिकॉप्टर में कितना जी फोर्स लगता है

हेलिकॉप्टर आमतौर पर फाइटर जेट्स की तरह सीधे ऊपर. दाएं-बाएं. कलाबाजी करते हुए नहीं जाता. यह ज्यादातर हॉरोजोंटली ही उड़ता है. इसलिए इसपर अधिकतम 1.5 से 2 G तक की ताकत लगती है. इसलिए इसमें पायलट को ज्यादा परेशानी नहीं होती लेकिन ज्यादा समय तक युद्ध क्षेत्र में टिके रहने और शारीरिक समस्याओं से बचने के लिए जी सूट पहनना जरूरी होता है. आमतौर पर एक जी सूट 4 से 8 हजार रुपये तक आता है. 

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